सोनीपत में आवारा कुत्तों का आतंक: एक दिन में दो बच्चे और एक युवक को काटा, तीनों रेफर

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गन्नौर में कुत्तों के हमले का प्रतिकात्मक फोटो।

घर के पास खेल रहे दो बच्चों व एक युवक पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। कुत्तों के हमले में गंभीर रूप से घायल तीनों को मेडिकल कॉलेज खानपुर रेफर कर दिया।

हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी से सटे सोनीपत जिले में आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है। शनिवार को गन्नौर में अपने घर के पास गली में खेल रहे एक युवक व दो बच्चों पर अचानक कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। आसपास के लोगों ने किसी प्रकार तीनों को कुत्तों के चुंगल से छुड़वाया, परंतु तब तक कुत्ते उन्हें बुरी तरह से घायल कर चुके थे। घायलों को तत्काल गन्नौर अस्तपाल में भर्ती करवाया। जहां उनकी गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।

घरों से बाहर निकलने में लगता है डर

जानकारी के अनुसार शनिवार को सात वर्षीय इजहाम, 10 वर्षीय विशाल व 17 वर्षीय यश अपने घरों के पास गली में खेल रहे थे। तभी एक झुंड में वहां पहुंचे आवारा कुत्तों ने अचानक तीनों पर हमला कर दिया। कुत्तों के हमला करने पर चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे तथा किसी प्रकार से उन्हें कुत्तों से बचाकर घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचा। लोगों का कहना है कि गन्नौर की गलियों और बाजारों में सैकड़ों की संख्या में आवारा कुत्ते घूमते रहते हैं। कुत्ते राह चलते लोगों, बच्चों और बुजुर्गों पर झपट पड़ते हैं। रोजाना सुबह और शाम के समय दर्जनों कुत्ते स्कूल जाने वाले बच्चों के पीछे दौड़ते हैं। महिलाएं और बुजुर्ग घर से निकलने में अब डरने लगे हैं।

कुत्तों को पकड़ने की मांग

लोगों का कहना है कि नगरपालिका द्वारा समय-समय पर आवारा कुत्तों को पकडऩे या उन्हें एंटी रैबिज वैक्सीन लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग और पशुपालन विभाग की ओर से यह स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि शहरी क्षेत्रों में कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण नियमित रूप से होना चाहिए। प्रशासन को तुरंत प्रभाव से कुत्तों की पकडऩे की कार्रवाई शुरू करे और सभी को रैबिज-रोधी टीके लगाए जाएं।

घाव तुरंत साबुन व पानी से करें साफ

डॉ. वीपी राठी ने बताया कि यदि किसी को कुत्ता काटे तो तुरंत घाव को साबुन और पानी से कम से कम 10 मिनट तक धोएं। उसके बाद तुरंत अस्पताल जाकर एंटी रैबिज इंजेक्शन लगवाएं। देरी करने पर संक्रमण जानलेवा हो सकता है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कुत्ते के काटने की सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जाए, ताकि आवश्यक निगरानी की जा सके। सभी लोग स्वयं भी सतर्क रहें, बच्चों को अकेले बाहर खेलने न भेजें।

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