INLD Tau Devi Lal Jyanti Rally Rohtak: देवीलाल जयंती पर इनेलो ने किया शक्ति प्रदर्शन, अभय चौटाला ने तीन वादे किए

हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बाद इनेलो ने रोहतक में पहली बड़ी रैली की। मौका था ताऊ देवीलाल जयंती समारोह का। अभय चौटाला रैली में तीन बड़े वादे किए।

INLD Tau Devilal jyanti rally : पूर्व उप-प्रधानमंत्री स्व. ताऊ देवीलाल की 112वीं जयंती के अवसर पर रोहतक में इनेलो ने सम्मान दिवस समारोह में जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में हरियाणा के अलावा पंजाब, दिल्ली और आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक पहुंचे। मंच पर इनेलो के शीर्ष नेताओं के साथ पंजाब के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल भी उपस्थित रहे। हालांकि चर्चाओं के बावजूद पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप सिंह धनखड़ नहीं आए। समारोह का माहौल पारंपरिक श्रद्धांजलि और राजनीतिक संदेश का समन्वय था। महिलाएं हरी चुनरी पहनकर देवीलाल व इनेलो के गीतों पर नृत्य करती दिखीं। रैली में तीन बड़े पंडाल, VIP पार्किंग की व्यवस्था और कार्यक्रम स्थल पर 10 एलईडी स्क्रीन लगाई हुई थीं।

अभय चौटाला के तीन वादे

इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला ने सभा को संबोधित करते हुए मौजूदा राज्य सरकारों पर तीखी टिप्पणी की। अभय ने उनकी सरकार बनने पर तीन वादे पूरा करने का भरोसा दिलाया। अभय ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर पेंशन दोगुनी की जाएगी, हर उपभोक्ता को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य होगा और शिक्षा, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर त्वरित और निर्णायक कदम लिए जाएंगे। पहली कलम से तीन निर्णायक निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने, भ्रष्टाचार उखाड़ फेंकने और गुंडाराज समाप्त करने पर उनका फोकस रहेगा।

देवीलाल के न्याय युद्ध ने बदली थी तस्वीर

अभय चौटाला ने कांग्रेस, भाजपा व जेजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देवीलाल ने हमेशा गरीब और किसान के लिए लड़ाई लड़ी और आज की सत्ता-रचनाएं उनकी विचारधारा के विपरीत कार्य कर रही हैं। उन्होंने ऐतिहासिक रूप से 1980 और 1990 के दशक के घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि देवीलाल के नेतृत्‍व में जनता ने तब भी बड़े बदलाव किए थे। न्याय युद्ध में देवीलाल के साथ लाखों लोग जुड़े थे। इसके बाद 1987 में हुए विधानसभा चुनाव में चौधरी देवीलाल को 90 में से 85 सीटें मिली थीं और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

जेजेपी का सूपड़ा साफ, अब कांग्रेस रहे तैयार

अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा के साथ सरकार बनाने वाले जजपा को जनता से पूरी तरह सत्ता से बाहर कर दिया। आज जेजेपी का पूर्ण रूप से सफाया हो गया। लेकिन भाजपा की तीसरी बार सरकार बाबू बेटे ने बनवा दी। जैसे जेजेपी का सूपड़ा साफ हुआ, वैसे अब कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है। ये बाबू बेटा इनेलो को वोट काटू पार्टी कहते थे, लेकिन हम वोट काटने वाले नहीं, बल्कि राज काटने वाले हैं।

भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ लड़ाई होगी

अभय चौटाला ने सभा में वायदों के साथ चुनावी संदेश भी साफ किया। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों को लेकर इनेलो की आगामी रणनीति स्पष्ट होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी जब सत्ता में आएगी तो पहली कलम से निर्णायक कदम उठाएगी और गुंडाराज के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।

बादल बोले-किसानों के असली नेता थे देवीलाल

पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस गरीबों व किसानों की सेवा नहीं कर सकतीं, वे सिर्फ राज करती हैं। किसानों के असली नेता सिर्फ चौधरी देवीलाल, चौधरी चरण सिंह और प्रकाश सिंह बादल थे। यह सरकारें पूंजीपतियों का कर्ज माफ करती हैं, लेकिन किसानों का नहीं।

अर्जुन बोले-स्कूल बंद कर ठेके बढ़ा रहे

अर्जुन चौटाला ने भाषण के दौरान भाजपा सरकारों को निशाने पर रखा और आरोप लगाया कि राज्य सरकारें सरकारी स्कूलों के समापन और शराब ठेकों के विस्तार के जरिए जनता के हितों की परवाह नहीं कर रही हैं। अर्जुन ने कहा कि इनेलो देवीलाल के सिद्धांतों के अनुरूप किसान-किसाननुमा नीतियों को आगे बढ़ाएगी। वहीं, अर्जुन चौटाला ने अहमदाबाद की जगह हरियाणा को खेल राजधानी बनाने की वकालत की।

आप नेता भी इनेलो में हुए शामिल

मंच पर इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला, पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल, रामपाल माजरा, आदित्य देवीलाल, अर्जुन चौटाला, कर्ण चौटाला समेत बड़े नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम के बीच हिसार के पूर्व AAP जिला अध्यक्ष दलबीर किरमारा ने सार्वजनिक रूप से इनेलो में शामिल होने की घोषणा की, जिसे आयोजकों ने मंच से स्वीकारा और स्वागत किया।

पूर्व मंत्री संपत बोले- देवीलाल मेरे लिए भगवान थे

मंच से संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता प्रो. संपत सिंह ने कहा कि​​ ​​​मैं अभय चौटाला के हौसले की दाद देता हूं। चुनाव के बाद उन्होंने ऐसा बड़ा कार्यक्रम किया। उन्होंने कहा कि मेरी कोई इच्छा नहीं थी राजनीति में आने की, लेकिन देवीलाल लेकर आए। यहां देवीलाल का जन्मदिन मनाया जा रहा है और संपत सिंह जाने से नहीं रुकेगा। मेरे लिए तो देवीलालभगवान थे। 1987 में पहली कैबिनेट आई तो संपत सिंह भी मंत्री बने। चौधरी देवीलाल देश की राजनीति की यूनिवर्सिटी थे।

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