Haryana Chunav 2024: कलानौर में 33 साल से महिलाओं का दबदबा, इस बार दो नर्सों में मुकाबला; शकुंतला खटक vs रेनू डाबला

Kalanaur assembly seat Haryana
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Haryana election 2024: रेनू डाबला vs शकुंतला खटक।
रोहतक की कलानौर विधानसभा सीट पर भाजपा ने तीन बार की विधायक शकुंतला खटक के सामने रेनू डाबला को उतारा है। राजनीति में आने से पहले दोनों स्टाफ नर्स थी।

मोहन भारद्वाज, रोहतक। हरियाणा में रोहतक की कलानौर सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षति हैं। इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। 1991 से यहां महिलाओं का दबादबा रहा है। 1991,1996 व 2005 में कांग्रेस की करतार देवी विधायक बनी तो 2009, 2014 व 2019 में शकुंतला खटक विधायक बनीं। कांग्रेस ने शुकंतला खटक में भरोसा जताते हुए चौथी बार फिर मैदान में उतारा है। जिसे रोकने के लिए भाजपा ने रोहतक नगर निगम की पूर्व मेयर रेनू डाबला को अपना उम्मीदवार बनाया है। धानक समाज से संबंध रखने वाली शकुंतला खटक और रेनू डाबला राजनीत में आने से पहले स्टाफ नर्स थी। 2024 के चुनावी रण में दो स्टाफ नर्सों के आमने सामने आने से चुनावी जंग रोचक होने की उम्मीद है।

2019 में रामअतार वाल्मीकि ने दी थी टक्कर
2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शंकुतला खटक को भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि ने कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव में लगातार दो बार की विधायक शुकंतला खटक को 61935 तो रामअवतार वाल्मीकि को 51286 वोट मिले थे। 8451 वोटों के साथ जजपा के राजेंद्र वाल्मीकि तीसरे और 5595 वोटों के साथ बसपा की कश्मीरी देवी चौथे नबंर पर रही थी। शकुंतला खटक इससे पहले 2009 व 2014 में विधायक बनी थी।

दोनों की राजनीतिक लॉचिंग हुड्डा ने करवाई
2024 के विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस की शकुंतला खटक और भाजपा की रेनू डाबला एक दूसरे को टक्कर देने के लिए चुनाव रण में उतर चुकी हो, परंतु दोनों की राजनीतिक लॉचिंग के पीछे हुड्डा का हाथ रहा है। 2024 में कलानौर का मुकाबला रोचक बनाने के लिए आमने सामने आई शुकंतला व रेनू के राजनीति में आने के किस्से भी उतने ही रोचक हैं।

शुकंतुला खटक, कांग्रेस: 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। स्टाफ नर्स के पद पर कार्यरत शकुंतला खटक को बीमारी के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री के पिता एवं संविधान सभा के सदस्य की देखभाल की जिम्मेदारी मिली। इसी दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नजर शकुंतला खटक पर पड़ी और उन्होंने उन्हें 2009 में कांग्रेस की टिकट पर कलानौर से चुनाव मैदान में उतारा। 2009 में मिली पहली जीत के बाद शकुंतला खटक ने 2014 व 2019 के चुनाव में भी जीत दर्ज की। 2024 में चौथी बार विधानसभा जाने के लिए एक बार फिर कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं।

रेनू डाबला, भाजपा: रोहतक नगर परिषद को 2010 में नगर निगम का दर्जा मिला। जून 2013 में वार्ड चार से जिला पार्षद चुनकर आईं रेनू डाबला पहले मेयर बनी। ससुर आजाद डाबला की राजनीति में पहुंच को देखते हुए रेनू डाबला स्टाफ नर्स की नौकरी छोड़कर राजनीति में आई। रेनू डाबला के पार्षद बनाने में कांग्रेस नेता बीबी बत्रा का अहम रोल रहा था। मेयर बनने के बाद कुर्सी घोटाले के आरोप लगे तो रेनू डाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई। अब भाजपा ने उन्हें कलानौर से तीन बार की विधायक शंकुतला खटक के सामने चुनाव मैदान में उतारा है। खास बात यह है कि कनौलार विधानसभा में रोहतक नगर निगम में शामिल कई गांव व बस्तियां भी शामिल हैं। जहां मतदाताओं के लिए रेनू कोई नया नाम नहीं है।

कायम रहेगा हाथ के पंजे का दबदबा या खिलेगा कमल
कलानौर विधानसभा में बीते 27 साल से महिलाओं का इस सीट पर कब्जा कायम है। 1991 व 1996 में करतारी देवी, 2000 में सरिता नारायण, 2005 में करतारी देवी और 2009, 2014 व 2109 में शकुंतला खटक विधायक चुनी गई। अब कांग्रेस की टिकट पर लगातार चौथी जीत दर्ज करने के लिए चुनाव मैदान में उतारी तीन बार की विधायक शकुंतला खटक को टक्कर देकर कांग्रेस से अपना राजनीति सफर शुरू करने वाली रेनू डाबला को भाजपा ने कलानौर में कमल खिलाने की जिम्मेदारी दी है। दोनों न केवल एक समाज से आती हैं, बल्कि दोनों ने स्टाफ नर्स की नौकरी छोड़कर राजनीति में आईं। ऐसे में एक देखना होगा कि दो स्टाफ नर्सों की लड़ाई में शुकंतला खटक चौथी बार विधानसभा पहुंचती है या फिर रेनू डाबला शकुंतला खटक को हराकर कलानौर से भाजपा का सूखा खत्म करने में सफल रहती हैं।

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