हरियाणा 'लाडो लक्ष्मी योजना' में फर्जी आवेदन पकड़े: पुरुषों ने लगाई लेडीज की फोटो, 25 हजार आवेदन रद्द, पड़ोसी राज्यों का भी दावा

लाडो लक्ष्मी योजना में फर्जी आवेदन पकड़े गए।
हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी 'लाडो लक्ष्मी योजना', जिसके तहत राज्य की पात्र महिलाओं को हर महीने 2,100 रुपये की वित्तीय सहायता दी जानी है, एक बड़े फर्जीवाड़े की चपेट में आ गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए न केवल पड़ोसी राज्यों की महिलाओं ने आवेदन किया, बल्कि हरियाणा के पुरुषों ने भी महिलाओं की फोटो लगाकर फॉर्म भर दिए। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान ऐसे लगभग 25,000 फर्जी आवेदन पकड़े गए हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी के निर्देश पर, इन सभी आवेदनों को तुरंत खारिज कर दिया गया है, और अधिकारियों को सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
आवेदनों की संख्या में अंतर देखकर करवाया सत्यापन
सरकार के शक की शुरुआत आवेदनों की संख्या से हुई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 नवंबर तक इस स्कीम के लिए कुल 9 लाख 592 महिलाओं ने आवेदन किया था। जबकि सरकारी अनुमान बताता है कि स्कीम की नियम-शर्तों के दायरे में आने वाली पात्र महिलाओं की संख्या लगभग 7 लाख के आसपास है। आवेदनों की संख्या में यह बड़ा अंतर देखते हुए, सरकार ने व्यापक सत्यापन प्रक्रिया शुरू करवाई, जिसने फर्जीवाड़े की परतें खोल दीं।
पुरुष आवेदकों ने लगाया महिलाओं का मुखौटा
वेरिफिकेशन के दौरान सामने आया सबसे हैरान कर देने वाला मामला पुरुषों द्वारा की गई जालसाजी का था। जांच में 1,237 ऐसे आवेदन मिले जिनमें फोटो तो महिलाओं की लगी थी, लेकिन आवेदन करने वाला व्यक्ति पुरुष था। इन पुरुषों ने महिलाओं की फेक आईडी का इस्तेमाल करके फॉर्म भरा था।
कुछ कर्मचारियों ने बताया कि संतोष जैसे नामों वाले पुरुषों ने इसका विशेष लाभ उठाने की कोशिश की। चूंकि संतोष नाम महिलाओं और पुरुषों दोनों में समान रूप से प्रचलित है, इन पुरुषों ने इस समानता का फायदा उठाया और महिलाओं की फोटो लगाकर आवेदन कर दिया। यह दिखाता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले कितने शातिर तरीके अपना रहे थे।
पड़ोसी राज्यों ने भी किया हरियाणा की स्कीम पर दावा
यह योजना विशेष रूप से हरियाणा राज्य के निवासियों के लिए है, लेकिन पड़ोसी राज्यों की महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में इसका लाभ लेने की कोशिश की। सत्यापन में पाया गया कि पंजाब से 11,908, उत्तर प्रदेश से 4,785, हिमाचल प्रदेश से 2,732, दिल्ली से 2,932 और राजस्थान से 1,339 महिलाओं ने इस योजना के लिए आवेदन किया था। ये सभी आवेदन पात्रता मानदंडों को पूरा नहीं करते थे और इसलिए इन्हें रिजेक्ट कर दिया गया।
फर्जीवाड़े के लिए ये हथकंडे अपनाए गए
फर्जी आवेदन करने के लिए कई तरह की तकनीकी और कानूनी खामियों का फायदा उठाया गया। पहला आवेदकों ने परिवार पहचान पत्र (PPP) ID से छेड़छाड़ की। हरियाणा में सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए 8 अंकों की यूनिक फैमिली ID अनिवार्य है, और कुछ लोगों ने फर्जी आवेदन के लिए इसी ID में हेरफेर किया।
दूसरा, पड़ोसी राज्यों के वे लोग जो अस्थायी रूप से हरियाणा में रह रहे हैं, उन्होंने भी आवेदन किया। हरियाणा में राज्य का डोमिसाइल (अधिवास प्रमाण पत्र) केवल उसी व्यक्ति का बन सकता है जो लगातार 15 साल से यहां रह रहा हो। जांच में ऐसे कई टेंपरेरी रेजिडेंट्स पकड़े गए, जिनके पास या तो फर्जी डोमिसाइल था या वे पात्रता की शर्तें पूरी नहीं करते थे।
इस बड़े खुलासे के बाद सरकार ने सभी संबंधित अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है ताकि भविष्य में कोई भी फर्जी व्यक्ति इस जनकल्याणकारी योजना का लाभ न उठा सके और पात्र महिलाओं को ही इसका वास्तविक फायदा मिल सके।
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