IPS सुसाइड केस: रोहतक SP हटाए, पोस्टमॉर्टम पर बोला परिवार- जबरदस्ती डेडबॉडी PGI ले गए

सीनियर IPS वाई पूरन कुमार की फाइल फोटो।
हरियाणा के सीनियर IPS अफ़सर वाई पूरन कुमार के सुसाइड केस में बढ़ते विवाद के बीच सरकार ने शनिवार को बड़ा एक्शन लिया है। मामले में नाम आने के बाद रोहतक के SP नरेंद्र बिजारणिया को तत्काल उनके पद से हटा दिया गया है। बिजारणिया पर IPS पूरन कुमार को भ्रष्टाचार के केस में फंसाने का आरोप था। उनकी जगह IPS अफ़सर सुरेंद्र सिंह भौरिया को रोहतक का नया SP नियुक्त किया गया है, जबकि बिजारणिया को फिलहाल कोई पोस्टिंग नहीं दी गई है।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब सुसाइड के पांचवें दिन भी पोस्टमॉर्टम को लेकर विवाद जारी है। परिवार का आरोप है कि पुलिस उनकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती डेडबॉडी PGI ले गई, जबकि प्रशासन परिवार की सहमति की बात कह रहा है। परिवार लगातार बिजारणिया समेत अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।
प्रशासन मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा
वहीं घटना के पांचवें दिन भी (11 अक्टूबर) उनकी पार्थिव देह के पोस्टमॉर्टम को लेकर विवाद जारी है। एक तरफ जहां प्रशासन मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, वहीं दिवंगत अधिकारी के परिवार ने पुलिस और सरकार पर जबरदस्ती और इंसाफ न मिलने का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला सिर्फ एक अधिकारी की मौत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हरियाणा पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR और पोस्टमॉर्टम को लेकर खींचतान ने इसे एक बड़ा राजनीतिक और प्रशासनिक संकट बना दिया है।
विधायक ने कड़ा विरोध जताया
शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को उस वक्त तनाव बढ़ गया जब IPS पूरन कुमार की पार्थिव देह को सेक्टर 16 गवर्नमेंट अस्पताल से चंडीगढ़ PGI (स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) ले जाया गया। दिवंगत अधिकारी की IAS पत्नी अमनीत पी. कुमार के भाई और आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन ने इस कार्रवाई पर कड़ा विरोध जताते हुए आरोप लगाया कि डेडबॉडी को उनकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती PGI ले जाया गया। उन्होंने कहा कि एक ADGP स्तर का अधिकारी इसके लिए चला गया, लेकिन 5 दिन बीत जाने के बावजूद उन्हें इंसाफ नहीं मिला है। परिवार की यह आपत्ति पोस्टमॉर्टम पर सहमति बनने की खबरों के ठीक उलट थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि न्याय और कार्रवाई को लेकर अभी भी गतिरोध बरकरार है।
DGP बोले- परिवार की सहमति के बाद होगा पोस्टमॉर्टम
विवाद बढ़ने के बाद चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) सागर प्रीत हुड्डा, IG पुष्पेंद्र कुमार और SSP कंवरदीप कौर तुरंत अमनीत पी. कुमार से बातचीत करने के लिए उनके सेक्टर-24 स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे। DGP सागर प्रीत हुड्डा ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और आश्वासन दिया कि पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई परिवार की पूरी सहमति के बाद ही की जाएगी। प्रशासन का यह कदम परिवार के बढ़ते आक्रोश और राजनीतिक दबाव को कम करने की कोशिश के तौर पर देखा गया।
15 अधिकारियों पर केस दर्ज, SIT का गठन
इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ के सेक्टर 11 थाने में हरियाणा के DGP शत्रुजीत कपूर, रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया समेत कुल 15 अधिकारियों के खिलाफ भारत न्याय संहिता (BNS) और SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। यह हरियाणा के इतिहास में पहली बार है जब इतने सारे शीर्ष अधिकारियों पर एक साथ मामला दर्ज किया गया हो। इस मामले की जांच के लिए IG पुष्पेंद्र कुमार के नेतृत्व में एक 6 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया गया है।
हालांकि, दिवंगत IPS की पत्नी अमनीत पी. कुमार ने FIR पर भी एतराज जताया है। उनकी मुख्य मांग है कि FIR में आरोपियों के नाम स्पष्ट रूप से अलग कॉलम में लिखे जाएं। DGP और SP को तुरंत उनके पदों से हटाकर गिरफ्तार किया जाए।
CM हाउस में हाई-लेवल मीटिंग और संभावित फेरबदल
मामले की संवेदनशीलता और बढ़ते राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव को देखते हुए शुक्रवार रात को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने CM हाउस में कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी, होम सेक्रेटरी डॉ. सुमिता मिश्रा और IAS अफसर राज शेखर वुंडरू के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग में सरकार DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजाराणिया पर कार्रवाई के लिए सहमत हो गई है।
चर्चा है कि पोस्टमॉर्टम होने के तुरंत बाद इन दोनों अधिकारियों को उनके पद से हटाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो DGP पद की दौड़ में कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जिनमें IAS अधिकारी ओपी सिंह, आलोक मित्तल और अरशिंद्र सिंह चावला के नाम प्रमुख हैं। यह संभावित फेरबदल दिखाता है कि यह सुसाइड केस अब केवल एक घटना नहीं, बल्कि हरियाणा की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को हिलाने वाला एक बड़ा संकट बन चुका है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल, परिवार को समर्थन
IPS पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पूर्व मंत्री बनवारी लाल, कांग्रेस नेता अशोक तंवर और सांसद दीपेंद्र हुड्डा सहित कई बड़े नेता परिवार से मिलकर शोक व्यक्त कर चुके हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी अमनीत पी. कुमार को पत्र भेजकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। वहीं, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के चेयरमैन अशोक मकवाना भी परिवार से मिलकर न्याय दिलाने का आश्वासन दे चुके हैं।
यह पूरा घटनाक्रम हरियाणा की नौकरशाही में बेचैनी पैदा कर रहा है। IAS और IPS एसोसिएशनों के व्हाट्सएप ग्रुपों में भी अधिकारी खुलकर इस मामले पर अपनी राय रख रहे हैं, जो प्रदेश की टॉप ब्यूरोक्रेसी में व्याप्त असंतोष और हलचल को दर्शाता है। यह देखना होगा कि प्रशासन कब तक परिवार को संतुष्ट कर पाता है और इस मामले में शामिल अधिकारियों पर क्या और कब कार्रवाई होती है। परिवार की इंसाफ की लड़ाई अभी लंबी दिख रही है।
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