HSDRF भर्ती: हरियाणा में बाढ़ से निपटने के लिए 1149 पद भरे जाएंगे, IRB बटालियन को मिला जिम्मा

HSDRF Recruitment
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हरियाणा आपदा प्रबंधन को और अधिक मजबूत करने के लिए होगी HSDRF भर्ती।


बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए 151 नावें भी तैनात की गई हैं। सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर तक खुला रखने का फैसला किया है।

हरियाणा सरकार ने आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। अब इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) भोंड़सी की पहली बटालियन को ही हरियाणा स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (HSDRF) के रूप में घोषित कर दिया गया है। इस फोर्स में कुल 950 जवान शामिल हैं, जिन्हें राज्य के 11 सबसे संवेदनशील जिलों जैसे यमुनानगर, अंबाला, करनाल, और गुरुग्राम में तैनात किया गया है।

सरकार ने HSDRF के लिए कुल 1,149 पदों को भी मंजूरी दी है, जिससे इस फोर्स का विस्तार होगा और भविष्य में किसी भी आपदा से निपट सकेगी। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के लिए 151 नावों को भी विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है।

बाढ़ से निपटने के लिए सरकार की मेगा प्लानिंग

इस साल की बाढ़ से हुए भारी नुकसान के बाद, सरकार ने न सिर्फ तात्कालिक राहत बल्कि भविष्य की तैयारियों के लिए भी एक विस्तृत योजना बनाई है।

1. ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खुला रहेगा : किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर तक खुला रखा गया है। अब तक लगभग 4 लाख एकड़ खरीफ फसलों के नुकसान के दावे दर्ज किए जा चुके हैं। सरकार ने प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

2. आपदा फंड का आवंटन : सरकार को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) के तहत इस साल 636 करोड़ का आवंटन मिला है। फंड का उपयोग राहत कार्यों में किया जाएगा। वहीं सभी जिला उपायुक्तों को भी आपातकालीन स्थिति से निपटने को रिजर्व फंड दिया है, ताकि त्वरित कार्रवाई में देरी नहीं हो।

3. त्वरित सर्वेक्षण और मुआवजा : बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक त्वरित सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा, ताकि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा और सहायता मिल सके। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

4. कर्मचारी 24 घंटे अलर्ट : सरकार ने सभी विभागों के फील्ड अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टी न लेने और 24 घंटे ड्यूटी पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्हें मोबाइल फोन चालू रखने और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने को कहा गया है।

5. जल प्रबंधन की तैयारी : वाटर वर्क्स पर मशीनरी को अपडेट रखने के निर्देश दिए गए हैं। डीजल और बिजली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था, जनरेटर सेट, और ट्रैक्टर पंप हमेशा तैयार रहने चाहिए। नालों और सीवर लाइनों की सफाई पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है ताकि जलभराव की समस्या न हो।

सरकार पूरी तरह से तैयार

सरकार का यह कदम दिखाता है कि वह इस बार बाढ़ और भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एक विशेष फोर्स का गठन, फंड का आवंटन और त्वरित कार्रवाई की योजना बनाना एक सकारात्मक संकेत है। यह योजना न केवल वर्तमान स्थिति से निपटने में मदद करेगी, बल्कि भविष्य में भी राज्य को ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए मजबूत बनाएगी।

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