29 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार: रोहतक में बड़ी कार्रवाई, ईंट भट्टों से पकड़े गए सभी, नहीं मिले वैध दस्तावेज

रोहतक में बड़ी कार्रवाई, ईंट भट्टों से पकड़े गए सभी, नहीं मिले वैध दस्तावेज
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रोहतक में भट्‌ठे पर काम करते पकड़े बांग्लादेशी।

पुलिस ने कलानौर में की कार्रवाई, भारत में रहने के लिए कोई भी वैध दस्तावेज़ पेश नहीं कर पाए। इन गिरफ्तारियों के साथ ही रोहतक पुलिस लाइन में रखे गए बांग्लादेशियों की संख्या अब 59 हो गई है।

हरियाणा पुलिस ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अपने अभियान के तहत रोहतक के कलानौर क्षेत्र में एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने

एक ईंट भट्ठे पर काम कर रहे 29 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास भारत में रहने के कोई वैध दस्तावेज़ नहीं थे। इस कार्रवाई के बाद

रोहतक पुलिस लाइन में रखे गए बांग्लादेशियों की कुल संख्या अब 59 हो गई है। पुलिस का यह अभियान अभी भी जारी है और अन्य स्थानों पर भी जांच की

जा रही है।

पहलगाम घटना के बाद डीजीपी का सख्त निर्देश

यह कार्रवाई भारत के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकी घटना के बाद पूरे देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिकों को बाहर निकालने

की बढ़ती मांग के बीच हुई है। हरियाणा के डीजीपी ने राज्य भर में ऐसे विदेशी नागरिकों को पकड़ने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। रोहतक पुलिस इन निर्देशों

का पालन करते हुए लगातार अभियान चला रही है, जिसका उद्देश्य इन अवैध प्रवासियों को पकड़कर उनके मूल देश वापस भेजना है।

ईंट भट्ठे पर छापेमारी, पुलिस ने मांगी ID तो खुला राज़

कलानौर क्षेत्र में स्थित एक ईंट भट्ठे पर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि वहाँ कुछ बांग्लादेशी नागरिक काम कर रहे हैं। सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने

भट्ठे पर छापा मारा। पुलिस ने जब वहां काम कर रहे लोगों से पूछताछ की और उनके पहचान पत्र मांगे, तो उनमें से कई कोई भी वैध दस्तावेज़ पेश नहीं कर

पाए। पुलिस द्वारा सख्ती से पूछताछ करने पर, इन लोगों ने कबूल किया कि वे अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत आए हैं। गिरफ्तार किए गए 29 लोगों में बच्चे

और महिलाएं भी शामिल हैं, जो इस अवैध प्रवास की जटिलता को दर्शाता है।

25 साल पहले बालाघाट के रास्ते भारत में प्रवेश

गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिकों में से एक महाबुल नाम के व्यक्ति ने पुलिस को चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि वह करीब 25 साल पहले

बांग्लादेश से बेहतर कमाई की तलाश में भारत आया था। उसने पश्चिम बंगाल के बालाघाट के रास्ते दिन के समय में ही भारतीय सीमा में प्रवेश किया था।

महाबुल ने बताया कि उस समय सीमा पर पुलिस का इतना सख्त पहरा नहीं था, जिससे अवैध रूप से प्रवेश करना आसान था। उसने बांग्लादेश में गरीबी को

भारत आने का मुख्य कारण बताया।

दलाल गरीबों का फायदा उठाकर उन्हें भारत में प्रवेश कराते हैं

एक अन्य गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक मुशर्रफ ने सीमा पार करने के तरीके के बारे में और जानकारी दी। उसने बताया कि उनका जमादार भी बांग्लादेश का ही

रहने वाला है और उसने ही उन्हें भारत में अच्छी कमाई का लालच दिया था। मुशर्रफ ने एक जाकिर नाम के दलाल का भी जिक्र किया, जो पश्चिम बंगाल में

सक्रिय है और उसके साथ 4-5 अन्य लोग भी शामिल हैं। इन दलालों ने ही उन्हें सीमा पार करने में मदद की थी और उसने बताया कि सीमा एक ही दिन में

पार हो गई थी। यह खुलासा अवैध घुसपैठ में शामिल एक संगठित दलाल नेटवर्क की ओर इशारा करता है, जो गरीब लोगों का फायदा उठाकर उन्हें भारत में

प्रवेश दिलाते हैं।

कागजी कार्रवाई के बाद भेजा जाएगा वापस

कलानौर थाना एसएचओ सतपाल सिंह ने बताया कि डीजीपी के निर्देशों के अनुसार वे प्रवासी लोगों की पहचान के लिए ईंट भट्ठों पर लगातार जांच अभियान चला

रहे हैं। इसी अभियान के तहत, एक भट्ठे पर 29 बांग्लादेशी काम करते हुए पाए गए। एसएचओ ने पुष्टि की कि इनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया जारी है और इन्हें

अब रोहतक पुलिस लाइन में भेज दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य भट्ठों पर भी जांच जारी है और इन गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशियों को लेकर

कागजी कार्रवाई चल रही है, जिसके बाद उन्हें वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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