हरियाणा में 'बेटे की चाहत' की नई राह: विदेश में हो रही भ्रूण लिंग जांच, STF की 9 जिलों पर नजर

Sex determination
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प्रदेश में सख्ती होने के बाद लोग विदेश में कराने लगे भ्रूण लिंग जांच। 

नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों में भ्रूण लिंग परीक्षण कराने के मामले सामने आए हैं। गिरोह इसके लिए एक से डेढ़ लाख रुपये तक वसूल रहे हैं। नेपाल में तो 5,000 रुपये की जांच के लिए भी मोटी रकम ली जा रही है।

हरियाणा में 'बेटे की चाहत' अब एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गई है। सरकार की सख्ती और पड़ोसी राज्यों में लगातार हो रही कार्रवाई के कारण लिंग जांच गिरोह अब भारत के बाहर यानी विदेशों में अपनी जड़ें जमा रहा है। हरियाणा के कई दंपती अब नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे देशों में भ्रूण का लिंग परीक्षण करवाने के लिए जा रहे हैं।

लगातार छापेमारी के कारण अब विदेश बना सुरक्षित ठिकाना

स्वास्थ्य विभाग द्वारा पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे पड़ोसी राज्यों में लिंग जांच करने वाले सेंटरों पर लगातार छापे मारे जा रहे हैं, जिससे वहां इस तरह की गतिविधियां कम हुई हैं। इसी कारण लिंग जांच कराने वालों ने अब विदेश का रुख किया है, जहां कानूनी कार्रवाई की संभावना कम है। नेपाल हरियाणा के लोगों के लिए सबसे पसंदीदा जगह बनकर उभरा है। इसकी मुख्य वजह है कि यह भारत के करीब है और यहां पहुंचने का खर्च भी कम है।

मोटी रकम वसूल रहा गिरोह

सूत्रों के अनुसार यह गिरोह विदेशी धरती पर लिंग जांच के लिए मोटी रकम वसूल रहा है। नेपाल के पोखरा में लिंग जांच का वास्तविक खर्च केवल 5,000 रुपये है, लेकिन गिरोह के सदस्य दंपतियों से 1 से 1.5 लाख रुपये तक वसूल रहे हैं। श्रीलंका और थाईलैंड तक ले जाने के लिए तो यह रकम 30,000 से 3 लाख रुपए तक पहुंच जाती है। ये गिरोह पैसों के लालच में मासूम जिंदगियों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

सरकार ने अपनाई नई रणनीति

विदेशी धरती पर हो रही इस गैरकानूनी लिंग जांच से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अब एक नई रणनीति अपनाई है। स्टेट टास्क फोर्स (STF) ने 12 सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं पर नजर रखना शुरू कर दिया है। विभाग को संदेह है कि विदेश में लिंग जांच कराने के बाद हरियाणा में गर्भपात के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।

कानूनी पेच और चुनौतियां

स्वास्थ्य विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती एमटीपी (Medical Termination of Pregnancy) कानून है। इस कानून के तहत 20 सप्ताह तक गर्भपात कराना कानूनी है, बशर्ते महिला इसके लिए लिखित कारण दे। इसी कानूनी प्रावधान का फायदा उठाकर लोग गैरकानूनी लिंग जांच के बाद गर्भपात करवा रहे हैं।

• 13-18 सप्ताह : इस अवधि में लिंग जांच की जाती है।

• 20 सप्ताह तक : इस अवधि तक गर्भपात कराया जा सकता है। एमटीपी संशोधन कानून 2021 के अनुसार, 12 से 20 सप्ताह तक गर्भपात के लिए एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की सहमति जरूरी है, और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो डॉक्टरों की।

इन 9 जिलों पर STF की खास नजर

हरियाणा में अवैध गर्भपात के मामलों को रोकने के लिए STF ने नौ जिलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इन जिलों में सिरसा, सोनीपत, हिसार, करनाल, अंबाला, चरखी दादरी, भिवानी और पलवल शामिल हैं, जहां अब तक गर्भपात के लगभग 125 मामले दर्ज किए गए हैं।

चुनौतियों के बावजूद हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार

इन सभी चुनौतियों के बावजूद हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार देखने को मिल रहा है। पिछले 10 वर्षों में सरकार के "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के तहत की गई लगातार कोशिशों का असर दिख रहा है। पिछले साल 31 अगस्त को जहां लिंगानुपात 901 था, वहीं इस साल 31 अगस्त 2025 को यह बढ़कर 907 हो गया है। यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की सख्ती और लोगों में बढ़ती जागरूकता से स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

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