रेवाड़ी मेला हादसा: झूला टूटने से महिला की मौत मामले में आयोजकों पर लगा 27.87 लाख जुर्माना

rewari fair accident court decision
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रेवाड़ी में झूला टूटने से महिला की मौत मामले में उपभोक्ता आयोग ने जुर्माना ठोका। 

हरियाणा के रेवाड़ी में लगे मेले में झूला टूटने से महिला की मौत मामले में उपभोक्ता आयोग का बड़ा फैसला आया है। आयोग ने मेला आयोजकों पर करीब 28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, जो परिवार को मिलेगा।

रेवाड़ी मेला हादसा : रेवाड़ी में फरवरी 2023 में हुए मेले के झूला हादसे में जान गंवाने वाली महिला अनीता देवी के परिवार को आखिरकार न्याय मिला है। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इस मामले में मेला आयोजकों को जिम्मेदार ठहराते हुए परिजनों को 24 लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा हादसे में घायल दो बच्चों को करीब 3.87 लाख रुपये अलग से दिए जाने का भी आदेश जारी हुआ है।

एक महीने में देना होगा मुआवजा

आयोग ने स्पष्ट किया है कि मेला आयोजक इस पूरी राशि का भुगतान आदेश की तिथि से एक माह के भीतर करेंगे। अगर राशि समय पर नहीं दी जाती तो उस पर ब्याज भी लगाया जा सकता है। आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार खंडूजा और सदस्य राजेंद्र प्रसाद ने आदेश में कहा कि ऐसे आयोजनों में लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। आयोजकों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और उनकी लापरवाही के कारण एक महिला की जान चली गई और बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए। आयोजकों ने बीमा भी नहीं करवाया था।

50 फीट ऊपर से गिरा था झूला

यह हादसा 12 फरवरी 2023 को हुआ था। रेवाड़ी शहर के हुडा ग्राउंड में उस समय मनोरंजन मेला चल रहा था। शाम करीब 7 बजकर 10 मिनट पर पेरिस व्हील झूला अचानक टूट गया। झूले में बैठे लोग करीब 50 से 60 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर पड़े। इस दौरान मोहल्ला संघी का वास निवासी सतीश कुमार की पत्नी अनीता देवी, बेटी मुस्कान और भतीजी प्रिटी गंभीर रूप से घायल हो गए।

इलाज के दौरान महिला की मौत

घटना के बाद घायलों को तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर हालत को देखते हुए अनीता देवी को दिल्ली रेफर कर दिया गया। करीब 23 दिन तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करने के बाद 7 मार्च 2023 को उन्होंने दम तोड़ दिया। इस दर्दनाक घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई थी। दोनों घायल बच्चों का भी इलाज चला।

जिला उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला

मृतका के पति सतीश कुमार ने इस घटना के लिए मेला आयोजकों को दोषी ठहराते हुए एफआईआर दर्ज कराई और जिला उपभोक्ता आयोग में मुआवजे की मांग की। सुनवाई के दौरान आयोग ने पाया कि आयोजकों ने किसी भी प्रकार का बीमा नहीं कराया था और सुरक्षा प्रबंधों में गंभीर लापरवाही बरती। यहां तक कि कोर्ट में दिए गए आयोजकों के जवाब आपस में मेल नहीं खा रहे थे।

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