हरियाणा MBBS घोटाला: 14 छात्रों से दोबारा होगी पूछताछ, फोरेंसिक जांच जारी

14 छात्रों से दोबारा होगी पूछताछ, फोरेंसिक जांच जारी
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परीक्षा घोटाले की जांच तेज, छात्रों पर पहले की जांच में जानकारी छिपाने का आरोप है, 200 से अधिक आंसर शीट्स की फोरेंसिक जांच चल रही है और हस्तलेखन विशेषज्ञों को भी लगाया गया है।

हरियाणा में एमबीबीएस की वार्षिक और सप्लीमेंट्री परीक्षाओं में सामने आए कथित घोटाले की जांच में तेजी आ गई है। पुलिस ने अब उन 14 छात्रों से दोबारा पूछताछ करने का फैसला किया है, जिन पर पहले की पूछताछ के दौरान महत्वपूर्ण तथ्य छिपाने का आरोप है। यह कदम घोटाले की तह तक जाने और इसमें शामिल सभी दोषियों को बेनकाब करने की दिशा में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।

जांच में सहयोग न करने वाले छात्र निशाने पर

मिली जानकारी के अनुसार ये 14 छात्र एक निजी मेडिकल कॉलेज में पंजीकृत हैं। इनसे पिछले महीने पूछताछ की गई थी, लेकिन इन्होंने कथित तौर पर जांच टीम को गुमराह करने की कोशिश की और अहम जानकारियां छिपा लीं। जांच का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है। उनका कहना है कि इन सभी छात्रों को दोबारा बुलाया जाएगा और उनसे मिले निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब इन छात्रों से सख्ती से पूछताछ करेगी ताकि घोटाले से जुड़ी हर कड़ी को जोड़ा जा सके।

तीन बैचों के स्टूडेंट्स पर संदेह

इस एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में 2020, 2021 और 2022 बैच के छात्रों पर गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब जनवरी में यूएचएसआर (यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक) द्वारा गठित एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ के कई मामलों को उजागर किया। सूत्रों के अनुसार, कई उत्तर पुस्तिकाओं को कथित तौर पर विश्वविद्यालय के एक कर्मचारी के आवास पर ले जाकर फिर से लिखा गया। छात्रों को पास कराने के लिए इनमें उत्तीर्ण अंक भी बढ़ाए गए और फिर से विश्वविद्यालय में जमा कर दिया गया। यह दर्शाता है कि यह घोटाला काफी संगठित तरीके से अंजाम दिया गया था।

सामने आए वीडियो सबूत और बयान

मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि जनवरी में ही एक एमबीबीएस छात्र ने विश्वविद्यालय अधिकारियों को एक शिकायत के तौर पर एक वीडियो भी सौंपा था। इस वीडियो में कुछ लोग एक निजी कमरे में कुर्सियों और बिस्तरों पर बैठकर उत्तर पुस्तिकाएं भरते हुए साफ तौर पर दिख रहे थे। यह वीडियो इस घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ एक ठोस सबूत के रूप में सामने आया है।

अब तक की जांच में चार छात्रों ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं, जबकि छह अन्य से पूछताछ होनी बाकी है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि अप्रैल में जब कॉलेज में 14 छात्रों से पूछताछ की गई थी, तो उन्होंने जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया, जिससे उन पर संदेह और गहरा गया।

200 आंसर शीट्स की फोरेंसिक जांच

इस बड़े एमबीबीएस घोटाले को मजबूत बनाने के लिए, 200 से अधिक संदिग्ध उत्तर पुस्तिकाओं को सुनारिया स्थित क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान लैब में भेजा गया है। इन उत्तर पुस्तिकाओं की गहन फोरेंसिक जांच जारी है। इसके अलावा, यूएचएसआर ने पुस्तिकाओं की प्रामाणिकता की जांच के लिए हस्तलेखन विशेषज्ञों को भी लगाया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी दोषी बच न पाए, हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि हाल ही में 30 छात्रों के हस्तलेखन के नमूने एकत्र किए गए हैं और हस्तलेखन विश्लेषण रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर आने की उम्मीद है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में संभावित गिरफ्तारी या निलंबन जैसी आगे की कार्रवाई फोरेंसिक परीक्षाओं और इन सभी अनुवर्ती पूछताछ के परिणामों पर ही निर्भर करेगी। यह घोटाला न केवल शिक्षा प्रणाली की पवित्रता पर सवाल उठाता है, बल्कि उन छात्रों के भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है जो अपनी मेहनत से सफल होते हैं।

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