हनीट्रैप गिरोह का भंडाफोड़: सिरसा में 4 महिलाओं समेत 12 लोग पकड़े, फर्जी ID से करते थे किडनैपिंग और ठगी

सिरसा में पकड़ा गया गिरोह।
सिरसा पुलिस ने एक बड़े हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस ने इस गिरोह के 12 सदस्यों (4 महिलाएं और 8 युवक) को किडनैपिंग और ठगी के आरोप में पकड़ा है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह की मास्टरमाइंड महिला ने यह सब अपनी ननद से सीखा था, जो पहले भी इसी तरह के अपराधों में शामिल रही है।
फर्जी आईडी से फंसाने का प्लान
पुलिस के अनुसार इस गिरोह की एक आरोपी महिला ने फेसबुक पर 'खुशी' नाम से एक फर्जी आईडी बनाई। इस आईडी के जरिए सिरसा के गांव चिलकनी ढाब निवासी अविवाहित जसवंत को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई। रिक्वेस्ट स्वीकार होते ही दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई।
महिला ने जसवंत को बताया कि वह तलाकशुदा है और उसके साथ रिलेशनशिप में रहने को तैयार है। इस झूठे झांसे में आकर जसवंत अपने दोस्त सुभाष के साथ महिला से मिलने के लिए गाड़ी लेकर फतेहाबाद पहुंचा, जहां वह उनके बिछाए जाल में फंस गया। महिला ने पहले ही अपने गिरोह को सूचना देकर पूरा प्लान तैयार कर लिया था।
ननद से सीखा था हनीट्रैप का तरीका
पूछताछ में पता चला कि इस गिरोह की मुख्य आरोपी महिला का पति मजदूरी करता है, जिसे उसकी आपराधिक गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी। इस महिला ने यह सब गोरखधंधा अपनी ननद से सीखा, जो पहले भी इसी तरह के हनीट्रैप गिरोहों में काम कर चुकी है। ननद सिरसा की लोकल कॉलोनी की रहने वाली है। उसे देखकर ही इस महिला ने भी अपने जानकार युवकों को मिलाकर 12 लोगों का एक नया गिरोह बनाया।
पुलिस अभी भी दो और महिलाओं और दो पुरुषों की तलाश कर रही है, जिनकी भूमिका इस वारदात में संदिग्ध है। ये दोनों महिलाएं फतेहाबाद में शिकायतकर्ता जसवंत से पहली बार मिली थीं।
पहली ही वारदात में 20 लाख की डिमांड
गिरोह के सदस्यों ने पहली ही बारदात में बड़ी ठगी को अंजाम देने की कोशिश की। जसवंत के फतेहाबाद पहुंचने पर महिला उसे अपनी मौसी के घर का नाम लेकर भिरडाना ले गई, जहां गिरोह के बाकी साथी बुला लिए गए।
उन्होंने जसवंत और उसके दोस्त को गाड़ी सहित किडनैप कर लिया और रात भर जयदेव चौक के पास गाड़ी खड़ी करके बंधक बनाए रखा। आरोपियों ने आते ही जसवंत पर गलत काम करने के नाम से दबाव बनाया और छोड़ने के एवज में 20 लाख रुपए की बड़ी डिमांड रखी। आरोपियों ने दबाव बनाकर कुछ नकदी ली और ऑनलाइन कैश अपने खातों में डलवा लिया। उन्होंने पीड़ित जसवंत का फोन भी छीन लिया। समय रहते सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और रात्रि में ही सभी 12 आरोपियों को दबोच लिया।
गिरोह के 8 सदस्य जेल भेजे गए
पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए 12 आरोपियों में से 8 को जेल भेज दिया है, जबकि 4 अन्य की गिरफ्तारी बाकी है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गांव बाजेकां निवासी सुरेश कुमार, दलबीर सिंह, गांव माधोसिंघाना निवासी शिव कुमार, गांव बेगू निवासी राजकुमार, हिसार जिले के गांव डाटा के राजेश कुमार, जींद जिले के उचाना के मनोज कुमार, भट्टू कलां जिला फतेहाबाद की सुमन और फतेहाबाद के गांव डांगरा खेड़ा की पूजा रानी शामिल हैं।
जांच में पता चला है कि ये सभी आरोपी पहले आपस में नहीं जानते थे और कुछ ही दिन पहले पैसा कमाने के प्लान के साथ एक-दूसरे से मिले थे। हालांकि, कुछ युवकों की क्रिमिनल एक्टिविटी पहले से ही संदिग्ध रही है। इस गिरोह के पकड़े जाने से पुलिस ने एक बड़े ठगी रैकेट को पनपने से पहले ही रोक दिया है।
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