माइनर टूटने से 8 एकड़ धान डूबा: रोहतक में देर रात फसल जलमग्न, किसानों को भारी नुकसान

रोहतक जिले के गांव किलोई में देर रात उस समय हड़कंप मच गया जब गांव से गुजर रही कसरेंटी माइनर (छोटी नहर) में अचानक दरार आ गई और देखते ही देखते एक बड़ा गड्ढा बन गया। माइनर टूटने से हजारों गैलन पानी पास के खेतों में भर गया, जिससे किसानों की खड़ी धान की फसल जलमग्न हो गई। रात के अंधेरे में हुई इस घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीण और सिंचाई विभाग की टीम मौके पर पहुंची और युद्धस्तर पर पानी रोकने और मरम्मत का काम शुरू किया।
रात 11 बजे टूटा माइनर, ग्रामीणों ने संभाला मोर्चा
यह घटना गुरुवार देर रात करीब 11 बजे की है। गांव किलोई से होकर गुजरने वाली कसरेंटी माइनर की पटरी की मिट्टी अचानक खिसक गई और देखते ही देखते एक काफी चौड़ा गड्ढा बन गया। माइनर से तेजी से पानी खेतों की ओर बहने लगा। पानी के बहाव और नहर टूटने की सूचना आग की तरह गांव में फैल गई। ग्रामीण तत्काल टॉर्च और अन्य उपकरणों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपने स्तर पर पानी को रोकने की कोशिश की, ताकि फसलों को कम से कम नुकसान हो। साथ ही, ग्रामीणों ने तुरंत सिंचाई विभाग को भी इस घटना की सूचना दी।
सिंचाई विभाग की टीम पहुंची, मरम्मत कार्य शुरू
ग्रामीणों की सूचना के बाद सिंचाई विभाग की टीम भी बिना देर किए मौके पर पहुंची। विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर मिट्टी और अन्य सामग्री डालकर नहर के टूटे हुए हिस्से को पाटने का काम शुरू किया। हालांकि, रात का समय और पानी का तेज बहाव मरम्मत के काम में बाधा डाल रहा था, लेकिन टीम लगातार प्रयास करती रही। सुबह होने तक स्थिति को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया था, लेकिन तब तक फसलों को भारी नुकसान हो चुका था।
8 एकड़ से अधिक फसल जलमग्न
कसरेंटी माइनर के टूटने से गांव किलोई के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, करीब 8 एकड़ से अधिक क्षेत्र में लगाई गई धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। किसानों ने हाल ही में धान की पौध लगाई थी, और इतनी कम उम्र में पानी में डूब जाने से इन पौधों के पूरी तरह से नष्ट होने की आशंका है। किसान दिन-रात मेहनत करके अपनी फसल तैयार करते हैं और धान की फसल में शुरुआती दौर में यह नुकसान उनकी साल भर की मेहनत पर पानी फेरने जैसा है। किसानों ने अपनी तरफ से पानी को खेतों में घुसने से रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन माइनर में बना गड्ढा इतना चौड़ा था कि वे इसमें सफल नहीं हो पाए। अब वे सिंचाई विभाग से जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
सरपंच ने दी जानकारी, नुकसान का होगा अनुमान
गांव किलोई खास के सरपंच विजय कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि रात करीब 11 बजे के आसपास कसरेंटी माइनर टूटी थी। इससे एक एकड़ से अधिक में लगी धान की फसल के नष्ट होने की आशंका है। हालांकि, सुबह तक यह आंकड़ा बढ़कर 8 एकड़ से अधिक होने की बात सामने आ रही है। उन्होंने बताया कि तुरंत सिंचाई विभाग को सूचित किया गया था और विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर नहर को पाटने का काम शुरू कर दिया है। सरपंच ने कहा कि अभी नुकसान का सटीक अनुमान लगाना बाकी है, लेकिन यह किसानों के लिए एक बड़ी आर्थिक क्षति है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन जल्द से जल्द नुकसान का सही आकलन करेगा और प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करेगा।
सिंचाई प्रणाली पर सवालिया निशान
यह घटना एक बार फिर क्षेत्र की सिंचाई प्रणाली के रखरखाव पर सवाल खड़े करती है। ग्रामीणों का कहना है कि नहरों और माइनरों की नियमित मरम्मत और देखरेख होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं न हों, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़े। इस घटना ने एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ा दी है, खासकर ऐसे समय में जब वे अपनी नई फसल की बुवाई कर रहे हैं। प्रशासन और सिंचाई विभाग को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि किसानों की मेहनत और उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके।
