रोहतक में बनेगी प्रदेश की पहली हाई सिक्योरिटी जेल: 19 एकड़ में बनेगा अपराधियों के लिए अभेद्य किला, आतंकियों और गैंगस्टरों पर रहेगी कड़ी निगरानी

Minister Arvind Sharma taking information from jail superintendent about high security jail in Rohta
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रोहतक में हाई सिक्योरिटी जेल के बारे में जेल अधीक्षक से जानकारी लेते मंत्री अरविंद शर्मा।
रोहतक में बन रही हरियाणा की पहली हाई सिक्योरिटी जेल 19 एकड़ में फैली होगी। गैंगस्टर और आतंकी रहेंगे कड़ी निगरानी में, सुरक्षा होगी अत्याधुनिक।

रोहतक में बनेगी प्रदेश की पहली हाई सिक्योरिटी जेल : हरियाणा के रोहतक जिले में अब अपराधियों और आतंकियों पर शिकंजा कसने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। प्रदेश की पहली हाई सिक्योरिटी जेल का निर्माण तेजी से चल रहा है, जो इसी साल पूरा होने की संभावना है। यह अत्याधुनिक जेल सुनारियां स्थित मौजूदा जेल परिसर के भीतर बनाई जा रही है और इसका मकसद ऐसे कुख्यात अपराधियों को नियंत्रित करना है जिनकी वजह से जेलों में अक्सर अशांति का माहौल बन जाता है।

आधुनिक तकनीक और कठोर सुरक्षा उपायों से होगी लैस

इस हाई सिक्योरिटी जेल को आधुनिक तकनीक और कठोर सुरक्षा उपायों से लैस किया जा रहा है। निर्माण में पूरी तरह से सीमेंट और कॉन्क्रीट का उपयोग किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार की खुदाई या दीवार तोड़ने की संभावना ना रहे। जेल के अंदर बिजली के प्वाइंट भी सामान्य सेल्स की तरह नहीं होंगे, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लग सके। यह जेल एक दो मंजिला इमारत होगी, जिसमें कुल 312 विशेष सुरक्षा वाले सेल होंगे।

गैंगस्टर, हार्डकोर अपराधी और आतंकी होंगे मुख्य कैदी

इस जेल का मुख्य उद्देश्य है देश-प्रदेश के उन कुख्यात अपराधियों को एक सुरक्षित स्थान पर रखना जिनके फरार होने या जेल के भीतर से आपराधिक गतिविधियां संचालित करने की आशंका रहती है। गैंगस्टर, आतंकवादी, माफिया सरगना और अन्य खतरनाक अपराधी इस जेल में रखे जाएंगे। वर्तमान में सुनारियां जेल में गुरमीत राम रहीम जैसे हाई प्रोफाइल कैदी और जम्मू-कश्मीर से संबंधित आतंकवादी बंद हैं। इनके चलते सुरक्षा व्यवस्था को चार गुना तक बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसके परिणामस्वरूप यह हाई सिक्योरिटी जेल अस्तित्व में लाई जा रही है।

जेल मंत्री ने की प्रगति की समीक्षा

प्रदेश के जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने जेल अधीक्षक सत्यवान और उप जेल अधीक्षक दिनेश यादव के साथ जेल निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने जेल में सुरक्षा इंतजाम, निर्माण गुणवत्ता और जेल कर्मचारियों की तैनाती जैसे मुद्दों पर विस्तृत जानकारी ली। उनका मानना है कि इस प्रकार की जेलें केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि देश के लिए भी एक मिसाल बनेंगी।

स्वच्छता और नशे पर खास फोकस

हाई सिक्योरिटी जेल में स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा गया है। जेल परिसर की सफाई व्यवस्था के लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं, ताकि कैदियों को एक स्वच्छ वातावरण मिल सके। साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए हाईटेक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। इस जेल में ऐसा कोई रास्ता या माध्यम नहीं छोड़ा जाएगा जिससे मादक पदार्थ अंदर पहुंच सकें।

सुनारियां जेल में पहले से हैं 1319 कैदी

वर्तमान में सुनारियां जेल में 1319 हवालाती और सजायाफ्ता कैदी बंद हैं। इनमें कई खतरनाक कैदी शामिल हैं, जिनकी निगरानी के लिए पहले से ही विशेष प्रबंध किए गए हैं, लेकिन हाई सिक्योरिटी जेल बनने के बाद यह व्यवस्था और अधिक पुख्ता हो जाएगी। इससे एक ओर जहां जेल प्रशासन को अपराधियों को नियंत्रित करने में सहूलियत होगी वहीं दूसरी ओर आम जेलों में शांति व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मिलेगा नया आयाम

इस परियोजना के पूरा होने के बाद हरियाणा की जेल सुरक्षा प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा। न सिर्फ जेल से अपराधियों के फरार होने की घटनाओं पर रोक लगेगी, बल्कि जेल के अंदर से चल रही संगठित आपराधिक गतिविधियों को भी पूरी तरह से बंद किया जा सकेगा। यह जेल अपराधियों के लिए एक 'नो एस्केप जोन' साबित होगी।

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