24 घंटे सस्ती बिजली: HERC ने हरियाणा के लिए बनाया रोडमैप, ट्रांसफॉर्मर और तारें होंगी अंडरग्राउंड

Power Distribution
X

हरियाणा के लोगों को 24 घंटे सस्ती बिजली मिलेगी। 

हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। बैठक में निर्णय लिया गया कि बिजली उत्पादन की लागत कम करने के लिए कोयले के भंडार का उपयोग किया जाएगा और 42 लाख टन फ्लाई ऐश का प्रबंधन किया जाएगा।

हरियाणा सरकार ने प्रदेशवासियों को 24 घंटे सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य को बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।

हाल ही में HERC चेयरमैन नंदलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई 32वीं राज्य सलाहकार समिति की बैठक में इस महत्वाकांक्षी योजना पर विस्तार से चर्चा की गई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। यह रोडमैप केवल आपूर्ति बढ़ाने पर केंद्रित नहीं है, बल्कि उत्पादन की लागत कम करने, वितरण नेटवर्क को आधुनिक बनाने और बिजली हानियों (Losses) को न्यूनतम करने पर भी ध्यान देता है।

बिजली उत्पादन और लागत कम करने पर फोकस

सस्ती बिजली सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने उत्पादन की लागत कम करने पर ध्यान केंद्रित किया है। राज्य सरकार के अनुसार वर्तमान में बिजली विभाग के पास एक महीने से अधिक का कोयले का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। यह सुनिश्चित करता है कि बिजली उत्पादन में कोई बाधा न आए। थर्मल पावर प्लांटों में उत्पन्न होने वाली फ्लाई ऐश (राख) के प्रबंधन को बेहतर बनाया जा रहा है। पानीपत थर्मल और दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट में फ्लाई ऐश का उपयोग मानकों के अनुसार किया जा रहा है। इसके अलावा हिसार स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्रोजेक्ट में अब तक बेकार पड़ी 42 लाख टन फ्लाई ऐश को उपयोग में लाया जाएगा। वर्ष 2024-25 में फ्लाई ऐश प्रबंधन पर 310 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। फ्लाई ऐश का सही उपयोग न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह उत्पादन की लागत को भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर केंद्रित

गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए वितरण प्रणाली में बड़े सुधार की योजना है। यह योजना शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों पर केंद्रित है। फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे बड़े और भीड़भाड़ वाले शहरों में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड (भूमिगत) किया जाएगा। इससे तकनीकी खराबियों, दुर्घटनाओं और खराब मौसम के कारण होने वाले फॉल्ट से बचा जा सकेगा। वहीं गांवों में बिजली वितरण को बेहतर बनाने के लिए पुराने ट्रांसफॉर्मर और जर्जर बिजली के तारों को बदला जाएगा। इस आधुनिकीकरण से बिजली लोड बढ़ने पर भी फॉल्ट की संभावना कम होगी, जिससे आपूर्ति निरंतर बनी रहेगी। विभाग का मानना है कि यह व्यापक योजना पूरे प्रदेश में 24 घंटे निरंतर बिजली आपूर्ति की राह को आसान बनाएगी।

बिजली हानियां कम करने की रणनीति

HERC के रोडमैप का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बिजली नुकसान को कम करना भी है। ये हानियां तकनीकी और व्यावसायिक दोनों तरह की होती हैं। जून 2025 तक उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) की AT&C हानियां 8.75% रह गई हैं। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) की AT&C हानियां भी 11.13% रह गई हैं।

विभाग इन हानियों को और कम करने के लिए लगातार काम कर रहा है, क्योंकि कम हानियां होने से बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति सुधरती है और उपभोक्ताओं पर टैरिफ का बोझ कम होता है।

संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी

"म्हारा गांव-जगमग गांव" योजना के तहत अब तक प्रदेश के लगभग 6,000 गांवों में पहले ही 24 घंटे बिजली पहुंचाई जा चुकी है। अब सरकार का अगला और बड़ा कदम पूरे प्रदेश में 24 घंटे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जिसके लिए संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह रोडमैप हरियाणा को बिजली के क्षेत्र में एक नए युग की ओर ले जाने का वादा करता है, जहां ऊर्जा की उपलब्धता और विश्वसनीयता सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story