दिवाली से पहले CM सैनी का बड़ा ऐलान: हरियाणा के किसानों का कर्ज माफ, ट्यूबवेल बिल स्थगित, खराब फसलों का प्रति एकड़ 15,000 मुआवजा

Farmer compensation
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। 

जिन किसानों ने सहकारी समितियों से खरीफ का कर्ज लिया था, उनकी वसूली तुरंत रोक दी गई है। साथ ही, ट्यूबवेल बिजली बिलों का भुगतान भी दिसंबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया है।

हरियाणा के किसानों के लिए दिवाली से पहले बड़ी राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं में फसल क्षति मुआवजा देने, कर्ज वसूली रोकने और ट्यूबवेल के बिजली बिलों के भुगतान में छूट देने जैसे बड़े फैसले शामिल हैं, जो बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि मुआवजा राशि सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई जा रही है।

खराब फसलों का प्रति एकड़ ₹15,000 की मदद

मुख्यमंत्री सैनी ने घोषणा की कि बारिश और बाढ़ से खराब हुई फसलों का मुआवजा दिवाली से पहले किसानों को मिल जाएगा। सरकार ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है। 6,397 गांवों के लगभग 5 लाख 37 हजार किसानों ने लगभग 31 लाख एकड़ में खड़ी फसल के नुकसान के लिए पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। सरकार खराब फसलों के लिए किसानों को प्रति एकड़ ₹15,000 तक का मुआवजा दे रही है। यह कदम उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत है जिनकी खरीफ की फसल भारी बारिश और जलभराव के कारण नष्ट हो गई है।

खरीफ कर्ज की वसूली पर रोक

CM सैनी ने सहकारी समितियों से खरीफ की फसल के लिए कर्ज लेने वाले किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने आदेश दिया कि जिन गांवों में बाढ़ के कारण आधी से ज्यादा फसल बर्बाद हुई है, और उन गांवों के कर्जदार किसानों की एक तिहाई से ज़्यादा फसल खराब हो गई है, ऐसे किसानों से कर्ज की वसूली रोक दी जाएगी। इस निर्णय से लगभग 3 लाख किसानों को कर्ज के बोझ से तुरंत राहत मिलेगी। इन प्रभावित किसानों को अगली रबी की फसल के लिए भी नया कर्ज आसानी से मिल सकेगा।

ट्यूबवेल बिजली बिलों के भुगतान में छूट

किसानों पर वित्तीय दबाव को कम करने के लिए CM ने ट्यूबवेल कनेक्शनों के बिजली बिलों का भुगतान स्थगित करने की घोषणा की। जिन बिलों का भुगतान जुलाई, 2025 तक किया जाना था, उनका भुगतान अब दिसंबर, 2025 तक स्थगित किया जाता है। ये बिल अब जनवरी, 2026 से बिना किसी अतिरिक्त शुल्क या जुर्माने के देय होंगे। इस फैसले से प्रदेश के 7.10 लाख किसानों को तुरंत वित्तीय राहत मिलेगी।

सीधे खातों में भेजी जाएगी राशि

किसानों के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित अन्य नागरिकों के लिए भी मुआवजे का ऐलान किया। बाढ़ और जलभराव से घरों, घरेलू सामान और पशुओं के नुकसान के लिए 2,386 लोगों को मुआवजे के तौर पर ₹4 करोड़ 72 लाख 6 हजार की राशि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है। इस राशि में 2,371 मकानों के नुकसान के लिए ₹4 करोड़ 67 लाख 75 हजार और 13 पशुओं के नुकसान का मुआवजा शामिल है।

इसके अतिरिक्त, 1 नवंबर को लाडो लक्ष्मी योजना के तहत पात्र महिलाओं के खातों में ₹2,100 की राशि डाली जाएगी। इस योजना के संबंध में जानकारी के लिए टोल-फ्री नंबर 18001802231 और हेल्पलाइन नंबर 01724880500 भी जारी किया गया है।

MSP पर सरकार की गारंटी

मुख्यमंत्री ने खरीफ खरीद सीजन की प्रगति पर भी जानकारी दी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। 30 सितंबर तक अनाज मंडियों में 5 लाख मीट्रिक टन धान की आवक हुई है, जिसमें से 3 लाख 58 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। किसानों के खातों में लगभग ₹109 करोड़ की राशि डाली गई है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को बाजरे का MSP ₹2,775 प्रति क्विंटल मिले। अगर एजेंसियां MSP से कम दर पर बाजरा खरीदती हैं, तो अंतर की राशि (भावांतर) सरकार सीधे किसान को देगी। CM सैनी ने पंचायती राज संस्थाओं के विकास कार्यों को गति देने के लिए राज्य वित्त आयोग की दूसरी किस्त के रूप में ₹404 करोड़ 79 लाख की राशि भी जारी की, जो 5,719 पंचायतों, 144 पंचायत समितियों और 3 जिला परिषदों के खातों में जाएगी।

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