हरियाणा की तहसीलें अब 'पेपरलेस: 24x7 रजिस्ट्री रजिस्ट्रेशन, भ्रष्टाचार पर सीएम की बड़ी चोट

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ऑनलाइन सुविधाओं की शुरूआत करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

इस डिजिटल बदलाव का उद्देश्य राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करना और जनता को सुशासन देना है। सीएम ने पेपरलेस रजिस्ट्री के साथ-साथ सीमांकन पोर्टल, वॉट्सऐप चैटबॉट और राजस्व न्यायालय मामला प्रबंध प्रणाली सहित चार नई डिजिटल सेवाएं भी शुरू की हैं।

हरियाणा में आज से राजस्व विभाग के कामकाज में एक क्रांतिकारी बदलाव आया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र की बाबैन तहसील से राज्य स्तरीय कार्यक्रम में "पेपरलेस वर्क प्रोजेक्ट" को जनता को समर्पित किया। यह पहल डिजिटल इंडिया और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य आम जनता के लिए सरकारी सेवाओं को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। सीएम ने स्पष्ट कहा कि अब लोगों को रजिस्ट्री या अन्य राजस्व कार्यों के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, उनका काम घर बैठे हो जाएगा।

चार बड़ी डिजिटल पहल एक साथ लॉन्च

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने केवल पेपरलेस रजिस्ट्री ही नहीं, बल्कि राजस्व विभाग से संबंधित चार बड़ी डिजिटल पहल एक साथ शुरू की हैं, जिससे दशकों पुरानी जटिल प्रक्रियाएं खत्म होंगी।

1. पेपरलेस रजिस्ट्री (डीड): संपत्ति के रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन।

2. सीमांकन पोर्टल: जमीन की निशानदेही (पैमाइश) अब डिजिटल और रोबोटिक मशीन से।

3. वॉट्सऐप चैटबॉट: राजस्व विभाग से संबंधित जानकारी अब वॉट्सऐप पर उपलब्ध।

4. राजस्व न्यायालय मामला प्रबंध प्रणाली (RCMS): राजस्व से जुड़े मुकदमों की डिजिटल मॉनिटरिंग।

भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ी चोट

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस पहल को सुशासन और पारदर्शिता की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा इस पहल से राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म होगा। इसमें मानवीय हस्तक्षेप (Human Intervention) जीरो होगा, जिससे भ्रष्टाचार की गुंजाइश बिल्कुल नहीं होगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी सरकार ने पहले की सरकारों के दौरान सीएलयू (CLU) के नाम पर होने वाली लाखों रुपये की लूट को भी खत्म करके उसे ऑनलाइन किया है। सीएम ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को कोई दिक्कत आती है, तो वह सीधे जिला स्तर पर लगने वाले समाधान शिविरों में या सीधे उनके आवास पर आकर शिकायत कर सकता है।

सीमांकन और मुकदमों का डिजिटल समाधान

डिजिटल बदलाव केवल रजिस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जमीन से जुड़े वर्षों पुराने विवादों को भी सुलझाएगा।

1. सीमांकन पोर्टल (जमीन की पैमाइश) : जमीन की सीमाओं को लेकर किसानों के बीच होने वाले झगड़ों को खत्म करने के लिए सीमांकन पोर्टल लॉन्च किया गया है। किसान इस पोर्टल पर आवेदन करके सरकारी मशीन रोबोट द्वारा अपनी भूमि की निशानदेही (पैमाइश) करवा सकेंगे। इससे निजी मशीनों के मुकाबले खर्च भी कम आएगा और विवाद की गुंजाइश भी खत्म हो जाएगी।

2. राजस्व न्यायालय मामला प्रबंध प्रणाली (RCMS) : राजस्व से जुड़े मुकदमे, जो वर्षों से अदालतों में चल रहे हैं, अब उनकी डिजिटल मॉनिटरिंग होगी। यह सिस्टम सभी विवादों को एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लाएगा, जिससे मामलों का निपटारा जल्दी होगा और लोगों को दफ्तरों के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

3. वॉट्सऐप चैटबॉट : यह नई तकनीक आम जनता की सुविधा के लिए लाई गई है। इसके जरिए नागरिक अपने मोबाइल पर ही राजस्व विभाग से संबंधित जमाबंदी, स्टेटस, सर्टिफिकेट सहित सभी जरूरी जानकारी आसानी से ले सकेंगे। यह हाईकोर्ट और जिला कोर्ट की तर्ज पर केस का स्टेटस और फैसले की जानकारी भी देगा। यह परियोजना अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने, सुशासन स्थापित करने और डिजिटल हरियाणा के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी और ऐतिहासिक छलांग है।

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