धान की बंपर आवक और रिकॉर्ड खरीद: पांच दिन में हरियाणा के 5 जिलों में 1.76 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा

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लाडवा मंडी में धान खरीद अभियान की शुरुआत करते मुख्यमंत्री नायब सैनी व अन्य। 

सरकार ने चावल मिलर्स को प्रोत्साहित करने की नीति जारी रखी है। वर्ष 2024-25 के दौरान 15 मार्च तक मिलिंग का काम पूरा करने वाले 356 मिलर्स को लगभग ₹17 करोड़ का बोनस वितरित किया जा रहा है।

हरियाणा की मंडियों में खरीफ सीजन 2024-25 के लिए धान की खरीद तेजी से चल रही है, जिसने किसानों और खरीद एजेंसियों दोनों के लिए उत्साह का माहौल बना दिया है। 22 सितंबर से शुरू हुई खरीद प्रक्रिया के शुरुआती पांच दिनों में ही मंडियों में 2.57 लाख मीट्रिक टन (एमटी) से अधिक धान की आवक हो चुकी है। यह दर्शाता है कि किसानों ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ फसल मंडियों तक पहुंचाई है।

राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए कमर कसी

राज्य सरकार ने खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है। वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी सभी मंडियों में लगाई गई है ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

डेटा के अनुसार खरीद एजेंसियों ने भी रिकॉर्ड गति से खरीद शुरू कर दी है। अब तक 1.76 लाख एमटी से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें खाद्य आपूर्ति विभाग (104405 एमटी), हैफेड (57672 एमटी), और एचडब्ल्यूसी (14897 एमटी) प्रमुख रूप से शामिल हैं। खरीद के बाद, मंडियों से खरीदे गए धान के उठान का कार्य भी तुरंत शुरू कर दिया गया है, ताकि मंडियों में भीड़ न हो।

सर्वाधिक आवक वाले जिले अंबाला, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर के नाम शामिल हैं। इन पांच जिलों की मंडियों में सबसे अधिक धान पहुंचा है जो दिखाता है कि इन क्षेत्रों में धान की फसल अच्छी हुई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने स्वयं लाडवा मंडी में धान खरीद अभियान का शुभारंभ किया था, जो सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

चावल मिलर्स को 17 करोड़ का बोनस

हरियाणा सरकार ने चावल मिलर्स को प्रोत्साहन देने की अपनी नीति जारी रखी है। केंद्र द्वारा निर्धारित समय पर चावल की डिलीवरी पूरी करने वाले मिलर्स को सरकार बोनस राशि वितरित करती है। मिलर्स को प्रोत्साहन राशि का इतिहास :

वर्ष बोनस राशि (करोड़ रु.)

2020-21 54

2021-22 72

2022-23 47

2023-24 62

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2024-25 सीजन का अपडेट

खरीफ सीज़न 2024-25 के दौरान 53.98 लाख एमटी धान की मिलिंग के लिए 1456 राइस मिलर्स को आवंटित किया गया था। इनमें से 356 मिलर्स ने केंद्र द्वारा निर्धारित मूल अंतिम तिथि 15 मार्च तक मिलिंग का काम पूरा कर लिया था। इन त्वरित काम करने वाले मिलर्स को सरकार द्वारा लगभग ₹17 करोड़ की बोनस राशि वितरित की जा रही है।

मिलर्स एसोसिएशन की मांग पर भारतीय खाद्य निगम द्वारा चावल की डिलीवरी में हुई लगभग 45 दिन की देरी को देखते हुए सरकार ने बोनस राशि की अवधि 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी थी। इस कदम से लगभग 1000 और मिलों को फायदा होने की उम्मीद है। इतना ही नहीं सरकार ने इन मिलर्स को बोनस के अतिरिक्त लगभग ₹50 करोड़ के होल्डिंग चार्जिज से भी छूट देने की बात कही है।

मिलर्स एसोसिएशन की मांगें पूरी

राइस मिलर्स एवं डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा ने इस बात की पुष्टि की है कि पीआर धान की खरीद शुरू हो चुकी है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि धान में नमी की मात्रा अधिक आ रही है, इसलिए किसान धान को सुखाकर ही मंडी लाएं। मिलर्स की कुछ महत्वपूर्ण मांगें भी अब सरकार ने मान ली हैं।

1. बैंक गारंटी : पिछले साल की ₹10 लाख की बैंक गारंटी को इस साल भी जारी रखा गया है, इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

2. चावल के टुकड़े का उपयोग : चावल में निकलने वाले 25% टुकड़े में से 10% की खपत चावल में ही होगी, जबकि शेष 15% टुकड़ा अब सीधे राइस मिलर्स से डिस्टलरी द्वारा खरीदा जाएगा, जिससे मिलर्स को एक नई बाजार व्यवस्था मिलेगी। कुल मिलाकर हरियाणा में धान खरीद सीजन जोरों पर है। पारदर्शी खरीद, मिलर्स को समय पर प्रोत्साहन, और सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के सरकारी प्रयास से राज्य के कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत और गति मिल रही है।

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