पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरियाणा: इलेक्ट्रिक बसें, पराली प्रबंधन के साथ और क्या शामिल है CM सैनी की नई योजना में जानें

पंचकूला में हरियाणा स्टेट एनवायरमेंट प्लान के दस्तावेज साइन करते सीएम नायब सैनी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2025 तक प्रदेश को प्रदूषण से मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ हरियाणा स्टेट एनवायरमेंट प्लान 2025 की शुरुआत की है। यह योजना राज्य को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। पंचकूला के PWD रेस्ट हाउस में वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह और एसीएस सुधीर राजपाल की मौजूदगी में लॉन्च किए गए इस प्लान में कई अहम बिंदुओं पर फोकस किया गया है, जिनका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है। इस पहल को प्रदूषण के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई माना जा रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम
• औद्योगिक कचरा प्रबंधन : उद्योगों से निकलने वाले खतरनाक कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए फरीदाबाद में एक विशेष प्रबंधन स्थल बनाया गया है। यह पहल औद्योगिक कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने में मदद करेगी।
• ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण : मुख्यमंत्री ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए भी सख्त उपाय किए जा रहे हैं, ताकि आम जनता को शोर-शराबे से राहत मिल सके।
• नदियों और तालाबों का कायाकल्प : जल प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए, सरकार ने नदियों और तालाबों की सफाई और पुनर्जीवन का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया है। इस पहल से जल स्रोतों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
परिवहन को प्रदूषण रहित बनाने की पहल
पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को भी स्वच्छ बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
• इलेक्ट्रिक बसों का संचालन : मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि जल्द ही हरियाणा में 105 नई इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। यह कदम पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को काफी हद तक कम करेगा।
• स्वच्छ ईंधन का उपयोग : सीएनजी और पीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे गाड़ियों से निकलने वाले हानिकारक धुएं में कमी आएगी और हवा की गुणवत्ता बेहतर होगी।
किसानों से पराली न जलाने की अपील
सीएम सैनी ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सरकार किसानों को पराली के निपटान के लिए वैकल्पिक तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और उन्हें नए विकल्प उपलब्ध करा रही है। यह पहल कृषि और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगी।
जल संरक्षण और अमृत सरोवर योजना
जल संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए, हरियाणा सरकार ने अमृत सरोवर योजना के तहत 2200 तालाबों का निर्माण किया है। इन तालाबों का उद्देश्य न केवल पानी का संरक्षण करना है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक संतुलन को भी बनाए रखना है। यह योजना भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने और जैव विविधता को बढ़ावा देने में भी सहायक होगी। मुख्यमंत्री के इस कदम से उम्मीद है कि हरियाणा जल्द ही एक स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त राज्य बनेगा, जिससे यहां के निवासियों का जीवन बेहतर हो पाएगा।
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