पशुपालकों को 5 लाख जीतने का मौका: ये हैं राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार की पात्रता और नियम, जानें करनाल के डीसी क्या बोले

National Gopal Ratna Award
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राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के तहत पशुपालकों को 5 लाख जीतने का मौका। 

करनाल के डीसी उत्तम सिंह के अनुसार यह पुरस्कार पशुपालन क्षेत्र के विकास और किसानों को स्थायी आजीविका देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इच्छुक पशुपालक सरकार के पोर्टल awards.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

भारत की अर्थव्यवस्था में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है। यह न केवल ग्रामीण आजीविका का एक मजबूत आधार है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है। इसी महत्व को देखते हुए केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए 'राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार' की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन मेहनती किसानों, दुग्ध उत्पादक कंपनियों और तकनीशियनों को सम्मानित करता है, जो इस क्षेत्र में उत्कृष्ट काम कर रहे हैं। इस पुरस्कार के तहत, योग्य उम्मीदवारों को 5 लाख रुपये तक की नकद राशि जीतने का शानदार अवसर मिलेगा। 'राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार' में हरियाणा के पशुपालक और किसान भी हिस्सा ले सकते हैं।

स्वदेशी पशु नस्लों का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 'राष्ट्रीय गोकुल मिशन' का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की स्वदेशी पशु नस्लों का वैज्ञानिक तरीके से संरक्षण और विकास करना है। इस पुरस्कार की शुरुआत देश के दूध उत्पादक किसानों, डेयरी सहकारी समितियों और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों के प्रयासों को सम्मान देने के लिए की गई है। इस पहल का लक्ष्य पशुपालन को एक टिकाऊ और लाभदायक व्यवसाय बनाना है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इस वर्ष भी, इन तीन प्रमुख श्रेणियों में आवेदन मांगे गए हैं ताकि सर्वश्रेष्ठ काम करने वालों को पहचान और प्रोत्साहन मिल सके।

तीन श्रेणियों में मिलेगा सम्मान

यह पुरस्कार तीन अलग-अलग श्रेणियों में दिया जाता है, जिनमें प्रत्येक का अपना महत्व है।

1. सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान: इस श्रेणी में ऐसे किसान शामिल हैं, जो स्वदेशी मवेशियों और मुर्रा भैंसों की नस्लों का पालन कर रहे हैं। यह पुरस्कार उन किसानों की मेहनत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सम्मानित करता है, जो अपनी स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।

2. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति (DCS)/दुग्ध उत्पादक कंपनी (MPC)/डेयरी किसान उत्पादक संगठन (FPO): यह श्रेणी उन संगठनों को पुरस्कृत करती है, जो छोटे और सीमांत किसानों को एक साथ लाकर दूध उत्पादन और विपणन में सहयोग करते हैं। इन समितियों का उद्देश्य किसानों को बेहतर बाजार और तकनीकी सहायता प्रदान करके उनकी सामूहिक शक्ति को बढ़ाना है।

3. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT): कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन पशुओं की नस्ल सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह पुरस्कार उन तकनीशियनों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी विशेषज्ञता से पशुओं की नस्ल सुधार और बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया है, जिससे दूध उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।

पुरस्कार राशि और सम्मान

यह पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि एक आर्थिक प्रोत्साहन भी है। पहली दो श्रेणियों (सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान और सर्वश्रेष्ठ डीसीएस/एफपीओ/एमपीसी) के विजेताओं को नकद पुरस्कार के साथ-साथ एक योग्यता प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह भी दिया जाता है।

• प्रथम स्थान: ₹5 लाख की नकद राशि।

• द्वितीय स्थान: ₹3 लाख की नकद राशि।

• तृतीय स्थान: ₹2 लाख की नकद राशि।

हालांकि, सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (AIT) की श्रेणी में विजेताओं को नकद पुरस्कार नहीं दिया जाता है। इस श्रेणी में विजेताओं को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए एक योग्यता प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाता है, जो उनके पेशेवर योगदान का प्रतीक होता है।

आवेदन की प्रक्रिया और पात्रता

इच्छुक पशुपालक और संगठन 15 सितंबर तक राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और इसके लिए सरकार के पोर्टल https://awards.gov.in/ पर जाकर नामांकन करना होगा। आवेदन करने से पहले, उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे संबंधित श्रेणी के लिए निर्धारित सभी पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। इसमें स्वदेशी पशु नस्लों से संबंधित विवरण, दूध उत्पादन का रिकॉर्ड और संगठन के पंजीकरण जैसी जानकारी शामिल हो सकती है। यह आवेदन प्रक्रिया पशुपालकों को अपनी मेहनत और योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक सीधा और आसान मौका देती है।

26 नवंबर को दिए जाएंगे पुरस्कार

राष्ट्रीय दुग्ध दिवस 26 नवंबर के अवसर पर ये पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। करनाल के उपायुक्त उत्तम सिंह ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि यह पशुपालकों को स्थायी आजीविका प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पशुपालकों के लिए यह एक ऐसा सुनहरा अवसर है जहां वे न केवल अपनी मेहनत का फल पा सकते हैं, बल्कि देश के पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के विकास में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इसलिए, सभी पात्र उम्मीदवारों को अंतिम तिथि से पहले आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

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