शहादत को सलाम: शहीद उधम सिंह के सम्मान में हिसार के इस गांव का बदलेगा नाम

सिरसा में शहीद उधम सिंह जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते सीएम नायब सिंह सैनी।
शहादत को सलाम : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री वीरवार को सिरसा में मुख्य धाम बाबा भूमणशाह जी संगर सरिस्ता में शहीद उधम सिंह के शहीदी दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पंचकूला में कम्बोज सभा को प्लॉट देने की घोषणा की। साथ ही फतेहाबाद, कैथल और जगाधरी में प्लॉट लेने हेतु सभा द्वारा आवेदन करने उपरांत उन्हें प्राथमिकता के आधार पर प्लॉट प्रदान किया जाएगा।
गांव बाड़ा सुलेमान का नाम होगा उधमपुरा
मुख्यमंत्री ने हिसार के गांव बाड़ा सुलेमान का नाम शहीद उधम सिंह के नाम पर उधमपुरा करने की घोषणा की। बाबा भूमण शाह मुख्य धाम की भूमि पर उनके नाम से राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल का निर्माण करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी फिजिबिलिटी चैक करवाकर इसे पूरा करने का काम किया जाएगा। इसके अलावा घग्गर नदी से रंगोई नाला निकालकर गांव रामपुरा ढाणी से गुजरता हुआ बनाया जाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने इसकी फिजिबिलिटी चैक करवाकर पूरा करवाने की घोषणा की। ओबीसी वर्ग में क्लास-1 व क्लास- 2 श्रेणी की नौकरियों में आरक्षण की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे ओबीसी आयोग को अवगत करा कर लागू कराने का काम किया जाएगा। इनके अलावा, अन्य मांगों को संबंधित विभागों में फिजिबिलिटी चैक करवाने हेतु भेजा जाएगा।
जलियां वाला बाग का लिया था बदला
सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि शहीद उधम सिंह ने असत्य, अन्याय और शोषण के विरुद्ध संघर्ष करते हुए आज के ही दिन वर्ष 1940 में शहादत पाई। उनकी कुर्बानी ने आजादी के लिए देशवासियों में एक नई जागृति पैदा की। जब उधम सिंह केवल 20 वर्ष के थे तो 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग की हृदय विदारक घटना ने उनके दिल और दिमाग पर गहरा आघात किया। उस जलसे में वे पानी की सेवा कर रहे थे। उन्होंने उसी दिन इस कत्लेआम का बदला लेने का प्रण लिया। उधम सिंह ने 13 मार्च 1940 को लंदन के कैस्टन हाल में माइकल डायर को गोली मार कर जलियां वाला कांड का बदला लिया था। 31 जुलाई 1940 को लंदन में उधम सिंह को फांसी दी गई।
सेनानियों की याद में अंबाला में युद्ध स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने शहीदों के बलिदानों का कर्ज तो नहीं चुका सकते, लेकिन उनके प्रति अपनी कृतज्ञता अवश्य जता सकते हैं। इसी उद्देश्य से 1857 के सेनानियों को नमन करने तथा उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए अंबाला में युद्ध स्मारक का निर्माण कराया जा रहा है। यह स्मारक नई पीढ़ियों को उन महान सेनानियों जैसी देशभक्ति अपनाने की प्रेरणा देता रहेगा। सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों व उनकी विधवाओं की पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये मासिक की है।
युवा शहीदों से प्रेरणा लें : बाबा ब्रह्म दास
इस अवसर पर डेरा बाबा भूमणशाह जी के गद्दीनशीन बाबा ब्रह्म दास ने मुख्यमंत्री नायब सैनी का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दिन रात जन सेवा के लिए तत्पर रहते हैं और हर वर्ग के कल्याण व उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। बाबा ब्रह्म दास ने युवाओं से आह्वान किया कि वे देश के शहीदों से प्रेरणा लें, अच्छे संस्कार अपनाएं और सच्चे देशभक्त बनकर राष्ट्र की सेवा करें। इस अवसर पर स्वामी ब्रह्मानंद, महेश मुनी, महंत गोमती दास, महंत सागर नाथ, जर्मन सांसद राहुल कम्बोज, उड़ीसा के पूर्व राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, पूर्व मंत्री करण देव कम्बोज, पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल, पूर्व विधायक दुड़ा राम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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