बिल्डर का दिवालिया दांव: पानीपत में अंसल सुशांत सिटी पर NGT और बिजली निगम का करोड़ों बकाया

हरियाणा के पानीपत के सेक्टर 13-17 में स्थित अंसल सुशांत सिटी ने खुद को दिवालिया घोषित करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में याचिका दायर की है। माना जा रहा है कि बिल्डर ने यह कदम राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) द्वारा लगाए गए 4 करोड़ रुपये से अधिक के भारी-भरकम जुर्माने से बचने के लिए उठाया है। अंसल पर लगातार बढ़ते जुर्माने और सख्त आदेशों के बावजूद बिल्डर उन्हें दरकिनार करता रहा है, जिसके बाद उसने यह आखिरी 'हथियार' आजमाया है।
बंद STP और बढ़ते जुर्माने की कहानी
अंसल सुशांत सिटी पर NGT का यह जुर्माना उनके सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के बंद होने और भूमि व जल प्रदूषण फैलाने के आरोप में लगा है। करीब एक साल पहले, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB), हरियाणा स्टेट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (HSPCB), जिले के एडीसी, आरओ और HSVP के एईओ की एक संयुक्त टीम ने अंसल सुशांत सिटी का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान बिल्डर की कई गंभीर खामियां पकड़ी गईं, जिसके बाद उस पर कड़ा जुर्माना लगाया गया। टीम ने पाया कि वहां भूमि और जल प्रदूषण हो रहा था और पानी की निकासी के लिए कोई पूर्ण सीवरेज सुविधा मौजूद नहीं थी। इसके बजाय, पानी का निस्तारण अवैध तरीकों से किया जा रहा था।
गैर-कानूनी तरीके से काम कर रहा था अंसल
जांच कमेटी टीम ने 12 अप्रैल 2024 और फिर 19 अप्रैल 2024 को अंसल सुशांत सिटी का दोबारा जायजा लिया था। इस दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अंसल के दोनों फेज़ में से पहले फेज़ का STP पूरी तरह से बंद मिला। कंपनी ने अपने 'कंसेंट टू ऑपरेट' का प्रमाण पत्र भी रिन्यू नहीं कराया था, और न ही उनके पास 'कंसेंट टू एस्टैब्लिश' का प्रमाण पत्र था। दूसरे फेज़ का STP चालू हालत में था, जिसका सैंपल भी लिया गया था। हालांकि, दोनों फेज़ में सीवरेज फ्लो मीटर नहीं था और न ही कोई लॉग बुक मेंटेन की जा रही थी। इसके बाद सवाल उठा कि सोसाइटी से निकलने वाला 10600 केएलडी सॉलिड वेस्ट आखिर जा कहां रहा था, जबकि अंसल का अपना STP बंद पड़ा था। जांच में सामने आया कि अंसल ने अपने सीवरेज का कनेक्शन गैर-कानूनी तरीके से 1 अप्रैल 2019 से HSVP की मास्टर सीवर लाइन में जोड़ रखा था। यह एक बड़ा उल्लंघन है, जिसके कारण अंसल पर यह भारी-भरकम जुर्माना लगाया गया है।
बिजली निगम का बकाया भी
NCLT में दिवालिया याचिका दायर करने का एक और कारण यह भी है कि अंसल पर NGT के जुर्माने के अलावा बिजली निगम का भी भारी-भरकम बिल पेंडिंग है। ऐसे में, खुद को दिवालिया घोषित कर बिल्डर इन सभी देनदारियों से बचने की कोशिश कर रहा है। यह देखना होगा कि NCLT इस याचिका पर क्या फैसला लेती है और क्या अंसल सुशांत सिटी वाकई दिवालिया घोषित हो पाएगा या नहीं। इस मामले का असर सोसाइटी में रहने वाले हजारों निवासियों और अन्य देनदारों पर पड़ सकता है।
