हरियाणा में खत्म होगा बिजली संकट: 82 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लो वोल्टेज और कटौती से मिलेगी मुक्ति

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हरियाणा में बिजली संकट खत्म करने की तैयारी शुरू। 

इस गंभीर संकट से निपटने के लिए राज्य के ऊर्जा मंत्री ने कमर कस ली है। उन्होंने अधिकारियों को हाई लॉस वाले क्षेत्रों की निगरानी करने और लीकेज रोकने के निर्देश दिए हैं। DHBVN और UHBVN दोनों वितरण निगम बड़े कंडक्टर और केबल लगाने जैसी व्यापक योजनाएं बना रहे हैं।

हरियाणा में रहने वाले 82.39 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ताओं के लिए बिजली कटौती (Power Cut) और लो वोल्टेज (Low Voltage) की समस्या अब आम हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण राज्य के बिजली नेटवर्क में मौजूद हाई लॉस फीडर हैं। ये फीडर न सिर्फ उपभोक्ताओं को अस्थिर बिजली सप्लाई दे रहे हैं, बल्कि बिजली कंपनियों के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

हाई लॉस फीडरों के कारण कई उपभोक्ता रोजाना प्रभावित हो रहे हैं। बिजली बार-बार ट्रिप होती है, घंटों गुल रहती है और वोल्टेज गिरने से घरों के महंगे बिजली उपकरण (जैसे फ्रिज, टीवी) खराब हो रहे हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए अब राज्य सरकार और ऊर्जा विभाग ने कमर कस ली है।

ऊर्जा मंत्री खुद करेंगे निगरानी

प्रदेश सरकार ने इस संकट को गंभीरता से लिया है। ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया है कि वह स्वयं इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों की बैठक बुलाने की तैयारी की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है और इस लीकेज को कैसे रोका जाए। यह कदम दर्शाता है कि सरकार जल्द ही उपभोक्ताओं को बेहतर और स्थिर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े बदलाव करेगी।

हाई लॉस फीडर का मतलब है रास्ते में बिजली चोरी हो जाना

आपके घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सबस्टेशन से निकलने वाले तारों के समूह को फीडर कहा जाता है। हाई लॉस फीडर में बिजली का एक बड़ा हिस्सा रास्ते में ही बर्बाद हो जाता है (तकनीकी खराबी या बिजली चोरी के कारण), तो उसे हाई लॉस फीडर कहा जाता है। इस बर्बादी के कारण जो बिजली घरों तक पहुंचती है, वह कमजोर होती है।

ऐसे में उपभोक्ता को 4 प्रमुख दिक्कतें आती हैं।

1. वोल्टेज फ्लक्चुएशन: वोल्टेज का स्तर लगातार अस्थिर रहता है—कभी बहुत कम (लो वोल्टेज) तो कभी अचानक बढ़ जाता है।

2. बार-बार बिजली कटौती: अस्थिर प्रदर्शन के कारण फीडर अक्सर ट्रिप हो जाते हैं, जिससे बिजली बार-बार गुल होती है।

3. उपकरणों की खराबी: अचानक कम या ज़्यादा वोल्टेज से फ्रिज, कंप्यूटर, और अन्य महंगे घरेलू उपकरण जल जाते हैं या खराब हो जाते हैं।

4. बिजली बिल में बढ़ोतरी: हाई लॉस के कारण सप्लाई का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद होने के बावजूद, अक्सर इसका असर कुल बिजली बिल पर भी पड़ सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक नुकसान

बिजली वितरण कंपनियों के आंकड़े बताते हैं कि यह समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक विकराल है।

उत्तर हरियाणा (UHBVN) का हाल : यूएचबीवीएन (उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम) के अंतर्गत 40% से अधिक नुकसान वाले 65 ग्रामीण फीडर दर्ज हैं।

• सबसे ज़्यादा नुकसान वाले सर्किल: रोहतक (33), सोनीपत (16), झज्जर (9), और कैथल (7)। यह स्पष्ट करता है कि ग्रामीण नेटवर्क में सुधार करना यूएचबीवीएन के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

दक्षिण हरियाणा (DHBVN) का हाल: डीएचबीवीएन (दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम) के आंकड़े भी चिंताजनक हैं।

• 40% से अधिक नुकसान वाले ग्रामीण फीडर: 293 हैं, जिनमें जींद (129), हिसार (73), और पलवल (57) शीर्ष पर हैं।

• शहरी फीडरों में नुकसान: 20% से अधिक नुकसान वाले 47 शहरी फीडर दर्ज हैं। अप्रैल से जुलाई 2025 की अवधि में यह स्थिति और बिगड़ी है, जिससे दक्षिण हरियाणा में समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।

नेटवर्क सुधार पर फोकस

दोनों बिजली वितरण कंपनियों—डीएचबीवीएन और यूएचबीवीएन—ने इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए व्यापक योजनाएं बनाई हैं।

1. कंडक्टर और केबल में बदलाव : दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) ने लाइन लॉस कम करने के लिए छोटे कंडक्टर की जगह बड़े कंडक्टर लगाने शुरू किए हैं। चोरी वाले क्षेत्रों में खुले कंडक्टर की जगह केबल (Cable) डाली जा रही है, जिससे चोरी और लीकेज दोनों रुकेगी।

2. लोड प्रबंधन और सबस्टेशन में सुधार : जिन 11 केवी फीडरों पर ज्यादा लोड है, उन्हें अलग करके भार कम किया जा रहा है। साथ ही, बढ़ते उपभोक्ता लोड को देखते हुए 33/11 केवी सबस्टेशन को भी बढ़ाया और सुधारा जा रहा है।

3. सतत निगरानी : उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) भी मासिक मॉनिटरिंग बैठकों के माध्यम से इन हाई लॉस फीडरों को कवर करने पर काम कर रही है।

ये योजनाएं बताती हैं कि आने वाले दिनों में हरियाणा के 82 लाख से ज़्यादा बिजली उपभोक्ताओं को स्थिर, बेहतर वोल्टेज वाली बिजली मिलने की उम्मीद है, जिससे उनके घरेलू उपकरण सुरक्षित रहेंगे और बिजली कटौती की समस्या से भी निजात मिलेगी।

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