हरियाणा विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने: अविश्वास प्रस्ताव पर सीएम सैनी का पलटवार, सदन में भारी हंगामा

Haryana Assembly Winter Session
X

विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

सीएम ने सदन में तंज कसा कि जिस नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर तक नहीं हैं, वह विपक्ष की आंतरिक कलह को दर्शाता है। वहीं विधायक विनेश फोगाट ने रेलवे पुल निर्माण की मांग उठाई।

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन लोकतांत्रिक इतिहास के उन पन्नों में दर्ज हो गया, जहां विधायी कार्यों से अधिक राजनीतिक दांव-पेच और तीखे कटाक्ष हावी रहे। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंच गईं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की 'साख' पर ही सवाल खड़ा कर दिया, जिसके बाद सदन युद्ध का मैदान बन गया।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर चुटकी ली

शुक्रवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल के बाद आगे बढ़ी, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर चुटकी ली। उन्होंने बेहद सधे हुए लेकिन आक्रामक अंदाज में कहा कि इस प्रस्ताव का जनता के बीच कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं गया है। सीएम ने कहा कि मैंने कांग्रेस के इस नोटिस को बहुत बारीकी से पढ़ा। मैंने अपना चश्मा साफ करके फिर से देखा, लेकिन मुझे इस महत्वपूर्ण दस्तावेज पर विपक्ष के नेता (भूपेंद्र सिंह हुड्डा) के हस्ताक्षर ही नजर नहीं आए।

मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक व्यंग्यात्मक शेर पढ़ते हुए कांग्रेस की अंदरूनी फूट को जगजाहिर करने की कोशिश की। उन्होंने पढ़ा— 'कांग्रेस को हुड्डा पर यकीन नहीं, देश की जनता को कांग्रेस पर नहीं...'। इस शायराना हमले ने कांग्रेस विधायकों को तिलमिला दिया। पूरी कांग्रेस पार्टी एक सुर में नारेबाजी करते हुए सदन के वेल (बीचों-बीच) में पहुंच गई।

विज और स्पीकर के बीच 'हाई वोल्टेज' ड्रामा

सदन में हंगामा उस समय और बढ़ गया जब दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल विज अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए। विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने जब उन्हें टोकने की कोशिश की तो विज खुद अपने ही दल के स्पीकर पर बिफर पड़े। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि आप मुझे अपनी बात रखने का मौका ही नहीं देते। इस पर स्पीकर ने उन्हें शांत करने का प्रयास किया, लेकिन सदन का माहौल काफी देर तक तनावपूर्ण बना रहा। विज ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष के साइन न होने को एक बड़ी संवैधानिक चूक करार दिया।

राशन कार्ड कटने के मुद्दे पर सरकार को घेरा

राजनीतिक रस्साकशी के बीच कांग्रेस विधायक बीबी बत्रा ने आम जनता से जुड़े संवेदनशील मुद्दों को हवा दी। उन्होंने 'परिवार पहचान पत्र' (PPP) और राशन कार्ड कटने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। बत्रा ने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिए सरकार ने पहले लाखों फर्जी राशन कार्ड बनवाए और मुफ्त अनाज का लालच दिया, लेकिन सत्ता हाथ में आते ही अब उन्हीं कार्डों को काटा जा रहा है। उन्होंने इसे सीधे तौर पर 'जनता के मत की चोरी' बताया।

इसके जवाब में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि कांग्रेस हार की हताशा से उबर नहीं पा रही है। उन्होंने कहा कि पीपीपी के जरिए पात्र लोगों को लाभ मिल रहा है और जो अपात्र हैं, केवल उन्हीं के नाम हटाए जा रहे हैं। सीएम ने कांग्रेस पर केवल सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए झूठे आरोप लगाने का पलटवार किया।

विनेश फोगाट ने कहा- विकास की बातें केवल कागजों पर न हों

सदन में एक नया और चर्चित दृश्य तब दिखा जब पहली बार विधायक बनीं विनेश फोगाट ट्रैक सूट पहनकर कार्यवाही में शामिल होने पहुंचीं। उन्होंने शून्यकाल के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं को बेहद भावुक तरीके से रखा। विनेश ने रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज न होने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि जाम के कारण एक मासूम बच्चे की जान चली गई। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि विकास की बातें केवल कागजों पर न हों, बल्कि धरातल पर पुल और सड़कें बननी चाहिए ताकि किसानों और ग्रामीणों को राहत मिल सके।

भाजपा सरकार पूरी तरह से सुरक्षित नजर आ रही

सदन की वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो भाजपा सरकार पूरी तरह से सुरक्षित नजर आती है। 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत के लिए 46 का जादुई आंकड़ा चाहिए। भाजपा के पास अपने 48 विधायक हैं और 3 निर्दलीयों का ठोस समर्थन है, जिससे सरकार 51 के सुरक्षित पायदान पर खड़ी है।

दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के पास 37 विधायक हैं। भले ही कांग्रेस 'अविश्वास' का शोर मचा रही है, लेकिन उसे प्रस्ताव पास कराने के लिए जरूरी समर्थन मिलता नहीं दिख रहा। वहीं, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इनेलो के मीडिया सलाहकार ने साफ किया है कि वे 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपनाएंगे। यदि प्रस्ताव में जनहित के मुद्दे होंगे, तभी वे समर्थन करेंगे, अन्यथा राजनीति करने पर वे कांग्रेस का साथ नहीं देंगे।

स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे पर घमासान

सदन की 'डबल सिटिंग' (दो पालियों) के दौरान अन्य क्षेत्रीय मुद्दे भी गूंजे जिसमें विधायक पूजा चौधरी ने अस्पतालों में रिक्त पदों का मुद्दा उठाया, जिस पर स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने आश्वासन दिया कि भर्ती प्रक्रिया तेज की जाएगी। विधायक मुकेश शर्मा ने गुरुग्राम बस स्टैंड को शॉपिंग मॉल और हाई-टेक रेस्टोरेंट के साथ आधुनिक बनाने की मांग रखी। जस्सी पेटवाड़ ने मेवात में शिक्षकों की कमी और बारिश के बाद खेतों में भरे पानी की निकासी के लिए बजट की मांग की। विधायक लक्ष्मण यादव ने उत्तराखंड की तर्ज पर हरियाणा में भी लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर सख्त कानून बनाने का प्रस्ताव रखा।

सैनी सरकार की अग्निपरीक्षा

हरियाणा के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया हो। इससे पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भी 2021 और 2024 में ऐसे ही प्रयास हुए थे, जो विफल रहे। वर्तमान नायब सैनी सरकार के लिए यह पहली अग्निपरीक्षा है, जिसे वे अपने संख्याबल के दम पर पार करने के लिए आश्वस्त दिख रहे हैं। सत्र की समयसीमा बढ़ाने की मांग पर विचार करते हुए स्पीकर ने आज की कार्यवाही दो सत्रों में चलाने का निर्णय लिया है, ताकि सभी महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा हो सके।

हरियाणा विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र राज्य की राजनीति की एक नई दिशा तय कर रहा है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष अपने विकास मॉडल और प्रधानमंत्री मोदी के 'विकसित भारत 2047' के विजन को आगे बढ़ा रहा है, वहीं विपक्ष अपनी जमीन तलाशने के लिए आक्रामक रुख अपनाए हुए है।

अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story