सिरसा में बनेगा IIT: मिठी सुरेरां गांव ने दी 300 एकड़ जमीन, जिला प्रशासन ने सरकार को भेजा नक्शा

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मिठी सुरेरां गांव में जमीन के लिए बनाया नक्शा। 

मिठी सुरेरां की ग्राम पंचायत ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर भी इस पर चर्चा की है, जिससे परियोजना को गति मिलने की उम्मीद है। यह जमीन राजस्थान और पंजाब सीमा के पास स्थित है।

सिरसा के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) की स्थापना के लिए सिरसा जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिले के गांव मिठी सुरेरां ने 300 एकड़ जमीन का नक्शा बनाकर सरकार को भेजा है। यह पहली बार है जब किसी गांव ने आईआईटी के लिए इतनी बड़ी जमीन देने का प्रस्ताव दिया है, जिससे इस प्रतिष्ठित संस्थान के सिरसा में बनने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।

यह प्रस्ताव जिला उपायुक्त (DC) के माध्यम से सरकार को भेजा गया है। मिठी सुरेरां की ग्राम पंचायत ने इस पहल में पूरी सक्रियता दिखाई है। पंचायत के सदस्यों ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा की, जिससे यह संकेत मिलता है कि सरकार भी इस परियोजना में रुचि ले रही है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है, तो यह सिरसा के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।

सिरसा के लिए एक बड़ी सौगात

अगर सिरसा में आईआईटी का निर्माण होता है, तो यह जिले के लिए दूसरी सबसे बड़ी सौगात होगी। इससे पहले यहां एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी हो रहा है, जो स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का इस परियोजना पर विशेष ध्यान है, जो इसकी सफलता की संभावना को और भी बढ़ा देता है। आईआईटी जैसे संस्थान की स्थापना से न केवल शैक्षिक स्तर में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी तेजी लाएगा।

मिठी सुरेरां ग्राम पंचायत ने सबसे पहले 1 अप्रैल, 2025 को डीसी के माध्यम से आईआईटी के लिए जमीन का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव के बाद, जिला प्रशासन ने जमीन का नक़्शा और अन्य रिपोर्ट मांगी, जिसे तुरंत तैयार करके सरकार को भेजा गया। यह जमीन ऐलनाबाद के खिनानिया हनुमानगढ़ रोड पर स्थित है, जो एक रणनीतिक स्थान है।

क्यों चुनी गई यह जमीन

जिस 300 एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा गया है, उसकी कई खासियतें हैं। यह इलाका राजस्थान सीमा से सटा हुआ है और पंजाब सीमा से लगभग 35-40 किलोमीटर दूर है। सबसे खास बात यह है कि यह जमीन रेलवे लाइन के साथ लगती है। रेलवे लाइन के दोनों ओर पंचायत की खाली जमीन मौजूद है, जो संस्थान के लिए एक आदर्श स्थान है।

यहां से दो माइनर भी गुजरती हैं, जो पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करती हैं। एक माइनर घग्गर नदी के ओटू हेड से आती है और दूसरी पंजाब हेड से आती है, जिसकी क्षमता लगभग 220 क्यूसेक है। पानी की पर्याप्त उपलब्धता किसी भी बड़े संस्थान के लिए बहुत जरूरी होती है।

शिक्षित और प्रगतिशील गांव मिठी सुरेरां

मिठी सुरेरां गांव की आबादी लगभग 6 हजार है और इसका शैक्षिक स्तर काफी ऊंचा है। गांव की साक्षरता दर लगभग 65% है, और लगभग 100 से ज़्यादा लोग सरकारी नौकरियों में हैं। इस गांव से पूर्व विधायक भागीराम का भी संबंध है।

यह गांव स्वतंत्रता सेनानी रामप्रताप गोदारा की जन्मभूमि भी है, जो इसकी ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है। हाल ही में कई युवा सब-इंस्पेक्टर और अन्य सरकारी पदों पर चयनित हुए हैं। गांव के तीन से चार युवक-युवतियां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं, जो यहां की शिक्षा के प्रति गंभीरता को दर्शाता है। एक प्रगतिशील गांव का प्रस्ताव निश्चित रूप से सरकार के लिए भी एक सकारात्मक संकेत है।

अधिकारियों और सरपंच का बयान

सिरसा के डीसी शांतनु शर्मा ने इस प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए कहा मिठी सुरेरां गांव में आईआईटी के लिए प्रस्ताव बनाकर पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। सरकार की ओर से अभी इस पर कोई अपडेट नहीं है, लेकिन हम उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही कोई सकारात्मक खबर मिलेगी।

मिठी सुरेरां ग्राम पंचायत के सरपंच सत्यनारायण सैन ने बताया कि उन्होंने पंचायत की ओर से जमीन का नक़्शा बनवाकर सरकार को भेज दिया है। वह मुख्यमंत्री से भी मिले थे, और उन्होंने सकारात्मक आश्वासन दिया है। सरपंच ने कहा हम सब मिलकर इस सपने को साकार करने के लिए प्रयास कर रहे हैं और हमें पूरा विश्वास है कि जल्द ही सिरसा में एक आईआईटी होगा।

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