पानीपत अस्पताल में बड़ी चूक: दो शव आपस में बदले, अंतिम संस्कार से वापस लेकर आए परिजन

पानीपत अस्पताल में बड़ी चूक : हरियाणा के पानीपत जिले के सिविल अस्पताल में रविवार को एक अजीब और हैरतअंगेज घटना घटी, जब दो अलग-अलग हादसों में मृत हुए व्यक्तियों के शवों को लेकर उलझन बन गई। अस्पताल में परिजनों की गलत पहचान के कारण शवों की अदला-बदली हो गई, जिससे तनावपूर्ण स्थिति बन गई।
दो दुर्घटना में दो युवकों की गई थी जान
घटना की शुरुआत शनिवार रात हुई, जब महावटी गांव निवासी 25 वर्षीय अंकुश अपनी बाइक पर घर लौट रहे थे। गांव शिमला गुजरान के पास उनकी बाइक अचानक एक सांड से टकरा गई। इस हादसे में अंकुश गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस को इस हादसे की सूचना दे दी गई थी और उनके परिवार को भी मौत की जानकारी दी गई थी। वहीं, रविवार सुबह 8 बजे इसराना निवासी 42 वर्षीय गेस्ट टीचर अमरजीत नौल्था गोशाला जा रहे थे। इस दौरान उनकी बाइक को इसराना फ्लाईओवर पर एक ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में अमरजीत की मौके पर ही मौत हो गई और ट्रक चालक फरार हो गया। अमरजीत का शव भी सिविल अस्पताल के शवगृह में रखा गया।
गांव जाकर पता चला गलती तो वापस आए
रविवार सुबह करीब 9 बजे, दोनों मृतकों के परिजन अस्पताल पहुंचे। अस्पताल कर्मचारियों ने अंकुश के शव की पहचान करने के लिए परिजनों से कहा। लेकिन चेहरे पर गंभीर चोट होने के कारण अंकुश के परिवार ने गलती से अमरजीत के शव को अपने बेटे अंकुश के रूप में पहचान लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने उसी शव का पोस्टमॉर्टम कर दिया और उसे अंकुश के परिवार को सौंप दिया। परिजन शव लेकर महावटी गांव पहुंचे और अंतिम दर्शन करने लगे। तभी उन्हें यह आश्चर्यजनक तथ्य पता चला कि शव उनके बेटे का नहीं है। तुरंत परिजन शव लेकर अस्पताल लौटे, जहां अमरजीत के परिवार वाले पहले से मौजूद थे। उन्होंने अपने मृतक सदस्य की सही पहचान की और उसे अपने परिवार को सौंप दिया। इसके बाद अंकुश का शव पोस्टमॉर्टम कराया गया और उसे महावटी गांव ले जाया गया।
अस्पताल की नहीं थी गलती : एसएमओ
सिविल अस्पताल के SMO डॉ. संजीव गुप्ता ने इस घटना पर कहा कि अस्पताल की तरफ से कोई गलती नहीं हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि शवों की अदला-बदली केवल परिजनों की गलत पहचान के कारण हुई। हमारे स्तर पर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। परिजन ही सही पहचान नहीं कर पाए थे, इसलिए यह भ्रम उत्पन्न हुआ। इस घटना ने पानीपत सिविल अस्पताल में थोड़ी देर के लिए तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। अस्पताल प्रशासन ने सभी परिजनों को समझाया और स्थिति को शांत कराया। वहीं, यह घटना एक चेतावनी भी बन गई कि गंभीर चोटों के मामलों में शवों की सही पहचान के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए।
