विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: स्कूलों में पढ़ाएंगे भारत-पाक बंटावरे का इतिहास, कुरुक्षेत्र में बनेगा स्मारक

फरीदाबाद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रदर्शनी का अवलोकन करते केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व सीएम नायब सिंह सैनी।
Partition horrors Remembrance Day : हरियाणा के फरीदाबाद में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने 1947 के भारत विभाजन की भीषण त्रासदी का स्मरण करते हुए लाखों विस्थापित परिवारों की पीड़ा और संघर्ष को नमन किया। इस मौके पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि विभाजन से संबंधित साहित्य एवं दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि लोगों को विभाजन के बारे में जानकारी मिल सके। साथ ही, विभाजन विभीषिका के विषय को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि हमारे पूर्वजों ने जो अत्याचार सहे उनकी जानकारी आने वाली पीढ़ियों को मिल सके।
कुरुक्षेत्र में स्मारक के लिए दिए 51 लाख
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक परंपराओं के कारण बेटियों की शादी के बाद उनका नाम बदल दिया जाता है और दस्तावेजों में नाम बदलने के कारण दिक्कतें आती हैं। इसके लिए हरियाणा सरकार द्वारा नाम में संशोधन करने के लिए एक विशेष प्रावधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुरुक्षेत्र में विभाजन विभीषिका स्मृति स्मारक के निर्माण के लिए अपने ऐच्छिक कोष से 51 लाख रुपये देने की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व अन्य अतिथियों ने विभाजन का दंश झेलने वाले पूर्वजों को सम्मान देते हुए प्रतीकात्मक रूप से सरदार मोहर सिंह भाटिया, जो विभाजन के समय सिर्फ 7 साल के थे, उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
विभाजन के दर्द का गवाह है फरीदाबाद
नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा की इस भूमि ने बंटवारे के दर्द को कुछ अधिक ही सहन किया है। यहां से अनेक परिवार पाकिस्तान तो गए ही, उस समय के पश्चिमी पंजाब से उजड़कर आने वाले परिवारों की संख्या भी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद शहर उस त्रासदी का जीता-जागता प्रमाण है। जब देश का बंटवारा हुआ, तो लाखों लोग अपना सब कुछ छोड़कर यहां आए थे। ये वे लोग थे, जिन्होंने अपने घर-बार, अपनी ज़मीनें और अपनी विरासत खो दी थीं। फरीदाबाद को उनके पुनर्वास के लिए एक नया शहर बनाने का निर्णय लिया गया। यह सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि आशा की एक नई किरण थी। विस्थापित लोगों ने अपनी मेहनत और लगन से इस शहर को खड़ा किया। उन्होंने न केवल अपने लिए एक नया शहर बनाया, बल्कि इस शहर को हरियाणा का एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र भी बना दिया।
बड़खल में भी है विभाजन विभीषिका स्मारक
सीएम ने कहा कि देश के विभाजन की विभीषिका के पीड़ित लोगों की याद में फरीदाबाद के बड़खल में एक स्मारक बनाया गया है। प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी विभाजन विभीषिका स्मारक बनाए जा रहे हैं। कुरुक्षेत्र के मसाना गांव में विश्व स्तरीय शहीदी स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज का यह दिन दुख और शोक मनाने का दिन तो है ही, बल्कि यह हमें सीख भी देता है कि हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना है। हमें उन गलतियों से सीखना होगा, जिन्होंने इतनी बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। हमारे लिए यह समझना बहुत ज़रूरी है कि धर्म, जाति और भाषा के नाम पर नफरत फैलाना कितना खतरनाक हो सकता है।
कांग्रेस ने शहादत को भुला दिया : मनोहर लाल
कार्यक्रम में केंद्रीय बिजली, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आजादी से पहले देश का विभाजन होना एक ऐसी घटना थी, जिसने लाखों लोगों के जीवन को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि उस दौर में लोग जान बचाने के लिए नहीं, बल्कि देश प्रेम और अपने धर्म पर अडिग रहने के लिए यहां आए थे। वहां धर्म बदलकर जान, ज़मीन-जायदाद सब बच सकती थी, लेकिन उन्होंने यह रास्ता नहीं चुना। उन्होंने कहा कि जो परिवार पश्चिमी पंजाब से आए थे, तब तो पाकिस्तान बना भी नहीं था, फिर भी उन परिवारों को पाकिस्तानी और रिफ्यूजी कहा जाता था। उन्होंने कहा कि जब उस दौर में विस्थापितों को आरक्षण देने का प्रस्ताव आया, तो समाज ने एकजुट होकर कहा कि उन्हें आरक्षण नहीं चाहिए। उन लोगों ने व्यापार, शिक्षा और सामाजिक उत्थान में मेहनत और पुरुषार्थ के साथ प्रगति की। वहीं, कांग्रेस ने उस समय शहादत को याद करने की बजाय सब भूल जाना उचित समझा।
पंचनद ट्रस्ट संग्राहलय में संजो रहा यादें
पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष सुधा ने कहा कि वर्ष 2003 से ही ट्रस्ट ने विभाजन के पीड़ितों की स्मृतियों को संजोने का प्रयास आरंभ किया और एक भव्य संग्रहालय की स्थापना का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस स्मारक और संग्रहालय के माध्यम से आने वाली पीढ़ियां विभाजन की पीड़ा और बलिदान की गाथा को जान सकेंगी और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का स्मरण कर सकेंगी। कार्यक्रम में पंचनद स्मारक ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी धर्मदेव, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, श्रुति चौधरी, राज्य मंत्री राजेश नागर, गौरव गौतम, विधायक मूलचंद शर्मा, सतीश फागना, बिमला चौधरी, धनेश अदलखा, विनोद भ्याणा और लक्ष्मण यादव, मेयर प्रवीण बत्रा जोशी आदि मौजूद रहे।
