15 अगस्त की लिस्ट में फेरबदल: अनिल विज अब यमुनानगर में फहराएंगे तिरंगा, जानें CM सैनी कहां करेंगे ध्वजारोहण

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी रोहतक में, अनिल विज यमुनानगर में और डॉ. अरविंद शर्मा सोनीपत में ध्वजारोहण करेंगे।
हरियाणा सरकार ने 15 अगस्त को होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए तीसरी संशोधित सूची जारी की है। इस नए बदलाव के तहत कैबिनेट मंत्री अनिल विज अब यमुनानगर में तिरंगा फहराएंगे। पहले उन्हें अपने गृह जिले अंबाला में राज्यपाल के साथ कार्यक्रम में शामिल होना था, लेकिन इस फैसले पर उठे विरोध के बाद यह बदलाव किया गया है।
विज की ड्यूटी को लेकर उठे थे सवाल
पिछली सूची में अनिल विज को राज्यपाल के साथ अंबाला में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री किसी जिले में खुद ध्वजारोहण न करके राज्यपाल के कार्यक्रम में उनकी अगवानी कर रहे हैं।
इससे पहले राज्यपाल के ध्वजारोहण समारोह में सिर्फ संबंधित जिले के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ही ऐसी भूमिका निभाते थे। इस विवाद के बाद सरकार ने नई सूची जारी कर विज की जिम्मेदारी बदल दी है।
सोनीपत और करनाल में तिरंगा फहराने की तैयारी तेज
• सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा अब सोनीपत जिले में ध्वजारोहण करेंगे।
• विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्डा को करनाल जिले में ध्वजारोहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन बदलावों से यह स्पष्ट है कि सरकार ने विवाद से बचने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि 15 अगस्त जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व पर किसी भी तरह की प्रशासनिक या राजनीतिक बहस न हो।
मुख्यमंत्री रोहतक में करेंगे ध्वजारोहण
यह दिलचस्प है कि हरियाणा में कई सालों से 15 अगस्त और 26 जनवरी के कार्यक्रमों को जारी किए जाने वाले पत्रों में 'राज्य स्तरीय समारोह' के रूप में नहीं दर्शाया जाता है। इस बार भी मुख्यमंत्री के रोहतक में ध्वजारोहण समारोह को 'राज्य स्तरीय' नहीं बताया गया है।
इसके विपरीत, पड़ोसी राज्य पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा फरीदकोट में ध्वजारोहण को 'प्रदेश स्तरीय समारोह' के रूप में दर्शाया गया है। यह प्रशासनिक परंपराओं में एक उल्लेखनीय अंतर है, जो दोनों राज्यों में अलग-अलग तरीकों से राष्ट्रीय पर्व मनाने की व्यवस्था को दिखाता है। इस नई सूची के बाद अब सभी जिलों में ध्वजारोहण की जिम्मेदारियां स्पष्ट हो गई हैं और उम्मीद है कि बिना किसी विवाद के कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न होंगे।
