राष्ट्रीय लोक अदालत: सोनीपत में 13 दिसंबर को होगा 'जल्दी न्याय', जानिए आपसी समझौते से लंबित केस निपटाने की प्रक्रिया

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सोनीपत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व मुख्य दंडाधिकारी प्रचेता सिंह।

सोनीपत जिले के साथ-साथ उपमंडल गोहाना, गन्नौर और खरखौदा भी इसमें शामिल होंगे। लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का आपसी सहमति से त्वरित और सौहार्दपूर्ण निपटारा करना है।

हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण पंचकूला के निर्देशानुसार सोनीपत जिले में 13 दिसंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह पहल लंबित कानूनी मामलों को आपसी रजामंदी और सुलह-समझौते के माध्यम से निपटाने के लिए महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी। इस आयोजन में सोनीपत जिले के साथ-साथ उपमंडल गोहाना, गन्नौर और खरखौदा भी शामिल होंगे।

यह राष्ट्रीय लोक अदालत जिला स्तर पर सोनीपत और उपमंडलीय स्तर पर गोहाना, गन्नौर और खरखौदा के न्यायिक परिसरों में आयोजित की जाएगी। इस आयोजन की देखरेख जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य दंडाधिकारी प्रचेता सिंह करेंगे, जो जिला सत्र न्यायाधीश और प्राधिकरण के अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करेंगे।

इन मामलों का होगा निपटारा

राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां दोनों पक्षों की आपसी सहमति को प्राथमिकता दी जाती है, जिससे न्याय प्रक्रिया सरल और त्वरित हो जाती है। इस लोक अदालत में निम्नलिखित प्रकार के लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा।

1. फौजदारी समाधेय मामले: वे आपराधिक मामले जिनमें दोनों पक्ष समझौता करने को तैयार हों।

2. चेक बाउंस मामले: नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट की धारा 138 से संबंधित मामले।

3. दीवानी मामले: संपत्ति विवाद, किरायेदारी, और अन्य सामान्य नागरिक विवाद।

4. मोटर वाहन दुर्घटना के मामले (MACT): दुर्घटना से संबंधित मुआवजे के दावे।

5. वैवाहिक विवाद: तलाक, भरण-पोषण और पारिवारिक विवाद से संबंधित मामले।

6. ट्रैफिक चालान: विशेष रूप से बकाया ट्रैफिक चालानों पर सुनवाई और निपटान किया जाएगा।

कोई भी परिवादी या वादकारी अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए सीधे न्यायालय पहुंचकर या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करके इस अवसर का लाभ उठा सकता है।

इसलिए लोक अदालत है महत्वपूर्ण

लोक अदालतें पारंपरिक अदालती प्रक्रियाओं से अलग और अधिक प्रभावी होती हैं। इनके माध्यम से मामलों का निपटारा करने के कई फायदे हैं।

• त्वरित न्याय: मामलों का निपटारा जल्द हो जाता है, जिससे वर्षों तक चलने वाले कानूनी विवादों से मुक्ति मिलती है।

• कम खर्च: इसमें किसी भी प्रकार की कोर्ट फीस नहीं लगती। अगर मामला पहले से कोर्ट में लंबित है और लोक अदालत में निपट जाता है, तो जमा की गई कोर्ट फीस भी वापस मिल जाती है।

• सौहार्दपूर्ण संबंध: आपसी रजामंदी से निपटारा होने के कारण दोनों पक्षों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बने रहते हैं।

• अंतिम निर्णय: लोक अदालत का फैसला अंतिम होता है और इसके खिलाफ कहीं भी अपील नहीं की जा सकती, जिससे मुकदमेबाजी समाप्त हो जाती है।

जागरूकता और सहायता केंद्र स्थापित

राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने व्यापक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का अभियान शुरू किया है। इस संबंध में, प्राधिकरण द्वारा कई सार्वजनिक स्थानों पर सहायता केंद्र (Help Desks) स्थापित किए गए हैं।

ये सहायता केंद्र सिविल अस्पताल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जिला न्यायिक परिसर और लघु सचिवालय परिसर में स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य आम जनता को लोक अदालत की तारीख, मामलों के प्रकार और निपटारे की प्रक्रिया के बारे में सूचित करना है। विभिन्न अदालतों द्वारा ऐसे मामलों का चयन भी किया जा रहा है, जिनमें सुलह की अधिकतम संभावना है।

संपर्क और हेल्पलाइन की जानकारी

राष्ट्रीय लोक अदालत से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने या किसी भी प्रकार की सहायता के लिए, इच्छुक व्यक्ति निम्नलिखित स्थानों और नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

• संपर्क केंद्र : जिला एडीआर सेंटर, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, जिला न्यायालय परिसर, सोनीपत।

• स्थानीय हेल्पलाइन: 0130-2220057

• राष्ट्रीय हेल्पलाइन: नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100

सोनीपत के निवासियों के लिए 13 दिसंबर का यह आयोजन अपने पुराने कानूनी मामलों को आपसी समझदारी और कम खर्च में निपटाने का एक सुनहरा अवसर है।


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