हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र: जानें किन मुद्दों पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस, क्या रहेगी बीजेपी की रणनीति

Haryana Assembly
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विधानसभा मानसून सत्र को लेकर स्पीकर हरविंद्र कल्याण तैयारियों को लेकर मीटिंग कर रहे हैं।

22 अगस्त से शुरू होने जा रहे मानसून सत्र से ठीक एक दिन पहले 21 अगस्त को BJP ने विधायक दल की अहम बैठक बुलाई है। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, सभी कैबिनेट मंत्री और पार्टी के विधायक शामिल होंगे।

हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र 22 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। इस महत्वपूर्ण सत्र से ठीक एक दिन पहले 21 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विधायक दल की अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सत्र के दौरान विपक्ष के संभावित हमलों का मुकाबला करने के लिए रणनीति तैयार करना है। बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी, सभी कैबिनेट मंत्री और पार्टी के विधायक शामिल होंगे।

सत्र में विपक्ष के प्रमुख मुद्दे

विपक्ष विशेष रूप से कांग्रेस, सरकार को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। राज्य में कानून व्यवस्था, खासकर भिवानी के मनीषा केस जैसे संवेदनशील मामलों पर सरकार को तीखे सवालों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा राज्य में मानसून के दौरान हुए जलभराव (विशेषकर गुरुग्राम और जींद जैसे शहरों में) तथा खाद, बिजली और बीज की कमी जैसे मुद्दे भी विपक्ष के एजेंडे में सबसे ऊपर हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ऐसे संकेत दिए हैं कि उनकी पार्टी इन मुद्दों को लेकर सरकार पर पुरजोर हमला करेगी।

सत्र का शेड्यूल और कार्यप्रणाली

सत्र की शुरुआत 22 अगस्त को दोपहर 2 बजे राज्यपाल प्रो. असीम घोष के संबोधन से होगी। सत्र की वास्तविक अवधि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में तय की जाएगी जो 22 अगस्त को सुबह 11 बजे होगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री, स्पीकर हरविंदर कल्याण और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य सदस्य शामिल होंगे।

स्पीकर हरविंदर कल्याण ने एक दिन में एक ही सत्र आयोजित करने का फैसला लिया है, ताकि सत्र की उपयोगिता बनी रहे। पहले लंबे सत्र चलते थे, जिससे बाद में विधायकों और अधिकारियों की उपस्थिति कम हो जाती थी। उम्मीद है कि यह सत्र 26 अगस्त तक चलेगा, जिसमें 23 और 24 अगस्त को शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा। यदि विपक्ष का दबाव बढ़ता है, तो सत्र की अवधि 27 अगस्त तक बढ़ सकती है। विधानसभा सचिवालय ने विधायकों से सवाल भी मांग लिए हैं, जिन्हें लॉटरी सिस्टम से चुना जाएगा।

सरकार की तैयारी और चुनौतियां

मुख्यमंत्री नायब सैनी अपनी कैबिनेट और विभागीय अधिकारियों के साथ मिलकर विपक्ष के हर वार का जवाब देने की योजना बना रहे हैं। सरकार को न केवल कानून व्यवस्था और जलभराव जैसे मुद्दों का जवाब देना होगा, बल्कि उसे खाद, बिजली और बीज की उपलब्धता को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। यह नायब सैनी के लिए मुख्यमंत्री के तौर पर एक बड़ी परीक्षा होगी, जहां उन्हें विपक्ष के तीखे हमलों का सामना करते हुए अपनी सरकार की कार्यक्षमता साबित करनी होगी। यह सत्र हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां सरकार और विपक्ष दोनों अपनी ताकत और रणनीतियों का प्रदर्शन करेंगे।

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