वेयरहाउसिंग में भर्ती का मामला: आईएएस खेमका की बढ़ी मुश्किलें, पंचकूला कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल

Khamka
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रिटायर्ड आईएएस अशोक खेमका।

आईएएस साढू द्वारा कार्रवाई रोकने का दबाव बनाने, क्लोजर रिपोर्ट में विरोधाभास का दावा। हुड्डा के कार्यकाल में 2009-10 में भर्तियां। सरकार से मांगा जवाब, फरवरी में सुनवाई।

हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका की हाउसिंग बोर्ड भर्ती मामले में मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री काल में 2009-10 में हुई भर्तियों में गड़बडी को लेकर पंचकूला की कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दाखिल की गई है। जिसमें भर्तियों में गड़बड़ी करने और वेयरहासिंग की एमडी आईएएस डॉ. डॉ. शालिनी पंकज अग्रवाल पर दबाव में काम करने का दावा किया गया है।

कोर्ट में दाखिल पिटीशन में भर्तियों को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने पिटीशन पर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई फरवरी 2026 में होगी। याचिका में अशोक खेमका के साढू आईएएस पंकज अग्रवाल व 26 अप्रैल 2022 को दर्ज करवाई गई एफआईआर का भी जिक्र किया गया है।

यह था मामला

हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हरियाणा वेयरहासिंग कॉरपोरेशन में 2009-10 में दो मैनेजर रैंक सहित 25 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी।

उस समय आईएएस अशोक खेमका वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के एमडी थे। खेमका के बाद वेयरहाउसिंग बोर्ड के एमडी बने आईएएस संजीव वर्मा ने इसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव संजीव कौशल व कृषि विभाग की एसीएस सुमिता मिश्रा को भेजी थी। जिसमें अशोक खेमका के खिलाफ जार्चशीट करने व भर्ती किए गए दोनों अधिकारियों को निलंबित करने की सिफारिश

की थी।

क्लोजर रिपोर्ट पर उठाए सवाल

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में पेश की गई पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं। पंचकूला की सेक्टर 5 पुलिस चौकी प्रभारी ने पीसी अधिनियम 1988 की धारा 17ए के तहत

मंजूरी लेने में असफल रहने की बात कहकर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को बंद करने के लिए कोर्ट के सामने अनट्रेस क्लोजर रिपोर्ट पेश की तथा 17 नवंबर 2025 को उस पर सुनवाई भी हो चुकी है। याचिका में दावा किया कि इस मामले में जांच के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं थी, परंतु आईओ ने जानबूझकर जांच नहीं की। जबकि इस मामले में इंटरव्यू कमेटी के तत्कालीन चेयरमैन एसीपी विजय नेहरा ने 12 मई 2022 को लिखे पत्र में नियुक्तियों को गलत बताया था। आईपीसी की धारा 420 में एडीजे न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कोर्ट में हो सकती है। उन्होंने हरियाणा राज्य भंडारण निगम के प्रबंध निदेशक की ओर से वनीत चावला सचिव (सेवानिवृत्त) और मनोज कुमार सचिव के बयान भी कानून के प्रावधानों के विरुद्ध दर्ज किए हैं, क्योंकि वे खुद को अधिकृत शिकायतकर्ता होने का दावा नहीं कर सकते थे।

कोर्ट ने यह दिया आदेश

पंचकूला कोर्ट की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अर्पणा भारद्वाज ने अपने आदेश में लिखा- प्रथम शिकायतकर्ता रविन्द्र कुमार ने मामले को विशेष अधिकार क्षेत्र वाली एक सक्षम

अदालत में स्थानांतरित करने के लिए एक आवेदन किया है। अब इस पर सरकार को निर्धारित अवधि में अपना जवाब पेश करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए 6 फरवरी 2026 की डेट निर्धारित की है। रॉबर्ड वाड्रा से जुड़े जमीन सौदे को रद करने से चर्चा में आए

अशोक खेमका 2012 में सोनिया गांधी के दामाद (प्रियंका गांधी के पति) राबर्ड वाड्रा की जमीन से जुड़ा सौदे के म्यूटेशन रद करने से चर्चा में आए थे। रॉबर्ड बाड्रा व डीएलएफ के बीच फरवरी 2008 में यह सौदा हुआ था। वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी ने गुरुग्राम के मानेसर व शिकोहपुर में ऑकोश्वर प्रॉपर्टीज से 3‍्5 एकड़ जमीन का सौदा साढ़े तीन करोड़ में किया था। जिसका म्यूटेशन 24 घंटे के अंदर चेंज कर जमीन का मालिकाना हक वाड्रा की कंपनी के नाम कर दिया था। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। अप्रैल 2025 में रिटायर हुए अशोक खेमका को 57 साल में 33 ट्रांसफर झेलने पड़े।

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