रेवाड़ी में रिश्वतखोरी पर नकेल: बावल तहसील में इंतकाल के नाम पर मांगे 20 हजार, पटवारी गिरफ्तार

रेवाड़ी के बावल में रिश्वत लेने के आरोपी पटवारी को ले जाते हुए एसीबी की टीम।
रेवाड़ी में रिश्वतखोरी पर नकेल : हरियाणा के रेवाड़ी में एसीबी की टीम ने मंगलवार दोपहर बाद बावल तहसील कार्यालय से एक पटवारी को 11 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ एंटी करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पटवारी ने विरासत का इंतकाल दर्ज करने के नाम पर 20 हजार रुपये मांगे थे। दो दिन पूर्व वह 9 हजार रुपये शिकायतकर्ता से ले चुका था। तहसील कार्यालय में हुई इस कार्रवाई के बाद वहां मौजूद अन्य पटवारियों में खलबली मच गई।
9 हजार रुपये दो दिन पहले ले चुका
बालावास निवासी सुरेंद्र को जमीन की विरासत का इंतकाल दर्ज कराना था। आरोप है कि इसके एवज में पटवारी शमशेर ने उससे 20 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। बिना रिश्वत दिए वह इंतकाल दर्ज करने में आनाकानी कर रहा था। सुरेंद्र के अनुसार उसने पटवारी से कम पैसे लेने को कहा, लेकिन उसने पूरी रकम लिए बिना इंतकाल दर्ज करने से मना कर दिया। उसने पटवारी के साथ फोन पर हुई बातचीत भी रिकॉर्ड कर ली। दो दिन पहले उसने पटवारी को 9 हजार रुपये दे दिए थे। शेष 11 हजार रुपये मंगलवार को देने की बात कही थी।
बावल सचिवालय से पैसे लेते पकड़ा
अपने साथ हो रही ज्यादती से परेशान होकर सुरेंद्र ने एसीबी के अधिकारियों से रिश्वत मांगने की शिकायत की। एसीबी की टीम ने एक योजना के अनुसार सुरेंद्र को पाउडर लगे हुए 11 हजार रुपये के नोट देकर पटवारी के पास बावल सचिवालय में भेज दिया। जैसे ही सुरेंद्र ने पटवारी को रकम देकर टीम को इशारा किया तभी एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही काबू कर लिया। बाद में टीम उसे रेवाड़ी कार्यालय लाई, जहां उसके हाथ धुलवाए गए। अन्य प्रक्रिया पूरी करने के बाद उसका मेडिकल कराया गया। आरोपी के खिलाफ एसीबी ने एंटी करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया।
दफ्तर छोड़कर भाग खड़े हुए पटवारी
एसीबी की टीम ने जैसे ही तहसील परिसर में दस्तक दी, वहां मौजूद अधिकांश पटवारी अपने दफ्तरों से निकलकर भाग गए। पटवारियों में काफी देर तक खलबली मची रही। तहसील सूत्रों के अनुसार कई पटवारी रिश्वत के खेल को जमकर अंजाम देते हैं। पकड़े जाने की आशंका से ही वह अपने दफ्तरों से निकलकर भाग गए। पटवारियों के साथ-साथ तहसील परिसर के कर्मचारियों में भी हड़कंप की स्थिति बनी रही।
