BPL category: हरियाणा में स्वेच्छा से 4 लाख परिवार BPL श्रेणी से बाहर, सरकार की चेतावनी का असर

हरियाणा सरकार की सख्त कार्रवाई की चेतावनी का असर दिखना शुरू हो गया है। प्रदेश में करीब 4 लाख परिवार स्वेच्छा से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) श्रेणी से बाहर हो गए हैं। फैमिली आईडी में अपनी आय को सही दर्ज कराने के बाद BPL परिवारों की संख्या अब लगातार कम हो रही है। यह आंकड़ा अब 48 लाख 5 हजार 547 पर आ गया है, जो पहले 51 लाख 96 हजार 380 था। सरकार ने फर्जी BPL कार्ड धारकों को 20 अप्रैल तक का समय दिया था, जिसका सीधा प्रभाव अब आंकड़ों में दिख रहा है।
फर्जी कार्ड धारकों को सरकार की सख्त चेतावनी
हरियाणा सरकार ने उन लोगों को स्पष्ट चेतावनी दी थी जिन्होंने गलत तरीके से BPL कार्ड बनवा रखे थे। सरकार ने उन्हें यह लाभ स्वेच्छा से छोड़ने का निर्देश दिया था और इसके लिए 20 अप्रैल तक का समय निर्धारित किया था। इस चेतावनी में यह भी कहा गया था कि यदि वे अपनी फैमिली आईडी में सही आय का विवरण दर्ज नहीं कराते और BPL श्रेणी से बाहर नहीं जाते, तो उनसे अब तक उठाए गए लाभ की वसूली की जाएगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। इस सख्त रुख का परिणाम यह हुआ कि बड़ी संख्या में परिवारों ने खुद ही अपनी स्थिति को ठीक कर लिया।
जुलाई में कम परिवारों को मिलेगा राशन
सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जुलाई माह में 3 लाख 90 हजार 833 परिवारों को कम राशन वितरित किया जाएगा, 30 मार्च को प्रदेश में BPL परिवारों की संख्या 51 लाख 96 हजार 380 थी, जो अब घटकर 48 लाख 5 हजार 547 रह गई है। यह गिरावट दर्शाती है कि सरकार की सख्ती और लोगों में जागरूकता का एक साथ परिणाम देखने को मिला है। यह कदम सरकार के वित्तीय बोझ को कम करने और वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने में मदद करेगा।
सिरसा में सबसे अधिक BPL परिवार कम हुए
30 मार्च से 1 जुलाई के बीच प्रदेश में कुल 3 लाख 90 हजार 833 परिवार BPL श्रेणी से बाहर हुए हैं। इस अवधि में सबसे ज्यादा कमी सिरसा जिले में दर्ज की गई, जहां 29 हजार 652 परिवार इस श्रेणी से बाहर हुए हैं। यह आंकड़ा सिरसा में आय सत्यापन और लोगों द्वारा अपनी स्थिति को सही करने में दिखाई गई तत्परता को दर्शाता है। दूसरे नंबर पर गुरुग्राम है, जहां 26 हजार 559 परिवार BPL श्रेणी से बाहर हुए हैं। गुरुग्राम जैसे शहरी क्षेत्र में जहां आय के स्रोत अधिक हो सकते हैं, वहां यह बदलाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। तीसरे नंबर पर करनाल रहा, जहां 23 हजार 35 BPL परिवार कम हुए हैं।
चरखी दादरी में सबसे कम गिरावट
जबकि अधिकांश जिलों में BPL परिवारों की संख्या में उल्लेखनीय कमी देखी गई, वहीं चरखी दादरी में सबसे कम गिरावट दर्ज की गई। यहां 8 हजार 93 BPL परिवार कम हुए हैं। यह अंतर विभिन्न जिलों में आय के स्तर, जागरूकता अभियानों के प्रभाव, या लोगों द्वारा अपनी आय स्थिति को अद्यतन करने की गति में भिन्नता के कारण हो सकता है।
सरकार की कार्रवाई और उसका असर
यह पूरा घटनाक्रम हरियाणा सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह कल्याणकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि योजनाओं का लाभ केवल वास्तविक हकदारों तक ही पहुंचे। फैमिली आईडी को एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में उपयोग करके, सरकार ने आय सत्यापन की प्रक्रिया को सरल बनाया है और फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगाम कसी है।
इस कदम से न केवल सरकारी खजाने पर पड़ने वाला अनावश्यक बोझ कम होगा, बल्कि यह वास्तविक गरीब और जरूरतमंद परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए संसाधनों को मुक्त करेगा। यह एक सकारात्मक बदलाव है जो राज्य में सामाजिक कल्याण योजनाओं के वितरण को और अधिक प्रभावी और न्यायसंगत बनाएगा। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रवृत्ति कैसे जारी रहती है और क्या सरकार इसी तरह के और कदम उठाती है।
