हरियाणा में बारिश का कहर: हथनीकुंड बैराज के सभी गेट खोले, दिल्ली को भी अलर्ट किया

हरियाणा में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे राज्य में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कें जलमग्न हैं और कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हम आपको हरियाणा के विभिन्न जिलों से आई ताजा स्थिति के बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसमें हथनीकुंड बैराज, सिरसा, हिसार और अंबाला के हालात शामिल हैं।
यमुना नदी उफान पर
हथनीकुंड बैराज के सभी गेट खोले गए हरियाणा के यमुनानगर जिले में स्थित हथनीकुंड बैराज से एक महत्वपूर्ण और चिंताजनक खबर सामने आई है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। रविवार रात 2 बजे बैराज पर जलस्तर 1 लाख 5 हजार क्यूसेक था, जो सोमवार सुबह 9 बजे तक बढ़कर 3 लाख 29 हजार क्यूसेक हो गया। यह इस सीजन का सबसे अधिक जलस्तर है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने बैराज के सभी फ्लड गेट खोल दिए हैं। इसके साथ ही निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए सायरन बजाए गए हैं और चेतावनी दी गई है कि वे यमुना नदी के किनारों से दूर रहें। प्रशासन ने यमुनानगर के किनारे बसे गांवों जैसे लापरा, छोटा लापरा, टापूमाजरी, और जठलाना के निवासियों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है।
इस स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार ने दिल्ली को भी अलर्ट जारी कर दिया है क्योंकि बैराज से छोड़े गए पानी से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपना तीन दिवसीय UAE दौरा रद्द कर दिया है, और सभी संबंधित अधिकारियों की छुट्टियां भी रद्द कर दी गई हैं।
सिरसा में घरों की दीवारें गिरीं और फसलें डूबीं
यमुना ही नहीं, बल्कि हरियाणा के अन्य हिस्सों में भी बारिश ने कहर बरपाया है। सिरसा जिले के डबवाली में देर रात दो घरों की दीवारें गिर गईं। यह घटना रिसालिया खेड़ा और पक्का गाँव में हुई, हालांकि अच्छी बात यह रही कि कमरे में सो रहे परिवार बाल-बाल बच गए।
इसके अलावा, सिरसा में राजपुरा माइनर के टूटने से करीब 50 एकड़ से अधिक की खड़ी फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो गईं। यह किसानों के लिए एक बड़ी क्षति है। कैथल के सोंगल गाँव में भी घरों में पानी घुस गया, और नारनौल में एक प्राइवेट स्कूल में भी जलभराव की समस्या देखी गई।
हिसार में बिजली संकट और नहरें टूटी
हिसार जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने लोगों का जीवन प्रभावित कर दिया है। बारिश के कारण 33 केवी के तीन सब स्टेशन (भिवानी रोहिल्ला-बुड़ाक, आर्य नगर-बरवाला और भाटला) पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जिससे हिसार सर्कल के 65 से अधिक गांवों में 12 घंटे से ज्यादा समय तक बिजली गुल रही। इसका असर लगभग 1.5 लाख ग्रामीणों पर पड़ा।
बिजली निगम की टीमें लगातार पानी निकालने और बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रही हैं। इसके साथ ही, टोकस-पातन और मात्रश्याम जैसे गांवों के पास 5 नहरें टूट गईं, जिससे सैकड़ों एकड़ जमीन जलमग्न हो गई। हिसार में रोडवेज बस अड्डे की वर्कशॉप में भी पानी भरने से इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद हो गया है।
अंबाला में जलभराव से यातायात प्रभावित
अंबाला में भी भारी बारिश ने शहर के कई निचले इलाकों को पानी में डुबो दिया है। जंडली, रेलवे अंडरपास, जगाधरी गेट और सेक्टर 9 और 10 जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। जलभराव के कारण लोगों को आने-जाने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे अंडरपास में पानी भर जाने से उन्हें बंद कर दिया गया है। शहर की मुख्य सड़कों, जैसे अंबाला-साहा हाईवे की सर्विस लेन और बंसल पैलेस चौक के पास की सड़कों पर भी जलभराव के कारण जाम के हालात बने हुए हैं। नगर निगम की टीमें पंपिंग अभियान चला रही हैं, लेकिन जल निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था के कारण समस्या बनी हुई है।
अन्य नदियां भी खतरे के निशान के करीब
हथनीकुंड के अलावा हरियाणा की अन्य नदियां भी उफान पर हैं। अंबाला में टांगरी नदी में लगभग 10 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। कैथल के गुहला चीका में घग्गर नदी में पानी का स्तर 21 फीट तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (23 फीट) से बस 2 फीट दूर है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा नदी भी खतरे के निशान से करीब 1 मीटर नीचे बह रही है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर और नाहन में लगातार बारिश के कारण इस नदी में और भी पानी आने की आशंका है। फतेहाबाद के चांदपुरा में घग्गर नदी पर बने साइफन में भी जलस्तर बढ़ा है।
अगले 36 से 48 घंटों तक भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने अगले 36 से 48 घंटों तक राज्य के कई जिलों में भारी बारिश का हाई अलर्ट जारी किया है। 2 सितंबर को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक और झज्जर सहित कई जिलों में बारिश की संभावना है। 3 सितंबर से मानसून के कमजोर पड़ने का अनुमान है, जिससे बारिश में कमी आ सकती है।
