स्कूल में बंदर का आतंक: मुरथल के पीएम श्री स्कूल में बंदर ने नौ छात्राओं को काटा, कमरे में छिपकर बचाई जान

मुरथल के पीएम श्री स्कूल में बंदर ने नौ छात्राओं को काटा, कमरे में छिपकर बचाई जान
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सोनीपत के मुरथल के सरकारी स्कूल में बंदर की बाइट दिखातीं छात्राएं व टीचर।

हरियाणा के सोनीपत में बुधवार को एक सरकारी स्कूल में बंदर ने हमला कर 9 छात्राओं को घायल कर दिया। घटना के बाद स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और स्टाफ ने सुरक्षा के लिए छुट्टी घोषित कर दी।

स्कूल में बंदर का आतंक : हरियाणा के सोनीपत जिले के मुरथल स्थित पीएम श्री राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बुधवार को एक भयावह घटना घटी। पढ़ाई के दौरान स्कूल परिसर में अचानक एक बंदर के घुस आने से अफरा-तफरी मच गई। बंदर ने बरामदे में बैठी छात्राओं पर हमला कर दिया, जिसमें 9 छात्राएं घायल हो गईं। घटना के बाद स्कूल स्टाफ ने छात्रों को सुरक्षित कमरे में बंद किया और खुद भी जान बचाने के लिए कमरों में छिप गए।

बरामदे में बैठी छात्राओं को काटा, कमरे में छिपकर बचाई जान

बुधवार सुबह नौवीं कक्षा की छात्राएं बरामदे में पढ़ाई कर रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक एक बंदर स्कूल परिसर में दाखिल हो गया और बच्चों के बीच घुसकर उत्पात मचाने लगा। कुछ छात्राएं डर के मारे चीख पड़ीं, जिसके बाद बंदर ने 6 छात्राओं को हाथ-पैर पर काट लिया। जैसे ही बाकी छात्राएं जान बचाने को दौड़ीं, बंदर ने तीन और छात्राओं को निशाना बनाया। हमले के बाद भी बंदर स्कूल से बाहर नहीं निकला, बल्कि परिसर में देर तक घूमता रहा। स्कूल स्टाफ के लिए स्थिति को संभालना मुश्किल हो गया। कई कर्मचारियों ने खुद को कमरों में बंद कर लिया। काफ़ी देर बाद बंदर खुद ही स्कूल से निकल गया।

घायल छात्राओं का सिविल अस्पताल में इलाज, एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए

स्कूल प्रशासन ने तुरंत घायल छात्राओं को सोनीपत के सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार के तहत एंटी-रेबीज़ इंजेक्शन लगाए गए। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, सभी छात्राएं खतरे से बाहर हैं। घायल छात्राओं में 11वीं की आंचल, 10वीं की खुशी और पायल, 9वीं की ज्योति, दीप्ति, आराधना, राधिका और प्रिया, तथा 7वीं की छात्रा पायल कुमारी शामिल हैं।

स्कूल में कर दी छुट्टी, प्राचार्य ने जताई चिंता

घटना के बाद स्कूल प्राचार्य ने एहतियातन छुट्टी की घोषणा की। एक शिक्षिका ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब बंदरों ने स्कूल परिसर में हमला किया हो। उन्होंने कहा कि पेड़ों की अधिकता के कारण यहां बंदरों का आना आम हो गया है। इससे पहले भी मुझ और अन्य शिक्षकों पर हमला हो चुका है। हमने प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं मिला।

स्थानीय प्रशासन की अनदेखी से नहीं पकड़े जा रहे बंदर

शिक्षकों का आरोप है कि पहले जब बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू हुई थी तो स्थिति में थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन बाद में यह प्रयास बंद हो गया। अब हालात फिर चिंताजनक हो चुके हैं। स्कूल स्टाफ और अभिभावकों ने स्थानीय प्रशासन से स्थायी समाधान की मांग की है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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