हरियाणा की नई शराब नीति: गुरुकुल के पास नहीं मिलेंगे ठेके, कीमतें बढ़ेंगी और दूरी के नियम बदले

गुरुकुल के पास नहीं मिलेंगे ठेके, कीमतें बढ़ेंगी और दूरी के नियम बदले
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अब गुरुकुल वाले गांवों में शराब ठेके नहीं खुलेंगे, जबकि शहरों में कॉलेजों से ठेकों की दूरी 150 मीटर से घटाकर 75 मीटर कर दी गई है। शराब की कीमतें 15% तक बढ़ेंगी। ठेकों पर पुलिस जांच अब DSP रैंक के अधिकारी ही कर सकेंगे।

हरियाणा सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति जारी कर दी है, जिसमें शराब की बिक्री और विनियमन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों में गुरुकुलों के पास शराब ठेके न खोलने का प्रावधान, शराब की कीमतों में बढ़ोतरी और शैक्षणिक संस्थानों से ठेकों की दूरी में कमी शामिल है। यह नीति ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में शराब की उपलब्धता को प्रभावित करेगी।

धार्मिक और शैक्षिक संस्थानों के पास ठेकों पर नए नियम

नई नीति के तहत, हरियाणा के उन गांवों में शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे जहां गुरुकुल चल रहे हैं। यह कदम गुरुकुल शिक्षा के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, जहां शराब को एक व्यसन माना जाता है और उससे दूर रहने की सीख दी जाती है। आर्य समाज और अन्य संबंधित संगठनों द्वारा लंबे समय से ऐसी मांग उठाई जा रही थी।

शहरी क्षेत्रों में कॉलेजों से शराब ठेकों की दूरी को 150 मीटर से घटाकर 75 मीटर कर दिया गया है। यह बदलाव शहरों में शराब की उपलब्धता को प्रभावित कर सकता है। ग्रामीण इलाकों में 2 किलोमीटर के दायरे में केवल एक शराब ठेका खोला जाएगा और इस दूरी में कोई अन्य उप-शाखा भी नहीं खोली जा सकती। गांव की बाहरी फिरनी से ठेका 100 मीटर की दूरी पर होगा और यदि कोई घर पास आता है तो उसके मुखिया से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य होगा।

शराब की कीमतों में इजाफा और आबादी के अनुसार ठेके

नई नीति के तहत अंग्रेजी शराब की कीमतों में लगभग 15% की बढ़ोतरी होगी। यह इजाफा उत्पाद शुल्क में वृद्धि और ठेकों के आरक्षित मूल्य में बढ़ोतरी के कारण हुआ है। इससे उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। गांवों में शराब ठेके खोलने के लिए आबादी के नए नियम निर्धारित किए गए हैं। 500 से कम आबादी वाले गांवों में शराब ठेका नहीं खुलेगा। 500 से 5,000 तक की आबादी वाले गांवों में एक ठेका खोला जा सकता है, और यदि आबादी 5,000 से अधिक होती है, तो दूसरा ठेका भी खुल सकता है। लाइसेंस फीस भी आबादी के अनुसार तय की गई है:

• 500 से 1,000 आबादी: 3 लाख रुपये

• 1,000 से 10,000 आबादी: 5 लाख रुपये

•10,001 से अधिक आबादी: 7 लाख रुपये

अवैध शराब बिक्री और बिक्री का समय

शराबबंदी को लेकर भी सख्त नियम बनाए गए हैं। यदि किसी गांव में पिछले दो वर्षों में एक बार भी अवैध शराब की बिक्री का मामला पकड़ा गया है तो उस गांव में शराब ठेका बंद करने की अनुमति नहीं मिलेगी। यदि कोई भी मामला दर्ज नहीं है, तो ग्राम सभा का प्रस्ताव पास करके आबकारी विभाग को भेजना होगा, जिसके बाद ही बंद करने पर विचार किया जाएगा।

शराब बिक्री के समय में भी बदलाव किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में, अप्रैल से अक्टूबर तक सुबह 8 बजे से रात 11 बजे तक और नवंबर से मार्च तक सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक शराब बेची जा सकेगी। शहरी क्षेत्रों में, बिक्री का समय सुबह 8 बजे से रात 12 बजे तक ही रहेगा।

जांच के नियम और सुरक्षा राशि में कमी

लाइसेंसशुदा शराब ठेकों पर पुलिस जांच के लिए भी नए नियम लागू किए गए हैं। अब DSP रैंक से कम का कोई भी पुलिस अधिकारी शराब ठेके पर जांच के लिए नहीं जा सकेगा। यदि जांच आवश्यक है, तो DSP रैंक का अधिकारी आबकारी विभाग के AETO के साथ जाएगा। पूरी जाँच प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करवाना अनिवार्य होगा, जिसकी एक कॉपी 7 दिनों के भीतर DETC कार्यालय को सौंपनी होगी।

एडवांस सिक्योरिटी मनी को घटाकर 2 प्रतिशत किया

ठेका आवंटन के दिन जमा की जाने वाली एडवांस सिक्योरिटी मनी को बोली राशि के 3 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। कुल सुरक्षा राशि की आवश्यकता क्षेत्र के लाइसेंस शुल्क के 15 प्रतिशत से संशोधित कर 11 प्रतिशत कर दी गई है। बोलीदाता अब बोली राशि का केवल 5 प्रतिशत सिक्योरिटी मनी के रूप में जमा करने के बाद कोटा उठाना शुरू कर सकते हैं, जो पहले 7 प्रतिशत था। लाइसेंस शुल्क का 91 प्रतिशत अब मासिक किस्त में देय है, और शेष 9 प्रतिशत पॉलिसी वर्ष के अंतिम दो महीनों में जमा की गई सुरक्षा राशि से समायोजित किया जाएगा। यह नई नीति हरियाणा में शराब उद्योग और उपभोक्ताओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगी। क्या आप इन बदलावों के बारे में कोई और जानकारी जानना चाहेंगे?

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