डिजिटल जुए का नया जाल: हरियाणा सरकार की 'ओपिनियन ट्रेडिंग' से बचने की चेतावनी

हरियाणा सरकार ने ओपिनियन ट्रेडिंग से बचने की सलाह दी।
आजकल इंटरनेट पर कई नए और आकर्षक तरीके सामने आ रहे हैं, जो लोगों को रातोंरात अमीर बनने का सपना दिखा रहे हैं। ऐसा ही एक नया और खतरनाक चलन है "ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म"। ये प्लेटफॉर्म खुद को एक वैध निवेश सेवा के रूप में पेश करते हैं और लोगों को लगता है कि वे सही तरीके से शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। लेकिन, हरियाणा सरकार ने इन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें इन्हें 'डब्बा ट्रेडिंग' जैसा अवैध जुआ बताया गया है। यह चेतावनी दर्शाती है कि ये आकर्षक दिखने वाले प्लेटफॉर्म असल में लोगों को धोखा देने और उनकी गाढ़ी कमाई लूटने का एक नया तरीका हैं।
क्या है ओपिनियन ट्रेडिंग
ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक ऐसा मंच है, जहां उपयोगकर्ता किसी घटना के परिणाम पर 'हां' या 'ना' में अपना राय देते हैं और उस पर पैसे लगाते हैं। उदाहरण के लिए क्या इस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ेगी? या "क्या कल क्रिकेट मैच में यह टीम जीतेगी?"। यह सुनने में तो सीधा और सरल लगता है, लेकिन इसमें एक बड़ा जोखिम छिपा है। सेबी (SEBI) ने साफ शब्दों में कहा है कि ये प्लेटफॉर्म निवेश के नियमों का पालन नहीं करते हैं। ये सिर्फ 'प्रॉफिट', 'स्टॉप लॉस' और 'ट्रेडिंग' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा देते हैं। सेबी ने हरियाणा सरकार को लिखे एक पत्र में इस खतरे के बारे में बताया है, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने यह चेतावनी जारी की है।
अनुमान गलत होने पर सारा पैसा चला जाता है
ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म एक तरह से जुए का ही एक नया रूप है। जब कोई उपयोगकर्ता इन प्लेटफॉर्म पर 'हां' या 'ना' में पैसे लगाता है, तो वह वास्तव में शेयर बाजार या किसी अन्य वैध व्यापार में निवेश नहीं कर रहा होता है। वह सिर्फ एक अनुमान लगा रहा होता है और अगर उसका अनुमान गलत होता है, तो वह अपना सारा पैसा गंवा देता है। यह स्थिति आर्थिक जोखिम के साथ-साथ कानूनी उलझनों को भी जन्म देती है। ये प्लेटफॉर्म न तो सेबी द्वारा विनियमित हैं और न ही किसी कानूनी ढांचे के तहत काम करते हैं। इसका मतलब है कि अगर आपका पैसा डूब जाता है, तो आप किसी भी कानूनी मदद की उम्मीद नहीं कर सकते।
'डब्बा ट्रेडिंग' का नया अवतार
हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव, सुमिता मिश्रा ने इन प्लेटफॉर्म को "अवैध व्यापार" और "डब्बा ट्रेडिंग" जैसा करार दिया है। डब्बा ट्रेडिंग एक अवैध गतिविधि है जिसमें शेयरों का व्यापार बिना किसी आधिकारिक स्टॉक एक्सचेंज के होता है। ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म भी इसी तरह काम करते हैं। ये बस एक फैंसी नाम और आधुनिक इंटरफेस के साथ आते हैं। सेबी ने स्पष्ट किया है कि ये प्लेटफॉर्म लोगों को अपनी वैधता पर भरोसा दिलाने के लिए निवेश प्लेटफॉर्म की तरह डिजाइन किए गए हैं, लेकिन इनका असली मकसद लोगों को धोखा देना है।
सरकार की सख्त कार्रवाई
इस खतरे को देखते हुए, हरियाणा सरकार ने पुलिस महानिदेशक (DGP) सहित सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। ये एजेंसियां हरियाणा सार्वजनिक जुआ रोकथाम अधिनियम 2025 के तहत इन प्लेटफॉर्म पर मुकदमा चला सकती हैं। इसके अलावा, भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि इन अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल लोगों को दंडित किया जा सके। सरकार की यह पहल दर्शाती है कि वह इस डिजिटल जुए के खतरे को गंभीरता से ले रही है और लोगों की मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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