31 दिसंबर 2025 की डेडलाइन: हरियाणा में 11 नए जिलों के गठन पर CM सैनी जल्द लेंगे अंतिम फैसला, मंथन तेज

हरियाणा में प्रशासनिक सीमाओं के पुनर्गठन और नए जिलों के निर्माण को लेकर हलचल तेज हो गई है। राज्य के विकास और प्रशासन को लोगों के करीब लाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कैबिनेट सब कमेटी ने आज नए जिलों, उपमंडलों, तहसीलों और उप-तहसीलों के गठन को लेकर विस्तृत मंथन पूरा कर लिया है। कमेटी ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है, जिसे आज शाम तक मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास अंतिम फैसले के लिए भेज दिया जाएगा।
62 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद बनी अंतिम रिपोर्ट
कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन और पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने मीटिंग के बाद मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कमेटी को नए जिलों के गठन के लिए कुल बासठ (62) प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। कमेटी ने एक-एक प्रस्ताव पर गहन चर्चा की है। पंवार ने स्पष्ट किया कि अब मुख्यमंत्री नायब सैनी ही नए जिलों के गठन पर अंतिम फैसला लेंगे।
यह महत्वपूर्ण बैठक यूएलबी मिनिस्टर विपुल गोयल के आवास पर आयोजित की गई थी, जिसकी अध्यक्षता कृष्ण लाल पंवार ने की। मीटिंग में कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा भी मौजूद थे। कमेटी को जिलों के अलावा उपमंडल, तहसील और उप-तहसील के गठन के संबंध में कुल तिहत्तर (73) प्रशासनिक पुनर्गठन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
11 संभावित नए जिले, जिन पर मंथन
कैबिनेट सब कमेटी ने जिन संभावित ग्यारह स्थानों को नया जिला बनाने के प्रस्ताव पर मंथन किया है, उनमें कई महत्वपूर्ण और घनी आबादी वाले क्षेत्र शामिल हैं। इनमें करनाल से असंध, अंबाला से नारायणगढ़, गुरुग्राम से मानेसर और पटौदी, कैथल से पिहोवा, हिसार से हांसी और बरवाला, जींद से सफीदों, सोनीपत से गोहाना और सिरसा से डबवाली शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि हांसी और डबवाली को पहले ही पुलिस जिला घोषित किया जा चुका है, जिससे इनके पूर्ण जिला बनने की संभावना और प्रबल हो जाती है।
नए जिले बनाने के लिए निर्धारित मानदंड
नए जिलों के निर्माण की प्रक्रिया में कुछ सख्त मानदंड निर्धारित किए गए हैं ताकि प्रशासनिक दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कमेटी ने इन्हीं मानकों के आधार पर प्रस्तावों की जांच की है। नए जिले के निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि उस क्षेत्र में गांवों की संख्या एक सौ पच्चीस (125) से लेकर दो सौ (200) के बीच हो। इसके अलावा, प्रस्तावित नए जिले की जनसंख्या चार लाख से अधिक होनी चाहिए, और इसका क्षेत्रफल भी अस्सी हजार हेक्टेयर से अधिक होना चाहिए। उपमंडल, तहसील और उप-तहसील के गठन के प्रस्ताव भी इन्हीं मानकों के आधार पर तैयार किए गए हैं। कमेटी को गांव खुंगा (उचाना उपमंडल) को जींद उपमंडल में शामिल करने और गांव खानपुर रोरां (पेहोवा तहसील) को जींद उपमंडल में शामिल करने जैसे सुझाव भी मिले हैं।
अंतिम निर्णय की समय सीमा
इस पूरी प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण पहलू समय-सीमा है। भारत के रजिस्ट्रार जनरल एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार द्वारा जनगणना शुरू होने से पहले किसी भी प्रशासनिक सीमा में बदलाव की अंतिम तिथि इकत्तीस दिसंबर दो हजार पच्चीस (31 दिसंबर 2025) है। यदि राज्य सरकार इस अवधि में कोई निर्णय नहीं लेती है, तो प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव का अगला अवसर जून दो हजार सत्ताइस (जून 2027) के बाद ही मिल पाएगा। इसलिए, मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार को इन प्रस्तावों पर जल्द और निर्णायक फैसला लेना होगा।
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