हरियाणा का साम्थर्य बना सबसे युवा शूटर: ऑस्ट्रेलिया की नेशनल चैंपियनशिप में चौंकाया, चरखी दादरी से ताल्लुक

हरियाणा की मिट्टी में जन्मा एक 12 साल का 'वंडर किड' आज ऑस्ट्रेलिया में धूम मचा रहा है। चरखी दादरी के पैंतावास गांव से ताल्लुक रखने वाले साम्थर्य सांगवान ने महज 12 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलिया के शूटिंग वर्ल्ड में ऐसा नाम कमाया है कि हर कोई हैरान है। साम्थर्य अब ऑस्ट्रेलिया का सबसे युवा शूटर बन गए हैं, और उन्होंने हाल ही में नेशनल चैंपियनशिप में चौथा स्थान हासिल करके अपनी असाधारण प्रतिभा का लोहा मनवाया है। ये कहानी सिर्फ एक बच्चे की सफलता की नहीं, बल्कि सपनों को पंख देने वाले परिवार के सपोर्ट और जुनून की भी है।
ऑस्ट्रेलिया में अनूठी पहचान
साम्थर्य सांगवान इस समय ऑस्ट्रेलिया के पर्थ शहर में रहते हैं। उन्होंने नेशनल चैंपियनशिप में 18 साल के युवाओं के साथ कड़ा मुकाबला किया, जहां उम्र और अनुभव में उनके प्रतिद्वंद्वी उनसे काफी आगे थे वहीं साम्थर्य ने अपनी गजब की एकाग्रता और स्किल से सबको चौंका दिया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है कि इतने कम अनुभव के बावजूद, उन्होंने नेशनल लेवल पर चौथा स्थान हासिल किया।
साम्थर्य के इस सफर में उनके परिवार का बड़ा हाथ है। उनके पिता, प्रवीन सांगवान जो मूल रूप से चरखी दादरी के पैंतावास गांव के रहने वाले हैं, ऑस्ट्रेलिया में एक सफल जियो साइंटिस्ट हैं। वहीं, उनकी मां सुनैना दलाल एक टीचर हैं। प्रवीन ने अपनी शिक्षा कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पूरी की थी, जबकि सुनैना महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (MDU), रोहतक की छात्रा रही हैं। उनका मायका भी रोहतक शहर में ही है। यह परिवार करीब 8 साल पहले ऑस्ट्रेलिया शिफ्ट हुआ था, तब साम्थर्य की उम्र महज 3 साल थी। आज वे ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े हैं और हरियाणा का नाम रोशन कर रहे हैं।
नेशनल चैंपियनशिप में धमाकेदार प्रदर्शन, अनुभव को दी मात
साम्थर्य सांगवान ने 18 से 24 मई तक हुई 10 मीटर एयर पिस्टल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया। यह चैंपियनशिप 12 से 18 आयु वर्ग के लिए थी, और साम्थर्य ने अपने से 6 साल बड़े और 4-5 साल अधिक अनुभव वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया।
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि साम्थर्य और ब्रोंज मेडलिस्ट का स्कोर बिल्कुल बराबर था, लेकिन कुछ टेक्निकल पॉइंट्स के कारण उन्हें चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। फिर भी, यह एक अविश्वसनीय उपलब्धि है जो उनके टैलेंट और कड़ी मेहनत को दर्शाती है। इतने कम समय में इतनी बड़ी प्रतियोगिता में ऐसा प्रदर्शन करना वाकई काबिले तारीफ है और भविष्य में उनके लिए बड़े प्लेटफॉर्म्स पर चमकने की उम्मीद जगाता है।
11 साल की उम्र में शूटिंग की शुरुआत
