रोहतक: लिव-इन पार्टनर ने ऑटो रिक्शा चलाने वाली महिला की 15 साल की बेटी से किया दुष्कर्म

Minor Rape
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रोहतक के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ऑफिस में नाबालिग को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया। 

बाल कल्याण समिति ने मामले की गंभीरता को देखकर पीड़िता की काउंसलिंग की। इस दौरान नाबालिग के पिता को भी बुलाया गया। काउंसलिंग के बाद उसे माता-पिता के साथ भेज।

हरियाणा के रोहतक में एक नाबालिग लड़की के साथ उसकी मां के लिव-इन पार्टनर ने तीन बार दुष्कर्म किया। पीड़िता की मां पति से अलग रहकर अपने चार बच्चों के साथ आरोपी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहती थी। महिला घर चलाने के लिए ऑटो रिक्शा चलाती है। पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में जुट गई है।

आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें कर रहीं छापेमारी

घटना रोहतक के एक गांव की है। पीड़िता की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि वह अपने पति से अलग होकर अपने तीन बेटियों और एक बेटे के साथ एक व्यक्ति के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थीं। आरोपी पर महिला की 15 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने का घिनौना आरोप है। पीड़िता की मां ने बताया कि आरोपी ने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया और किसी को भी इस बारे में बताने पर नाबालिग को जान से मारने की धमकी दी। धमकी के चलते बच्ची शुरुआत में खामोश रही। इस बीच, आरोपी की तलाश में पुलिस की टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं।

तीन बार दुष्कर्म के बाद टूटी चुप्पी

यह मामला तब सामने आया जब आरोपी ने एक के बाद एक तीन बार नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया। पहली बार की घटना के बाद नाबालिग लड़की गुमसुम रहने लगी और उसने डर के मारे किसी को कुछ नहीं बताया। इसके दो दिन बाद आरोपी ने एक बार फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। लगातार हो रहे इस शारीरिक और मानसिक शोषण से टूटकर, तीसरी बार दुष्कर्म किए जाने के बाद पीड़िता ने आखिरकार हिम्मत जुटाई और अपनी मां को पूरी आपबीती बताई। बेटी की बात सुनकर मां के पैरों तले जमीन खिसक गई और उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

सीडब्ल्यूसी ने की नाबालिग की काउंसलिंग

मामले की गंभीरता को देखते हुए, बाल कल्याण समिति (CWC) ने तुरंत एक्शन लिया। रोहतक सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन सतीश कौशिक ने बताया कि नाबालिग के साथ रेप का यह गंभीर मामला 29 नवंबर को शिकायत दर्ज होने के बाद उनके संज्ञान में आया। कौशिक ने बताया कि सबसे पहले नाबालिग की विस्तृत काउंसलिंग की गई। इस दौरान उसके पिता को भी बुलाया गया, जो अलग रहते हैं। माता-पिता से बात करके उन्हें समझाया गया और जरूरी सहयोग का आश्वासन दिया गया।

काउंसलिंग के बाद नाबालिग को माता-पिता के साथ भेज दिया गया है। सीडब्ल्यूसी की टीम अब समय-समय पर नाबालिग की स्थिति का जायजा लेती रहेगी, ताकि उसकी मानसिक और भावनात्मक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। यह कदम सुनिश्चित करता है कि पीड़िता को न्यायिक प्रक्रिया के साथ-साथ भावनात्मक संबल भी मिलता रहे।

नाबालिग का मेडिकल करवाकर मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज

पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नाबालिग का मेडिकल करवाया गया है और मजिस्ट्रेट के सामने उसके बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं, जो मामले की जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य होंगे।

फिलहाल, आरोपी घटना के बाद से ही फरार है। पुलिस की टीमें लगातार उसकी तलाश में जुटी हुई हैं और दावा किया जा रहा है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह घटना उन तमाम कमजोर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, जिनके आसपास रहने वाले लोग ही भक्षक बन जाते हैं। इस मामले में न्याय की त्वरित और कठोर कार्रवाई अपेक्षित है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।


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