सौगात: हरियाणा में संविदा महिला कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत, अब सालाना मिलेगी 22 दिन की अतिरिक्त CL

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी।
हरियाणा सरकार ने राज्य की संविदा महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब उन्हें प्रति वर्ष एक माह का अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश (Casual Leave - CL) मिल सकेगा। इस संबंध में हरियाणा के उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें सभी प्रधानाचार्यों को इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्णय राज्य की हजारों महिला अनुबंधित कर्मचारियों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है, जो उनके कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने में सहायक होगा।
साल में कुल 32 दिनों का अवकाश मिलेगा
नए नोटिफिकेशन के अनुसार हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) और आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत कार्यरत सभी महिला संविदा कर्मचारियों को अब हर महीने दो आकस्मिक अवकाश (CL) प्रदान किए जाएंगे। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि एक कैलेंडर वर्ष में इन अवकाशों की कुल संख्या 22 दिनों से अधिक नहीं होगी। यह अवकाश पहले से मिल रहे 10 दिन के चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) के अतिरिक्त होंगे, जिससे महिला कर्मचारियों को साल भर में कुल 32 दिनों तक का अवकाश मिल सकेगा।
यह फैसला हरियाणा सरकार द्वारा महिला कर्मचारियों के कल्याण और उनके कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने की दिशा में लिया गया है। पहले, संविदा कर्मचारियों के लिए अवकाश के नियम नियमित कर्मचारियों से भिन्न होते थे, जिससे उन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस नए नियम से उनकी स्थिति में काफी सुधार आएगा।
मुख्य सचिव ने भी जारी किए थे निर्देश
इस फैसले को लेकर हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की ओर से 4 जुलाई को पहले ही एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था। उस नोटिफिकेशन में भी सभी संबंधित विभागों और संस्थानों को इन अवकाशों को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। अब उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी विशिष्ट नोटिफिकेशन यह सुनिश्चित करता है कि शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत महिला संविदा कर्मचारियों को भी इसका पूरा लाभ मिले।
सरकार की प्रतिबद्धता
यह पहल कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए अधिक सहायक वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। अतिरिक्त आकस्मिक अवकाश से महिला कर्मचारियों को निजी या पारिवारिक आपात स्थितियों में बिना वेतन कटौती के छुट्टी लेने में आसानी होगी, जिससे उनकी उत्पादकता और संतुष्टि दोनों में वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कदम राज्य के अन्य विभागों में भी समान नीतियों को प्रोत्साहित कर सकता है, जिससे व्यापक स्तर पर संविदा महिला कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
