ओलंपिक पदक विजेता अमन से मिलकर बोले हुड्डा: सरकार बनने पर फिर लागू होगी पदक लाओ, पद पाओ नीति

MP Deepender Hooda and former CM Bhupendra Singh Hooda felicitating Olympic medalist Aman Sehrawat.
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ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत को सम्मानित करते सांसद दीपेंद्र हुड्डा व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा।  
हरियाणा के रोहतक में ओलंपिक पदक विजेता अमन सहरावत ने पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र हुड्डा से मुलाकात की।

रोहतक: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर फिर से खिलाड़ियों के लिए पदक लाओ, पद पाओ नीति को लागू किया जाएगा। साथ ही खिलाड़ियों के लिए फिर से नौकरियों में तीन प्रतिशत कोटा लागू होगा और उन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति दी जाएगी। हुड्डा ने यह बात ओलंपिक पदक विजेता पहलवान अमन सहरावत से मुलाकात के बाद कही। पूर्व सीएम हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अपने आवास पर अमन सहरावत का स्वागत व सम्मान किया।

खिलाड़ियों के इनाम में नहीं होनी चाहिए कोताही

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को खिलाड़ियों को पद, सम्मान और इनाम देने में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। कांग्रेस ने पदक लाओ, पद पाओ नीति के तहत खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्तियां दी थी। लेकिन बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस नीति को बंद कर दिया और खिलाड़ियों से उच्च पदों पर नियुक्ति का अधिकार छीन लिया। बीजेपी इस कद्र खिलाड़ियों से भेदभाव कर रही है कि उसने कांग्रेस कार्यकाल में डीएसपी बने खिलाड़ियों को आज तक पदोन्नति नहीं दी।

कांग्रेस में 750 को मिली थी नौकरी

भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय 750 से ज्यादा खिलाड़ियों को डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और अन्य सरकारी पदों पर नियुक्तियां मिली थी। देश में पहली बार खिलाड़ियों को 5 करोड़ रुपए तक के नकद पुरस्कार दिए गए थे। इससे प्रदेश में खेलों को लेकर सकारात्मक माहौल बना था। छोटे-छोटे बच्चे भी मेडल जीतने का सपना देखने लग गए और मां-बाप बच्चों को कहने लगे थे कि खेलो-कूदो, मेडल लाओ, सरकार डीएसपी बनावैगी। इसके चलते हरियाणा खेलों का हब बना और देश को मिलने वाले 40-50 प्रतिशत मेडल इस छोटे से राज्य से आने लगे।

भाजपा सरकार नहीं गंभीर

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा में खेलों को लेकर गंभीर नहीं है। खेलो इंडिया के बजट से हरियाणा को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है। हरियाणा जो ओलंपिक में सबसे ज्यादा पदक लाता है, उसे तो केवल 66 करोड़ मिले, जबकि गुजरात और यूपी को भाजपा सरकार ने 400-500 करोड़ रुपए दिए हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान गांवों में सैकड़ों खेल स्टेडियम बनाए गए थे, लेकिन भाजपा ने उनका रख-रखाव तक ढंग से नहीं किया। अंतराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम भी अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। स्कूली स्तर की खेल प्रतियोगिता स्पैट को भी बीजेपी ने बंद कर दिया।

खिलाड़ियों को किया अपमानित

भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी ने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। न्याय की मांग लेकर धरने पर बैठी महिला पहलवानों को सरकार ने सड़क पर घसीटा और भाजपा के मंत्री पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली कोच को भी सरकार न्याय नहीं दिलवा पाई। इन तमाम बातों से स्पष्ट है कि भाजपा सरकार हरियाणा के युवाओं को खिलाड़ी नहीं बनाना चाहती। ये सरकार युवाओं को सिर्फ नशेड़ी बनाना चाहती है। इसलिए खेलों की बजाए सरकार द्वारा नशे को प्रमोट किया जा रहा है। हरेक गली, मोहल्ले व कॉलोनी में शराब के ठेके खोले जा रहे हैं। चिट्टा जैसे सूखे नशे आज गांव-गांव तक पहुंच गए।

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