हरियाणा: IAS का पद HCS को देने पर घमासान, कांग्रेस ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नियमों के उल्लंघन का आरोप

राजीव प्रसाद को विधानसभा सचिव नियुक्त किया।
हरियाणा विधानसभा में HCS अधिकारी की सचिव पद पर नियुक्ति ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। अंबाला से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने राज्यपाल असीम घोष को पत्र लिखकर इस नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे राज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था का अपमान बताया है और कहा है कि यह नियुक्ति नियमों के खिलाफ है, जिससे विधानसभा के कामकाज पर बुरा असर पड़ेगा। सांसद ने इस पद पर किसी सीनियर IAS अधिकारी की नियुक्ति की मांग की है।
पहली बार HCS अधिकारी की तैनाती
दरअसल, हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा कुछ HCS अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए गए थे। इस सूची में 2016 बैच के HCS अफसर राजीव प्रसाद को हरियाणा विधानसभा में सचिव पद पर नियुक्त किया गया है। यह अपने आप में एक अभूतपूर्व कदम है, क्योंकि यह पहली बार है जब इस महत्वपूर्ण पद पर किसी HCS अधिकारी की तैनाती की गई है। इससे पहले, इस पद पर हमेशा वरिष्ठ IAS अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाता रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि यह बदलाव न केवल स्थापित परंपराओं का उल्लंघन है, बल्कि नियमों के भी खिलाफ है।
राज्यपाल को भेजे पत्र में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी ने राज्यपाल को भेजे अपने पत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं।
• हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 के खिलाफ नियुक्ति : सांसद ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा है कि 20 जुलाई, 2025 को जारी किया गया नियुक्ति आदेश हरियाणा विधानसभा सचिवालय सेवा नियम, 1981 के वैधानिक नियमों का उल्लंघन करता है। उनके अनुसार, इन नियमों में HCS अधिकारी की इस पद पर नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है।
• सीनियर IAS अधिकारियों की परंपरा का उल्लंघन : चौधरी ने बताया कि अब तक केवल वरिष्ठ IAS अधिकारियों को ही सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि केवल 9 वर्ष की सेवा अवधि वाले एक कनिष्ठ अधिकारी को नियमों के विरुद्ध नियुक्त करना राज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था का सीधा अपमान है। उनका मानना है कि इस नियुक्ति से हरियाणा विधानसभा के कामकाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
• वरिष्ठ अफसरों का मनोबल गिरना : सांसद ने यह भी तर्क दिया है कि नियमों का उल्लंघन कर एक कनिष्ठ अधिकारी को विभागाध्यक्ष नियुक्त करने के कारण वरिष्ठ अधिकारियों और विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों का मनोबल पहले ही गिर चुका है। उन्होंने बताया कि सरकारी विभागों में भी विभागाध्यक्ष के पद पर आमतौर पर IAS अधिकारी ही होते हैं। हरियाणा विधानसभा सचिवालय राज्य की सर्वोच्च विधि-निर्माता संस्था है और वहां HCS अधिकारी को लगाना एक अपवाद है, जो उचित नहीं है।
सीनियर IAS अधिकारी की नियुक्ति हो
सांसद वरुण चौधरी ने हरियाणा के राज्यपाल से इस नियुक्ति के निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने दृढ़ता से मांग की है कि विधानसभा सचिव पद पर हरियाणा कैडर के किसी सीनियर IAS अधिकारी को ही नियुक्त किया जाए (यदि किसी अधिकारी को ही लगाना है)। उनका मानना है कि यह पद इतना महत्वपूर्ण है कि यहाँ केवल एक अनुभवी और उच्च पदस्थ अधिकारी को ही नियुक्त किया जाना चाहिए, जो विधानसभा की गरिमा और कार्यप्रणाली को बनाए रख सके।
कानूनी जानकारों की राय
इस मामले में कानूनी जानकारों की राय भी कांग्रेस के रुख का समर्थन करती दिख रही है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील हेमंत कुमार का कहना है कि विधानसभा सचिव पद की योग्यता के लिए सचिवालय सेवा नियमों में HCS अधिकारी का उल्लेख नहीं है। इसलिए, उनके अनुसार, राजीव प्रसाद की विधानसभा सचिव पद पर तैनाती के लिए सरकार को सेवा नियमों में संशोधन करना चाहिए।
हेमंत कुमार ने यह भी बताया कि उन्होंने इस संबंध में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण को एक ज्ञापन भेजा है। इस ज्ञापन में उन्होंने सेवा नियमों में तत्काल उपयुक्त संशोधन करने की अपील की है, ताकि HCS अधिकारी की विधानसभा सचिव पद पर तैनाती को पूर्ण कानूनी मान्यता प्राप्त हो सके और भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके। यह विवाद आने वाले समय में और गहरा सकता है, क्योंकि कांग्रेस और अन्य दल इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाए रख सकते हैं।
