हरियाणा में घर बनाना अब होगा सस्ता: नियमों में बदलाव से आपकी जेब पर कम होगा बोझ, जानें कैसे मिलेगी राहत

Mining Rules
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हरियाणा में भवन निर्माण सामग्री होगी सस्ती। 

1 अगस्त को मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में होने वाली बैठक में रॉयल्टी दरों को फिर से घटाने पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा, दूसरे राज्यों से आने वाली सामग्री पर लगने वाली इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन फीस में भी कटौती संभव है।

हरियाणा सरकार आम जनता को बड़ी राहत देने की तैयारी में है, 1 अगस्त 2025 को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में खनन नियमों (2012) में महत्वपूर्ण संशोधन किए जा सकते हैं। इस कदम से भवन निर्माण में लगने वाली रेत, बजरी और पत्थर जैसी सामग्री की कीमतें कम होने की उम्मीद है। यह बैठक सिविल सचिवालय में सुबह 11 बजे शुरू होगी, जहां कई बड़े फैसलों पर चर्चा होगी।

क्यों है नियमों में बदलाव की जरूरत

पिछले महीने हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने पत्थर और रेत पर रॉयल्टी की दरों को दोगुना कर दिया था। इस फैसले के बाद रेत की रॉयल्टी 40 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति टन और पत्थर की रॉयल्टी 45 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये प्रति टन कर दी गई थी। इसके अलावा, राज्य के बाहर से आने वाले खनिज वाहनों पर 100 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क भी लगाया गया था। इन फैसलों से भवन निर्माण की लागत काफी बढ़ गई थी, जिससे आम लोगों को घर बनाने में दोगुनी रकम खर्च करनी पड़ रही थी।

आम जनता और विधायकों की मांग

सरकार के इस फैसले से लोगों के साथ-साथ खनन व्यवसाय से जुड़े लोग भी परेशान थे। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर रॉयल्टी दरों में संशोधन की मांग की थी। साथ ही पार्टी के कई विधायकों ने भी मुख्यमंत्री से इन दरों को फिर से कम करने का आग्रह किया था। इन सभी मांगों को देखते हुए, सरकार ने अब नियमों में फिर से बदलाव करने का फैसला किया है।

ये बदलाव हो सकते हैं

इस मीटिंग में सरकार रेत, बजरी और पत्थर पर लगने वाली रॉयल्टी दरों को कम कर सकती है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाली निर्माण सामग्री पर लगने वाली इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन फीस में भी कटौती की जा सकती है। अगर ये फैसले लागू होते हैं तो भवन निर्माण सामग्री की कीमतें घटेंगी और घर बनाना आम लोगों के लिए फिर से सस्ता हो जाएगा।

ओबीसी आरक्षण पर भी हो सकता है फैसला

कैबिनेट मीटिंग में केवल खनन नियमों पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी और उनके सहयोगी मंत्री ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए सरकारी नौकरियों में ग्रुप ए और बी पदों में 27% आरक्षण पर भी फैसला ले सकते हैं। हाल ही में, एक समारोह में कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने मुख्यमंत्री से ओबीसी के लिए इस आरक्षण की मांग की थी। इसके बाद गंगवा ने दावा किया था कि सरकार जल्द ही इस पर निर्णय लेगी, और अब इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है। यह फैसला प्रदेश में एक बड़े वर्ग को प्रभावित कर सकता है।

कैबिनेट मीटिंग विभिन्न वर्गों के लिए महत्वपूर्ण

1 अगस्त को होने वाली यह कैबिनेट मीटिंग हरियाणा के आम लोगों और विभिन्न वर्गों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। खनन नियमों में प्रस्तावित संशोधन से जहां एक तरफ घर बनाने की लागत कम होगी, वहीं ओबीसी आरक्षण पर होने वाला फैसला सरकारी नौकरियों में बड़ा बदलाव ला सकता है। यह बैठक यह तय करेगी कि सरकार जनता को कितनी राहत दे पाती है।

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