सोनीपत: 8वीं के छात्र पर चाकू और सुए से 9 वार किए, स्कूल के 3 छात्रों ने दिया वारदात को अंजाम, हालत गंभीर

Sonipat Crime
X

हरियाणा क्राइम न्यूज। 

मेडिकल कॉलेज के ICU में छात्र की हालत नाजुक बनी हुई है। पुलिस ने तीनों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया है। हमले के पीछे किसी लड़की का कारण बताया जा रहा।

हरियाणा के सोनीपत में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 14 वर्षीय छात्र हिमांशु पर तीन नाबालिग युवकों ने चाकू और बर्फ तोड़ने वाले सुए से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। हमलावर हिमांशु को गंभीर रूप से घायल कर नहर किनारे छोड़कर फरार हो गए। इस बर्बर हमले ने पूरे गांव में दहशत और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।

स्कूल से जबरन उठाकर नहर किनारे ले गए

यह भयावह वारदात शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे, स्कूल की छुट्टी के ठीक बाद हुई। गांव जुआं के रहने वाले हिमांशु (14) जो गांव के सरकारी स्कूल में आठवीं कक्षा का छात्र है, पर उसके ही स्कूल के दसवीं कक्षा के तीन छात्रों ने हमला किया।

हिमांशु के नाना जयभगवान ने थाना मोहाना में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि तीनों आरोपी बाइक पर आए और जबरदस्ती हिमांशु को उठाकर नहर की कच्ची पटरी पर, जलवीर के खेत के पास ले गए। वहां तीनों ने मिलकर हिमांशु पर चाकू और सुआ (बर्फ तोड़ने वाला नुकीला हथियार) से पेट, कमर और गर्दन पर कई वार किए। हमलावर उसे अधमरा छोड़कर मौके से भाग निकले। जयभगवान ने आरोप लगाया कि तीनों युवकों ने उनके नाती को जान से मारने की नीयत से ही हमला किया था।

खून से लथपथ मिला घायल छात्र

हमले के बाद खून से लथपथ और बेसुध पड़े हिमांशु ने मौके पर मौजूद एक राहगीर की मदद से अपने परिजनों को फोन करने के लिए नंबर बताया। सूचना मिलते ही नाना सत्यनारायण और परिवार के अन्य सदस्य तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि हिमांशु खून में लथपथ बेसुध पड़ा है। परिजन उसे तुरंत BPS खानपुर मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे और भर्ती कराया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। वह इस समय अस्पताल के आईसीयू (ICU) में भर्ती है।

डॉक्टर ने छात्र को बयान देने लायक नहीं बताया

घटना की सूचना मिलने पर थाना मोहाना पुलिस हरकत में आई। जांच अधिकारी एसआई रमेश कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जहां से घायल हिमांशु को परिजन पहले ही अस्पताल ले जा चुके थे। पुलिस ने BPS अस्पताल पहुंचकर हिमांशु की मेडिकल रिपोर्ट हासिल की।

डॉक्टर ने रिपोर्ट में हिमांशु के शरीर पर कुल 9 गंभीर चोटें दर्ज कीं। डॉक्टर ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि ये सभी चोटें धारदार हथियार से लगी हैं और ये "डेंजरस टू लाइफ" (जीवन के लिए खतरा) हैं। डॉक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि "इन चोटों का कारण किसी गिरने या सामान्य टकराव से नहीं हो सकता," जो इस बात की पुष्टि करता है कि यह एक सोची-समझी क्रूर वारदात थी। अस्पताल में भर्ती होने के कारण डॉक्टर ने हिमांशु को बयान देने लायक नहीं बताया।

मौके से मिले खून से सने हथियार

पुलिस ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की। एफएसएल (FSL) टीम डॉ. जगबीर सिंह की मौजूदगी में मौके पर पहुंची। टीम ने घटनास्थल से खून से सने चाकू, बर्फ तोड़ने वाला सुआ और खून से सनी मिट्टी को जब्त कर सील किया। मौके का नक्शा नजरी तैयार किया गया और घटनास्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग “E-साक्ष्य एप” पर अपलोड की गई, ताकि जांच में कोई कमी न रहे। नाना जयभगवान की लिखित शिकायत के आधार पर, पुलिस ने तीनों नाबालिग आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की सख्त धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

आरोपियों की गिरफ्तारी और तनाव का माहौल

पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर तीनों नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें पूछताछ के बाद मधुबन बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार हमले के पीछे शुरुआती जांच में किसी लड़की का चक्कर होने की बात सामने आई है। हालांकि, नाना जयभगवान ने इस बात का खंडन किया है। उनका कहना है कि आरोपियों ने यह बात केवल बचाव के लिए कही है, जबकि उनका नाती किसी के साथ किसी भी तरह के झगड़े में शामिल नहीं होता था।

इस निर्मम हमले से गांव के ग्रामीणों में गहरा दहशत का माहौल है। उन्होंने इस कृत्य की कड़ी निंदा कर आरोपियों के खिलाफ कठोर सजा की मांग की है। गांव में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने अतिरिक्त गश्त बढ़ा दी है और मामले की आगे की जांच एएसआई राजकिशन को सौंप दी गई है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story