साम्थर्य सांगवान ने शूटिंग की दुनिया में अपनी यात्रा तब शुरू की जब वह केवल 11 साल के थे। उन्होंने बहुत कम उम्र से ही इस खेल में अपनी रुचि और प्रतिभा दिखाना शुरू कर दिया था। हालांकि, अप्रैल 2025 में पश्चिमी ऑस्ट्रेलियन शूटिंग फेडरेशन ने एक नया नियम लागू किया, जिसके तहत 12 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा शूटिंग ट्रेनिंग शुरू नहीं कर सकता था। मगर साम्थर्य के लिए यह नियम एक बाधा नहीं बन पाया, क्योंकि मार्च 2025 में ही वे 12 साल के हो गए थे! और अपने जन्मदिन के ठीक बाद, मई में उन्होंने अपना पहला नेशनल टूर्नामेंट खेल लिया। यह उनकी लगन और दृढ़ता का प्रमाण है कि नियमों में बदलाव के बावजूद उन्होंने अपने जुनून को नहीं छोड़ा।
परिवार का फुल सपोर्ट
साम्थर्य के इस खेल में उनकी सफलता का एक बड़ा राज उनके माता-पिता का अप्रतिम समर्थन है। बेटे के शूटिंग के सपने को पंख देने के लिए, उनकी मां सुनैना दलाल और पिता प्रवीन सांगवान ने खुद भी शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू कर दी है। यह दर्शाता है कि वे अपने बेटे के पैशन को कितना गंभीरता से लेते हैं और उसे पूरा सपोर्ट देना चाहते हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, स्पेशल ट्रेनिंग के लिए पूरा परिवार पिछले साल 10 दिन के लिए भिवानी भी आया था। यहां उन्होंने प्रसिद्ध कोच प्रदीप बैनीवाल की एकेडमी में प्रैक्टिस की। यह बताता है कि वे अपने बेटे के लिए बेस्ट कोचिंग और माहौल सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस तरह का पारिवारिक सहयोग ही बच्चों को बड़ी ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करता है।
प्रेरणा का स्रोत- दादा और वकील राजनारायण पंघाल
साम्थर्य के इस खेल में आने के पीछे एक और दिलचस्प कहानी है और उसका श्रेय जाता है उनके दादा सज्जन सांगवान और रोहतक निवासी वकील राजनारायण पंघाल को। राजनारायण पंघाल, जो साम्थर्य के परिवार के करीबी हैं, 2023 में ऑस्ट्रेलिया गए हुए थे। इसी दौरान, उन्होंने ओलिंपिक खेलों और शूटिंग के बारे में चर्चा की।
राजनारायण पंघाल का बेटा मध्य प्रदेश स्कूली खेलों में रैंक वन शूटर है, और उनकी बेटी भी लगातार दो साल तक मध्य प्रदेश की रैंक वन शूटर रही है। वह वर्तमान में यूके में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रही है। इन दोनों प्रतिभाशाली बच्चों की कहानियों से प्रवीन सांगवान काफी प्रेरित हुए और उन्होंने अपने बेटे साम्थर्य के लिए शूटिंग एकेडमी तलाशनी शुरू कर दी।
एकेडमी की तलाश और परिवार का जुनून
राजनारायण पंघाल के बच्चों से प्रेरित होकर, प्रवीन सांगवान ने बिना देर किए साम्थर्य के लिए शूटिंग एकेडमी ढूंढनी शुरू कर दी। एक महीने के भीतर ही, साम्थर्य शूटिंग रेंज में जाकर प्रैक्टिस में जुट गया। बेटे के खेल पर पैनी नजर रखने और उसे हर कदम पर सपोर्ट करने के लिए, अब दोनों पति-पत्नी – प्रवीन और सुनैना – ने भी खुद शूटिंग एकेडमी ज्वाइन कर ली है।
यह जुनून और समर्पण ही है जो साम्थर्य को इतनी कम उम्र में इतनी बड़ी सफलता दिला रहा है। साम्थर्य सांगवान की यह कहानी वाकई प्रेरणादायक है, जो दर्शाती है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत और पारिवारिक समर्थन के साथ, बच्चे किसी भी क्षेत्र में कमाल कर सकते हैं। यह न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।
