सूरजमुखी खरीद की अवधि बढ़ी: हरियाणा में अब इस तारीख तक MSP पर फसल बेच सकेंगे किसान

अंबाला की मंडी में सूरजमुखी की भराई करते श्रमिक।
हरियाणा सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए सूरजमुखी की खरीद अवधि को तीन दिन बढ़ा कर 3 जुलाई तक कर दिया है। यह फैसला उन किसानों के लिए महत्वपूर्ण है जो हाल ही में हुई बारिश के कारण अपनी फसल की कटाई और मंडियों तक पहुँचने में देरी का सामना कर रहे थे। राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिल सके।
खरीद का लक्ष्य और वर्तमान स्थिति
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने बताया कि किसानों को MSP का लाभ दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है। हरियाणा में हैफेड (HAFED) और हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉरपोरेशन (Haryana Warehousing Corporation) द्वारा सूरजमुखी की खरीद की जा रही है।
• अब तक की खरीद: वर्ष 2025-26 में अब तक 47,300 मीट्रिक टन सूरजमुखी की खरीद हो चुकी है, जो पिछले साल (38,903 मीट्रिक टन) के आंकड़े से काफी अधिक है।
• भारत सरकार की स्वीकृति: भारत सरकार ने इस साल हरियाणा में 8883 टन सूरजमुखी खरीदने की स्वीकृति प्रदान की है।
• बाजार भाव बनाम MSP: वर्तमान में सूरजमुखी का बाजार भाव 6400-6500 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि सरकार ने 7280 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। यह अंतर दर्शाता है कि किसानों के लिए सरकारी खरीद कितनी महत्वपूर्ण है।
उत्पादन और किसान पंजीकरण का विवरण
कृषि एवं कल्याण विभाग की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में इस बार 44062 टन सूरजमुखी पैदावार की संभावना है।
• बिजाई का क्षेत्र: इस वर्ष किसानों द्वारा 76,785 एकड़ में सूरजमुखी की बिजाई की गई है।
• पंजीकृत किसान : मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर सूरजमुखी बेचने को 18 हजार 166 किसानों ने पंजीकरण कराया। यह किसानों को खरीद प्रणाली से जुड़ने में मदद करता है।
इन मंडियों में हो रही खरीद
राज्य के पांच जिलों की 17 मंडियों में हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन द्वारा सूरजमुखी की खरीद की जा रही है। इन जिलों और मंडियों का विवरण इस प्रकार है:
• अंबाला जिला: अंबाला शहर, अंबाला कैंट, शहजादपुर, साहा, बराड़ा (हैफेड द्वारा) और मुलाना (एचडब्लूसी द्वारा)।
• करनाल जिला: करनाल (हैफेड द्वारा)।
• कुरुक्षेत्र जिला: इस्माईलाबाद (एचडब्लूसी द्वारा), थानेसर (हैफेड द्वारा), थोल (एचडब्लूसी द्वारा), शाहबाद (हैफेड और एचडब्लूसी द्वारा), लाडवा (हैफेड द्वारा), बबैन (हैफेड द्वारा), झांसा (एचडब्लूसी द्वारा)।
• पंचकूला जिला: बरवाला (हैफेड द्वारा)।
• यमुनानगर जिला: साढौरा (एचडब्लूसी द्वारा)।
किसानों को मिली राहत
सरकार के इस फैसले से उन किसानों को बड़ी राहत मिली है जो बारिश के कारण फसल कटाई और मंडी तक पहुंचाने में चुनौतियों का सामना कर रहे थे। निर्धारित खरीद अवधि के बढ़ने से उन्हें अपनी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने का अतिरिक्त अवसर मिल गया है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा। यह कदम किसानों के हित में एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।
