हरियाणा सरकार की नई पहल: देशी गायों और मुर्राह भैंसों के संरक्षण पर मिलेगा नकद प्रोत्साहन, जानें कैसे करें आवेदन

हरियाणा सरकार देशी गायों और मुर्राह भैंसों के संरक्षण पर देगी नकद प्रोत्साहन।
हरियाणा सरकार ने राज्य के पशुपालकों और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना शुरू की है, जिसका नाम है "स्वदेशी मवेशियों के संरक्षण और विकास तथा मुर्राह विकास योजना"। पशुपालन और डेयरी विभाग हरियाणा की ओर से चलाई जा रही इस योजना का मुख्य उद्देश्य देशी गायों और भैंसों की नस्लों के संरक्षण और उनके विकास को बढ़ावा देना है। इस पहल के माध्यम से सरकार किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले दुधारू पशुओं के पालन और प्रजनन के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
योजना को इन दो प्रमुख उद्देश्यों के साथ तैयार किया
1. दीर्घकालिक उद्देश्य: हरियाणा में मौजूद बहुमूल्य स्वदेशी जर्मप्लाज्म (valuable indigenous germplasm) का संरक्षण और उन्नयन करना। इसका लक्ष्य दूध उत्पादन और पशुओं की समग्र उत्पादकता में वृद्धि लाना है।
2. मध्यम अवधि उद्देश्य: अगले पांच वर्षों में, यह योजना उच्च गुणवत्ता वाले देशी पशुओं की पहचान करेगी और उनके आनुवांशिक सुधार के लिए उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले वीर्य से गर्भाधान करने को प्रोत्साहित करेगी।
नकद प्रोत्साहन राशि का विवरण
यह योजना दूध उत्पादन के आधार पर पशुपालकों को नकद प्रोत्साहन देती है।
• मुर्राह भैंसें: जिन मुर्राह भैंसों का दैनिक दूध उत्पादन 18 किलोग्राम से अधिक होता है, उन्हें टैग लगाकर चिह्नित किया जाता है। इनके मालिकों को ₹15,000 से ₹30,000 तक का नकद प्रोत्साहन मिलता है।
• देशी गायें: हरियाणा, साहीवाल और बेलाही जैसी देशी नस्लों की गायों को भी उनके दूध उत्पादन के आधार पर प्रोत्साहन दिया जाता है।
• हरियाणा गाय (Haryana Cow): 8 किलोग्राम से अधिक दूध देने पर ₹10,000 से ₹20,000 तक का प्रोत्साहन।
• साहीवाल गाय (Sahiwal Cow): 10 किलोग्राम से अधिक दूध देने पर ₹10,000 से ₹20,000 तक का प्रोत्साहन।
• बेलाही गाय (Belahi Cow): 5 किलोग्राम से अधिक दूध देने पर ₹5,000 से ₹15,000 तक का प्रोत्साहन।
योजना का लाभ उठाने वाले किसानों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा
• पशु न बेचना: लाभार्थी को चिह्नित पशु और उसके बछड़े को कम से कम एक वर्ष तक नहीं बेचना होगा।
• बछड़े की देखभाल: लाभार्थी को नर बछड़े की उचित देखभाल करनी होगी और उसकी खरीद का पहला अधिकार विभाग के पास होगा।
• बीमा: चिह्नित पशुओं का बीमा किया जाएगा। यदि कोई बीमा योजना उपलब्ध नहीं है, तो लाभार्थी को स्वयं बीमा कराना होगा।
पात्रता मानदंड और आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें हैं जैसे • आवेदक हरियाणा का निवासी होना चाहिए। • आवेदक की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए। • आवेदन के समय पशु की ब्याने की तारीख से 05 से 75 दिन के बीच होना चाहिए। • एक आवेदक को अधिकतम दो पशुओं के लिए प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। • केवल विशिष्ट नस्लें (मुर्राह, हरियाणा, साहीवाल, बेलाही) ही पात्र हैं। • किसी भी पशु को उसके जीवन काल में केवल दो बार ही प्रोत्साहन मिल सकता है।
आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन होगा
आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है। पात्र व्यक्ति अंत्योदय-सरल पोर्टल (https://saralharyana.gov.in/) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद, पशुपालन विभाग के अधिकारी पशु की नस्ल और दूध उत्पादन की जांच करेंगे और प्रक्रिया पूरी होने पर प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी। यह योजना पशुपालकों को आर्थिक लाभ देकर देशी नस्लों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
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