वैश्य शिक्षण संस्था चुनाव: विकास गोयल को एक बार फिर मिली चौधर, पांच में से चार पदाधिकारी जीते

रोहतक में वैश्य शिक्षण संस्था के चुनाव में विजयी हुए प्रत्याशी।
वैश्य शिक्षण संस्था चुनाव : हरियाणा में उत्तर भारत की एक बड़ी शिक्षण संस्था वैश्य शिक्षण संस्था रोहतक के गवर्निंग बॉडी का चुनाव रविवार को संपन्न हुआ। इसमें एक बार फिर विकास गोयल ने प्रधान पद पर बाजी मारी। उन्हें 44 वोट मिले, जबकि उनके निकट प्रतिद्वंद्वी चंद्र गर्ग को 33 मत प्राप्त हुए। विकास गोयल गुट के 5 में से 4 प्रत्याशी विजयी हुए। विजेताओं का फैसला 105 कॉलेजियम सदस्यों ने वोट डालकर किया।
11 वोट से जीते विकास गोयल
प्रधान पद पर कुल तीन प्रत्याशी मैदान में थे। इसमें विकास गोयल 44 वोट लेकर विजेता बने। वहीं, चंद्र गर्ग को 33 वोट मिले और सुभाष गुप्ता को 27 मत हासिल हुए। विकास गोयल को पूर्व प्रधान गिरिश चंद गुप्ता और नवीन जैन का समर्थन हासिल था। उपप्रधान पद पर अनिल कुमार बिंदल को 44 वोट मिले तो उनके निकट प्रतिद्वंद्वी विजय कुमार तायल को 36 मत ही मिले। तीसरे नंबर पर राधेश्याम गुप्ता रहे, जिन्हें 25 वोट हासिल हुए। इसी तरह जनरल सेक्रेटरी पद पर राधेश्याम गर्ग 40 वोट लेकर विजेता बने। वहीं, उनके मुकाबले में नितिन तायल और रितेश ऐरन को 32-32 वोट मिले।
सह सचिव पद पर चंद्र गुट का कब्जा
पांच में से सिर्फ सह सचिव पद पर ही चंद्र गर्ग ग्रुप बाजी मार सका। सह सचिव बने अनिल बंसल ने 45 वोट हासिल किए। वहीं, विकास गोयल गुट से अरुण कुमार आर्य को 32 वोट ही मिले। नरेश कुमार को 26 मत मिले। कोषाध्यक्ष पद पर पवन मित्तल को 50 वोट मिले, जोकि सर्वाधिक रहे। वहीं, राजीव कुमार और विजय कुमार गोयल को 27-27 मत हासिल हुए।
16 गवर्निंग बॉडी सदस्य भी चुने गए
गवर्निंग बॉडी के 16 सदस्यों का चुनाव भी इस दौरान हुआ। इसमें अजय कुमार गुप्ता, आकाश गुप्ता, अमित कुमार, देवेंद्र मित्तल, मोहित गोयल, प्रमोद बंसल, प्रमोद गर्ग, पवन कुमार सिंगला, राहुल जैन, रूपेश जैन, संजय मंगल, सनी गोयल, विकास बंसल, विकास गुप्ता, विनय गर्ग और योगेश बंसल को चुना गया। इन 16 पदों के लिए 31 उम्मीदवार मैदान में थे।
12 अगस्त को वितरित करेंगे सर्टिफिकेट
चुनाव अधिकारी राजेंद्र बंसल ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरे चुनाव की वीडियोग्राफी की गई। इसके बावजूद चुनाव से पहले कुछ आरोप लगाए गए थे, लेकिन चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। आगामी 12 अगस्त को नवनिर्वाचित विजेताओं को चुनाव कार्यालय में प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके बाद विजेताओं का धूमधाम से स्वागत भी किया जाएगा।
1918 से चली आ रही संस्था, 25 हजार सदस्य हैं
वैश्य शिक्षण संस्था 1918 से अस्तित्व में है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्कूल की आधारशिला रखी थी। आज संस्था एक वट वृक्ष का रूप ले चुकी है। संस्था के 25 हजार से ज्यादा आजीवन सदस्य हैं। यहां 12 शिक्षण संस्थान चलाए जा रहे हैं। जिनमें हजारों विद्यार्थी और स्टाफ मौजूद है।
