नायब सैनी सरकार पर खिलाड़ियों का दबाव: 4 साल से बंद 3% खेल कोटा को सभी विभागों में बहाल करने को कहा

Haryana sports quota
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मुख्यमंत्री नायब सैनी।


वर्तमान में यह आरक्षण केवल 7 विभागों तक सीमित है, जिससे हजारों खिलाड़ियों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। इस मुद्दे को लेकर खेल मंत्री ने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। उन्होंने अधिकारियों को भी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।

हरियाणा, जो खेलों की दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है, वहां के खिलाड़ी अब सरकारी नौकरियों में अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले चार साल से ग्रुप-C के पदों पर खेल कोटा केवल 7 विभागों तक सीमित है, जबकि खिलाड़ी इसे सभी सरकारी विभागों में बहाल करने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर खेल मंत्री गौरव गौतम ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात का समय मांगा है। खेल मंत्री ने अधिकारियों को इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है, जिससे जल्द ही इस महत्वपूर्ण विषय पर कोई फैसला आने की उम्मीद है।

यह एक ऐसा मुद्दा है जो सीधे तौर पर हरियाणा के हजारों खिलाड़ियों के भविष्य से जुड़ा है। राज्य के खिलाड़ी न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन करते हैं। ऐसे में, सरकारी नौकरियों में मिलने वाला आरक्षण उनके लिए एक बड़ी प्रोत्साहन राशि का काम करता है।

खेल कोटा अभी 7 विभागों तक ही सीमित

फिलहाल हरियाणा में खिलाड़ियों को ग्रुप-C की नौकरियों में 3% का कोटा केवल 7 विभागों में मिलता है। इनमें गृह, सेकेंडरी शिक्षा, प्राइमरी शिक्षा, खेल, जेल, वन और ऊर्जा विभाग शामिल हैं। जबकि ग्रुप-D के पदों के लिए यह कोटा 10% है, जो सभी विभागों में लागू है।

पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार के दौरान, खेल कोटे को लेकर कई बदलाव हुए, जिसने खिलाड़ियों को काफी भ्रमित किया। पहले यह कोटा सभी विभागों में था, फिर इसे खत्म किया गया, और बाद में इसे धीरे-धीरे केवल 7 विभागों में बहाल किया गया। इसी कारण, खिलाड़ी अब मांग कर रहे हैं कि सभी सरकारी विभागों में उनके लिए 3% का आरक्षण लागू किया जाए ताकि उन्हें समान अवसर मिल सकें।

6 सालों में खेल कोटा नीति में हुए 5 बड़े बदलाव

1. अप्रैल 2019: तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने ग्रुप-A, B, C और D श्रेणी में सीधी भर्ती के लिए खिलाड़ियों को क्रमशः 3% और 10% आरक्षण देने का फैसला किया।

2. मार्च 2022: तीन साल बाद, सरकार ने अपने इस फैसले को पलटते हुए ग्रुप-A, B और C में खिलाड़ियों के लिए 3% आरक्षण को खत्म कर दिया। ग्रुप-D के लिए 10% आरक्षण जारी रहा।

3. नवंबर 2022: विरोध के बाद, सरकार ने दोबारा ग्रुप-C में 4 विभागों (गृह, सेकेंडरी शिक्षा, प्राइमरी शिक्षा और खेल) में 3% आरक्षण बहाल कर दिया।

4. अप्रैल 2023: सरकार ने इस सूची में 3 और विभागों (जेल, वन और ऊर्जा) को शामिल किया, जिससे कुल विभागों की संख्या 7 हो गई।

5. साल 2024: नायब सैनी सरकार ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों (OSP) और पात्र खिलाड़ियों (ESP) के लिए ग्रुप-C पदों में 3% का अलग कोटा देने का निर्णय लिया।

इन लगातार बदलते नियमों से खिलाड़ियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

खेल मंत्री ने मांगी रिपोर्ट

खेल मंत्री गौरव गौतम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले अपने विभाग के अधिकारियों से दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है।

1. खेल कोटा क्यों खत्म किया गया: मंत्री ने अधिकारियों से यह पता लगाने को कहा है कि आखिर किस आधार पर ग्रुप-C के सभी विभागों से खेल आरक्षण को खत्म किया गया था और बाद में इसे केवल 7 विभागों तक सीमित क्यों किया गया।

2. मौजूदा पॉलिसी का लाभ: अधिकारियों को यह भी बताना होगा कि अभी तक इस सीमित पॉलिसी के तहत कितने खिलाड़ियों को नौकरी मिली है। साथ ही, यह अनुमान भी लगाया जाएगा कि अगर कोटा सभी विभागों में बहाल होता है, तो कितने और खिलाड़ियों को इसका लाभ मिल सकता है। इस रिपोर्ट के आधार पर, मुख्यमंत्री नायब सैनी अंतिम फैसला लेंगे।

खिलाड़ियों की मांग का महत्व

हरियाणा के खिलाड़ी इस मांग को लेकर पूरी तरह से एकजुट हैं। उनका मानना है कि जब वे राज्य और देश के लिए मेडल लाते हैं, तो उन्हें सभी सरकारी नौकरियों में समान अवसर मिलना चाहिए। यह न केवल उनके खेल करियर को बढ़ावा देगा, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी का इस मुद्दे पर विशेष ध्यान होने से यह उम्मीद जगी है कि जल्द ही कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। अगर सभी विभागों में खेल कोटा बहाल होता है, तो यह हरियाणा के खेल जगत के लिए एक बड़ी जीत होगी।

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