हरियाणा की महिला पहलवानों का दबदबा: अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए 10 में 7 खिलाड़ी हरियाणा से

Women World Wrestling Championship
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महिला विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए चयनित पहलवान। 

सोनीपत की काजल को 72 किलोग्राम भारवर्ग और चरखी दादरी की नेहा सांगवान को 59 किलोग्राम भारवर्ग में जगह मिली है। दोनों पहलवानों ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है।

बुल्गारिया में होने वाली महिला अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। इस महत्वपूर्ण चैंपियनशिप के लिए दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में ट्रायल आयोजित किए गए, जिसमें देश भर से कुल 42 महिला पहलवानों ने हिस्सा लिया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद 10 सदस्यीय भारतीय टीम का चयन किया गया है, जिसमें से 7 महिला पहलवान हरियाणा की हैं, जबकि 3 दिल्ली की हैं। यह हरियाणा की कुश्ती में बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

चयनित टीम में हरियाणा का दबदबा

चयनित टीम में हरियाणा के पहलवानों का दबदबा स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इसमें सोनीपत की काजल को 72 किलोग्राम भारवर्ग में जगह मिली है। काजल ने इससे पहले अंडर-17 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वहीं, 59 किलोग्राम भारवर्ग में नेहा सांगवान को शामिल किया गया है, जिनसे एक बार फिर देश को गोल्ड की उम्मीद है। ट्रायल के दौरान भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह, ओलिंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त और अन्य महत्वपूर्ण पदाधिकारी मौजूद रहे, जिन्होंने सभी पहलवानों के प्रदर्शन को बारीकी से परखा।

नेहा से गोल्ड की उम्मीदें

चरखी दादरी जिले के फौगाट सिस्टर के गांव की नेहा सांगवान एक जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने अंडर-17 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप (जॉर्डन) में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था। इसके अलावा वह वर्ल्ड रैंकिंग सीरीज में भी चार पहलवानों को हराकर गोल्ड जीत चुकी हैं। नेहा के पिता अमित कुमार और उनके कोच सज्जन सिंह को उम्मीद है कि बुल्गारिया में भी नेहा अपने प्रदर्शन को दोहराते हुए गोल्ड मेडल लाएंगी। उनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड उनकी जीत की संभावना को और भी मजबूत करता है।

काजल का जलवा फिर चलेगा

सोनीपत की काजल को भी 72 किलोग्राम भारवर्ग में टीम में शामिल किया गया है। काजल ने जूनियर कैडेट कुश्ती एशियन चैंपियनशिप (जॉर्डन) में भी 'गोल्डन पंच' दिखाया था। उनकी कुश्ती की यात्रा 7 साल की उम्र में ही शुरू हो गई थी, जब उन्होंने अपने चाचा कृष्ण से पहलवानी के गुर सीखना शुरू किया था। काजल ने अब तक 16 बार भारत केसरी, दो-दो बार हरियाणा और दिल्ली केसरी का खिताब अपने नाम किया है। उनका यह अनुभव और जीत का जुनून टीम के लिए एक बड़ाT बोनस साबित हो सकता है।

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