रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र: समर्थक जीते तो बढ़ेगा राव का भाव, हारे तो जनाधार को लेकर उठेंगे सवाल

Rao Indrajit Singh. Santosh Yadav. Dr. Banwari Lal. Satyaprakash Jarawata.
X
राव इन्द्रजीत सिंह। संतोष यादव। डॉ. बनवारी लाल। सत्यप्रकाश जरावता। 
हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए भाजपा को दक्षिण हरियाणा में मजबूत राव की बात माननी पड़ी और कई पुराने नेताओं को टिकट न देकर नाराज करना पड़ा।

नरेन्द्र वत्स, रेवाड़ी: 2014 से लेकर दो विधानसभा चुनावों में दक्षिणी हरियाणा में मजबूत स्थिति में रही भाजपा को प्रदेश में तीसरी बार सरकार बनाने के लिए इसी क्षेत्र पर सबसे बड़ी उम्मीद है। क्षेत्र की अधिकांश सीटों पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह अपने खास समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे। अब इन समर्थकों को विधानसभा में पहुंचाने का जिम्मा भी उन्हीं के कंधों पर है। कांटे की टक्कर में फंसे समर्थकों को बाहर निकालने में अगर राव को कामयाबी मिलती है, तो भाजपा में उनका कद काफी बढ़ जाएगा। अगर कांटे की टक्कर में फंसे समर्थित प्रत्याशी सीट निकालने में फेल हुए, तो इससे सीधे तौर पर राव की प्रतिष्ठा पर आंच आएगी।

लोकसभा चुनाव में जीते थे धर्मबीर सिंह

अहीरवाल क्षेत्र में राव इंद्रजीत सिंह का व्यापक जनाधार रहा है। लोकसभा चुनावों में राव के कारण ही भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर जाट प्रत्याशी धर्मबीर सिंह को महेंद्रगढ़ की चारों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जिस कारण वह कांग्रेस प्रत्याशी राव दानसिंह को हराकर सांसद बने थे। भाजपा को गत विधानसभा चुनावों में गुरूग्राम की बादशाहपुर, महेंद्रगढ़ की महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट व रेवाड़ी जिले की रेवाड़ी सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। रेवाड़ी और बादशाहपुर में राव समर्थित प्रत्याशी कांटे के मुकाबले और भाजपा में भीतरघात के कारण हार का शिकार हुए थे।

एंटी राव खेमे को आलाकमान ने किया था पस्त

लोकसभा चुनावों में राव इंद्रजीत सिंह को टिकट देकर भाजपा आलाकमान ने एंटी राव खेमे के नेताओं को पस्त कर दिया था। राव की जीत का मार्जिन भी इस बार काफी कम रहा, परंतु विधानसभा चुनावों को लेकर वह पूरी तरह एक्टिव हो गए थे। भाजपा के शीर्ष नेताओं को एक बार फिर अहीरवाल में कामयाबी हासिल करने के लिए राव की शर्तों के आगे बेबस होकर अपने कई पुराने और कर्मठ नेताओं की टिकट काटकर उन्हें नाराज करना पड़ा। दक्षिणी हरियाणा की पटौदी, गुरूग्राम, सोहना, बावल, कोसली, नारनौल व अटेली सीटों पर अपने समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे, जबकि कोसली से भाजपा ने लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी शिफ्ट कर दिया।

दिग्गजों की टिकट भी कटा गए राव

राव अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं की टिकट कटा गए, तो टिकट के मजबूत दावेदारों को भी खाली हाथ रख दिया। पटौदी से सत्यप्रकाश जरावता, बावल से डॉ. बनवारीलाल व अटेली से सीताराम टिकट से वंचित रह गए। पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव एक बार फिर राव के कारण टिकट से वंचित रह गई, तो विरोध के बावजूद आक्रामक तेवर अंतिम मौके पर पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह को टिकट दिला गए। नरबीर की टिकट पिछले विधानसभा चुनावों में राव के कारण ही कट गई थी।

अंदरखाने नुकसान पहुंचाने की आशंका

जिन नेताओं के टिकट राव के कारण कटे हैं, वह खुलकर पार्टी प्रत्याशियों का विरोध नहीं कर रहे हैं। अंदरखाने यह नेता अपने हलकों में प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाने का कारण बन सकते हैं। जो नए चेहरे मैदान में उतारे गए हैं, अगर वह जीतकर विधानसभा पहुंचते हैं तो पुराने नेताओं के लिए भविष्य में अपनी सीट सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाएगा। इन आशंकाओं को देखते हुए यह नजर आ रहा है कि राव समर्थित कई प्रत्याशियों को बाहरी से ज्यादा अपने ही लोगों से खतरा बना हुआ है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story